जानिए मोदी सरकार के 9 बजटों के हाल, किस -किस बजट में क्या-क्या रहा खास
- मोदी सरकार के 9 बजटों के हाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मोदी सरकार की ओर से अब तक 9 बजट पेश की जा चुकी है। इस बार वह अपना 10वां बजट देश के समक्ष पेश करने वाली है। साल 2014 से सत्ता में काबिज हुई भाजपा सरकार ने कई बड़े-बड़े फैसले लिए हैं। जिनमें आम जन से लेकर मीडिल क्लास के लोगों का पूरा ख्याल रखने का काम किया है। मोदी सरकार में फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण का यह चौथा बजट होगा जो पूरी तरह से पूर्णकालिक रहेगा। वहीं मोदी सरकार ने बजट में कई तरह के बदलाव किए हैं। जिसमें सबसे प्रमुख रहा रेलवे बजट को आम बजट के साथ ही पेश करना। ब्रिटिश परंपराओं को तोड़ते हुए बजट को भारतीय रूप से एक नया स्वरूप देने का काम किया। आइए मोदी सरकार के नौ ऐसे बजटों की बात करते हैं जिनमें क्या कुछ खास रहा था।
2014 का बजट (वित्त मंत्री: अरुण जेटली)
साल 2014 में यूपीए की सरकार ने फरवरी माह में अंतरिम बजट पेश किया था। क्योंकि इसी साल लोकसभा चुनाव होने वाले थे। चुनाव में प्रचंड जीत के बाद मोदी सरकार ने जुलाई 2014 में देश का पूरा आम बजट संसद के पलट पर रखा। उस समय तत्कालीन वित्त मंत्री रहें अरूण जेटली ने देश के समक्ष बजट रखा था। मोदी सरकार ने 2 लाख से 2.50 लाख तक की टैक्स सीमा बढ़ा दी थी। जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए 2.50 से तीन लाख रूपये तक की सीमा कर दी थी। इसके अलावा सरकार ने बड़ा बदलाव करते हुए सेक्शन 80 (सी) के तहत टैक्स डिडक्शन की क्षमता 1.1 लाख रूपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रूपये तक कर दी थी।
2015 का बजट
साल 2015 के बजट में मोदी सरकार ने वेल्थ टैक्स को खत्म कर दिया था। वहीं एक साल में 1 करोड़ इनकम वाले इंडिविजुअल्स पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़कार 12 फीसदी टैक्स कर दिए थे। इसके अलावा सुकन्या समृद्धि योजना मे निवेश पर मिलने वाले ब्याज को सरकार ने टैक्स फ्री करने की घोषणा कर दी थी। तत्कालीन वित्त मंत्री अरूण जेटली ने संसद के पलट पर एनपीएस में निवेश करने वालों को 50 हजार रूपये की टैक्स छूट देने का एलान किया। जिसका फायदा सीधे तौर पर बीमा क्षेत्र में देखने को मिला। वित्त मंत्री ने व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स डिडक्शन लिमिट 15 हजार रुपये से बढ़कर 25 हजार रुपये कर दिया था।
2016 का बजट
मोदी सरकार की 2016 बजट के प्रमुख बिंदुओं को रेखांकित करे तो वित्त मंत्री ने 5 लाख से सालाना कमाने वालों के लिए टैक्स रिबेट में बढ़ोत्तरी कर दी थी। वहीं घर का किराया देने वालों के लिए सेक्शन 80 जीजी के तहत टैक्स छूट को 24 हजार से बढ़ाकर 60 हजार कर दिया था । जिसे किराए दारों को कुछ राहत मिले। साल 2016 के बजट में एक करोड़ रूपये से अधिक सालाना आय वाले इंडिविजुअल्स पर सरचार्ज 3 फीसदी की और बढ़ोतरी करते हुए 15 फीसदी कर दिया था।
2017 का बजट
इस साल मोदी सरकार ने ब्रिटिश परपंरा को ध्वस्त करते हुए अपनी एक परंपरा बनाई थी। दरअसल, इस साल रेलवे और आम बजट दोनों एकसाथ ही पेश किए गए थे। इससे पहले रेलवे बजट को आम बजट के एक दिन पहले ही घोषित कर दिया जाता था। इस साल के बजट में करदाताओं को सरकार ने 12,500 रूपये का टैक्स रिबेट दिया था। जबकि 2.5 से 5 लाख रूपये पर लगने वाले टैक्स पर 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया। वहीं बजट में राजनीति पार्टियों के लिए भी प्रवाधान रहा। साल 2017 के बजट में राजनीतिक दलों के लिए प्रवाधान रहा था कि वो केवल चंदे में 2 हजार रूपये तक के कैश ले सकते हैं।
2018 का बजट
इस साल के बजट में वरिष्ठ नागरिकों को सरकार ने ध्यान में रखा। इनके लिए 50 हजार रूपये तक की ब्याज दर में छूट दिए गए थे, जो इसके पहले केवल 10 हजार रूपये रहे। मोदी सरकार ने इक्विटीज से 1 लाख रुपये से अधिक के लांग टर्म कैपिटल गेन्स (एलटीसीजी) पर 10 फीसदी टैक्स लगाया। जबिक 250 करोड़ रूपये तक के एमएसईएम के कारोबर पर टैक्स स्लैब 25 फीसदी तक बढ़ाया था। हालांकि, इस बार टैक्स स्लैब में मीडिल क्लास को निराशा हाथ लगी थी। सरकार ने कोई टैक्स में छूट नहीं दिया था।
2019 का बजट (वित्त मंत्री: निर्मला सीतारमण)
साल 2019 में लोकसभा चुनाव होने की वजह से मोदी सरकार ने अंतिरिम बजट पेश की थी। जिसमें टैक्स रिबेट की लिमिट 2500 रूपये बढ़ाकर 12500 रूपये कर दी गई। स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रूपये कर दी गया। इसी के साथ किराए पर टीडीएस की सीमा को 1.80 लाख रूपये से बढ़ाकर 2.40 लाख रूपये तक कर दिया गया। वहीं बैंक डाकघरों में 40 हजार रूपये जमा करने पर टैक्स फ्री कर दिया गया। इसके बाद एक बार फिर मोदी सरकार ने देश का पूर्ण आम बजट पेश किया। इस बार निर्माला सीतारमण ने बजट पेश किए। इसमें 2 से 5 करोड़ आमदनी पर सरचार्ज 3 फीसदी जबकि 5 करोड़ से ज्यादा की आय पर सरचार्ज 7 फीसदी बढ़ाया गया। इस बजट में चालू खाता में 1 करोड़ रूपये से अधिक जमा करने, एक लाख से अधिक बिजली बिल भुगतान करने और एक साल में विदेश यात्रा पर दो लाख रूपये खर्च करने के लिए आईटीआर दाखिल करना अनिर्वाय किया गया था।
2020 का बजट
साल 2020 के बजट में वैकल्पिक आयकर स्लैब्स की पेशकश की गई। इसके आ जाने से अब करदाताओं को पुराना परंपरागत इनकम टैक्स स्लैब और नया वैकल्पिक टैक्स स्लैब दोनों उपलब्ध हैं। सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए कंपनियों और म्यूचुअल फंड्स की ओर से दिए जाने वाली डिविडेंड पर डीडीटी को खत्म कर दिया। वहीं 75 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को ध्यान में रखते हुए उनके पेंशन में टैक्स की छूट दी गई।
2021 का बजट
साल 2021-22 के बजट में न्यू इंडिया का खाका वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने देश के सामने रखा। स्टार्टअप कंपनियों के लिए टैक्स होलीडे को एक साल के लिए बढ़ाया गया था। वहीं सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में इन्फ्रा सेक्टर के विकास के लिए 40 हजार करोड़ रूपये आवंटित किए थे। संसद के पटल पर वित्त मंत्री ने पांच प्रमुख फिशिंग हब बनाने की भी पेश कश की थी। वहीं अपने भाषण में वित्त मंत्री ने बीमा सेक्टर में एफडीआई की सीमा को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी तक करने की घोषणा करी थी।
Created On :   30 Jan 2023 2:18 PM GMT