दुनिया भर में मंकीपॉक्स व कोरोना महामारी का कहर, दोनों के लक्षण में क्या है अंतर? आइए समझते हैं इन 10 प्लाइंट्स में

Let us understand about the symptoms of monkeypox and corona in these 10 points.
दुनिया भर में मंकीपॉक्स व कोरोना महामारी का कहर, दोनों के लक्षण में क्या है अंतर? आइए समझते हैं इन 10 प्लाइंट्स में
महामारी का प्रकोप दुनिया भर में मंकीपॉक्स व कोरोना महामारी का कहर, दोनों के लक्षण में क्या है अंतर? आइए समझते हैं इन 10 प्लाइंट्स में

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया में लोग अभी ठीक तरह से कोरोना वायरस के संक्रमण से उबर भी नही पाए थे कि इसी बीच एक नई महामारी की एंट्री हो गई। इस महामारी का नाम है- मंकीपॉक्स। इस महामारी के बढ़ते मामलों के देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्स को महामारी घोषित कर दी है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, यह वायरस कई देशों में तेजी से फैलने लगा हैं। गौरतलब है कि मंकीपॉक्स का पहला केस इसी साल  बीते 6 मई को आया था और अभी तक दुनिया के  78 देशों में 18 हजार से ज्यादा लोग मंकीपॉक्स से संक्रमित हो चुके हैं और पांच लोगों की मौत भी हो चुकी हैं। इससे से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह महामारी कितनी तेजी से दुनियाभर में मुंह फैला रही है।

भारत में भी मंकीपॉक्स के अबतक 4 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें तीन मामले केरल और एक नई दिल्ली में मिला है। भारत सरकार ने भी संक्रमण बढ़ने की आशंका को देखते हुए , मंकीपॉक्स के खिलाफ वैक्सीन बनाने के लिए टेंडर निकाल दिया हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि मंकीपॉक्स और कोरोना से संक्रमित होने के लक्षण लगभग एक जैसे ही दिखते हैं। ऐसे में कई लोगों को मंकीपॉक्स और कोरोना के संक्रमण में एक जैसी बीमारी होने का कन्फ्यूजन भी हो सकता है। लेकिन ये दोनो अलग-अलग वायरस हैं, कोरोना के लक्षणों की तीव्रता और गंभीरता ज्यादा होती हैं। आइए समझते हैं मंकीपॉक्स और कोरोना के लक्षणों में क्या-क्या अंतर हैं?

1- मंकीपॉक्स और कोरोना वायरस के नाम अंतर 

कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2  के कारण होता हैं। वहीं मंकीपॉक्स का वायरस पॉक्सवीरीडे फैमिली का ऑर्थोपॉक्सवायरस है।  वेरीयोला वायरस भी इसी फैमली का हिस्सा हैं। जिससे चेचक होता हैं।  कोरोना वायरस 2019 के आखिरी में फैलना शुरू हुआ था जबकि मंकीपॉक्स दशकों से हमारे बीच हैं लेकिन मंकीपॉक्स का यह वैरिएंट नया है।
 

2. मंकीपॉक्स और कोरोना के लक्षणों मे अंतर 

मंकीपॉस्क लक्षण को इन पांच प्वाइंट्स में समझे

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कोरोना लक्षण को इन पांच प्वाइंट्स में समझे

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3. मंकीपॉक्स और कोरोना संक्रमण का प्रभाव

मंकीपॉक्स- ह्यूमन टू ह्यूमन ट्रांसमिशन होता हैं। एक मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है। संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से, यानि कि यौन संबंध बनाने से या उसके कपड़ों और दूसरी चीजों का इस्तेमाल करने से संक्रमण फैलता है।

करोना-   करोना से संक्रमित व्यक्ति दूसरों में भी संक्रमण फैल सकता हैं और यह हवा के जरिए भी फैलता है। 

4. मंकीपॉक्स और कोरोना वायरस में अंतर

मंकीपॉक्स और कोरोना वायरस दोनों ही संक्रामक बीमारी हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, मंकीपॉक्स की तुलना में कोरोना ज्यादा संक्रामक बीमारी है। किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने भर से ही कोरोना फैल जाता है, लेकिन मंकीपॉक्स इससे थोड़ा सा अलग है। मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति से आप दूरी बनाकर रहें। संक्रमित व्यक्ति के कपड़ो और उसके चीजों का इस्तेमाल न करें। तभी संक्रमण से बचा जा सकता है। 
 

5. मंकीपॉक्स और कोरोना बीमारियों में अंतर?

कोरोना वायरस सबसे पहले फेफड़ों पर हमला करता हैं और इसकी वजह से सांस लेने में तकलीफ होती हैं, जबकि  इससे अलग मंकीपॉक्स में संक्रमित होने पर शरीर पर चकत्ते पड़ जाते हैं।
 

6. मंकीपॉक्स और कोरोना मे ज्यादा गंभीर कौन सा वायरस?

कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति की हालात ज्यादा गंभीर होने पर मौत का खतरा बढ जाता हैं लेकिन मंकीपॉक्स कम मामले धातक साबित होता हैं। दुनियाभर में मंकीपॉक्स से अभी तक 5 लोगों की जान चली गई हैं तो वहीं कोरोना वायरस से दुनियाभर में 64.12 लाख से ज्यादा लोग की मौत हो चुकी हैं.

7. मंकीपॉक्स और कोरोना में लक्षण कब दिखते हैं?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना वायरस के लक्षण दिखने में 14 दिन, जबकि मंकीपॉक्स का 21 दिन में लक्षण दिखाई देते हैं। कई मामले में दोनों वायरस के लक्षण कम दिनों में दिखने लगते हैं।

8. मंकीपॉक्स और कोरोना से संक्रमित मरीज को ठीक होने में लगेगा समय

यदि व्यक्ति कोरोना वैक्सीन लगवाये हुए हैं  तो बीमारी ठीक होने में ज्यादा समय नही लगता हैं. कोरोना संक्रमित व्यक्ति को 4-5 दिन में ठीक हुआ जा सकता हैं तो वही मंकीपॉक्स का अभी तक कोई ठोस इलाज भी नही हैं। और इससे ठीक होने में 2 से 4 हफ्ते वक्त लग सकता हैं।
 

9. मंकीपॉक्स और कोरोना का वैक्सीन कितनी हद तक कारगर 

पिछले डेढ़ साल से दुनिया भर में लोगों को कोरोना का वैक्सिनेशन किया जा रहा है। भारत मे भी अब तक 200 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। कोरोना की वैक्सीन काफी असरदार साबित भी हुई है। वही मंकीपॉक्स की कोई भी वैक्सीन नही आयी है। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि चेचक की वैक्सीन इस बीमारी में 85 फीसदी कारगर साबित होगी।

10- मंकीपॉक्स व कोरोना का फ्यूचर

गौरतलब है कि दुनियाभर में इन दिनों मंकीपॉक्स व कोरोना दोनों काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। हर देश इस गंभीर बीमारी से जूझ रहा है। भारत में भी इस संक्रमण में काफी तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बीमारी से बचने का एकमात्र उपाय वैक्सीनेशन है।

Created On :   28 July 2022 10:31 PM IST

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