भारत अपनी सैन्यशक्ति प्रदर्शित करने को तैयार

India ready to display its military power
भारत अपनी सैन्यशक्ति प्रदर्शित करने को तैयार
गणतंत्र दिवस भारत अपनी सैन्यशक्ति प्रदर्शित करने को तैयार
हाईलाइट
  • राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 73वां गणतंत्र दिवस मनाने के लिए देश का नेतृत्व करेंगे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बुधवार (26 जनवरी) को भारत का 73वां गणतंत्र दिवस मनाने के लिए देश का नेतृत्व करेंगे। इस वर्ष का समारोह विशेष है, क्योंकि यह गणतंत्र दिवस स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में आया है, जिसे पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है।

इस अवसर को चिह्न्ति करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को राजपथ पर मुख्य परेड के दौरान और 29 जनवरी को विजय चौक पर बीटिंग द र्रिटीट समारोह के लिए नए कार्यक्रमों की एक श्रृंखला तैयार की है। यह तय किया गया है कि गणतंत्र दिवस समारोह अब हर साल 23 से 30 जनवरी तक एक सप्ताह का होगा।

समारोह 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती से शुरू होगा और 30 जनवरी को समाप्त होगा, जिसे 1948 में महात्मा गांधी की हत्या की वर्षगांठ को चिह्न्ति करने के लिए शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के दौरे के साथ होगी, जहां वह शहीद हुए वीरों को पुष्पांजलि अर्पित करने में देश का नेतृत्व करेंगे।

इसके बाद प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति परेड देखने के लिए राजपथ पर बने सलामी मंच पर जाएंगे। परंपरा के अनुसार, राष्ट्रगान के बाद राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा और 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। परेड की शुरुआत राष्ट्रपति कोविंद के सलामी लेने के साथ होगी। इसकी कमान दूसरी पीढ़ी के सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा संभालेंगे।

दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल आलोक काकर परेड सेकेंड-इन-कमांड होंगे। सर्वोच्च वीरता पुरस्कारों के गौरवशाली विजेताओं को इसके बाद परमवीर चक्र और अशोक चक्र से सम्मानित किया जाएगा। परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कप्तान, 18 ग्रेनेडियर्स) योगेंद्र सिंह यादव और सूबेदार (मानद लेफ्टिनेंट, 13 जेएके राइफल्स) संजय कुमार और अशोक चक्र विजेता कर्नल डी. श्रीराम कुमार जीपों पर डिप्टी परेड कमांडर का अनुसरण करेंगे। परमवीर चक्र दुश्मन के सामने बहादुरी दिखाने और आत्म-बलिदान के सबसे विशिष्ट कार्य के लिए दिया जाता है। अशोक चक्र वीरता और आत्म-बलिदान जैसे कार्यो के लिए दिया जाता है।

भारतीय सेना की टुकड़ी

तत्कालीन ग्वालियर लांसर्स की वर्दी में पहली टुकड़ी 61 कैवलरी होगी, जिसका नेतृत्व मेजर मृत्युंजय सिंह चौहान करेंगे। 61 कैवेलरी दुनिया में एकमात्र सक्रिय सेवारत हॉर्स कैवेलरी रेजिमेंट है। इसे 1 अगस्त, 1953 को छह राज्य बलों की घुड़सवार सेना इकाइयों के समामेलन के साथ स्थापित किया गया था। भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व 61 कैवेलरी के घुड़सवार कॉलम, 14 मशीनीकृत कॉलम, छह मार्चिग टुकड़ियों और आर्मी एविएशन के एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर्स (एएलएच) द्वारा किया जाएगा।

एक टैंक पीटी-76 और सेंचुरियन (ऑन टैंक ट्रांसपोर्टर) और दो एमबीटी अर्जुन एमके-आई, एक एपीसी टोपास और बीएमपी-1 (ऑन टैंक ट्रांसपोर्टर) और दो बीएमपी-2, एक 75/24 टोड गन (वाहन पर) और दो धनुष गन सिस्टम, एक पीएमएस ब्रिज और दो सर्वत्र ब्रिज सिस्टम, एक एचटी-16 (ऑन व्हीकल) और दो तरंग शक्ति इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, एक टाइगर कैट मिसाइल और दो आकाश मिसाइल सिस्टम मैकेनाइज्ड कॉलम में मुख्य आकर्षण होंगे।

राजपूत रेजीमेंट, असम रेजीमेंट, जम्मू-कश्मीर लाइट रेजीमेंट, सिख लाइट रेजीमेंट, आर्मी ऑर्डनेंस कोर और पैराशूट रेजीमेंट समेत सेना के कुल छह मार्चिग दस्ते वहां होंगे। मद्रास रेजिमेंटल सेंटर, कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर, मराठा लाइट रेजिमेंटल सेंटर, जम्मू और कश्मीर लाइट रेजिमेंटल सेंटर, आर्मी मेडिकल कोर सेंटर और स्कूल, 14 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर, आर्मी सप्लाई कोर सेंटर और कॉलेज, बिहार रेजिमेंटल सेंटर और आर्मी ऑर्डनेंस का एक संयुक्त बैंड वाहिनी केंद्र भी सलामी मंच के आगे मार्च करेगा।

विकास प्रदर्शित करने के लिए दिखाए जाएंगे सैनिकों की वर्दी और हथियार 

मार्चिग दस्तों का विषय पिछले 75 वर्षों में भारतीय सेना की वर्दी और हथियारों के विकास का प्रदर्शन होगा। राजपूत रेजिमेंट की टुकड़ी 1947 की भारतीय सेना की वर्दी पहने हुए होगी, जिसमें 303 राइफलें होंगी। असम रेजीमेंट 303 राइफल लेकर 1962 की वर्दी पहनेगी। जम्मू और कश्मीर लाइट रेजिमेंट 1971 के दौरान पहनी जाने वाली वर्दी में होगी और 7.62 मिमी सेल्फ-लोडिंग राइफल ले जाएगी।

सिख लाइट रेजिमेंट और सेना आयुध कोर की टुकड़ी वर्तमान में 5.56 मिमी इंसास राइफलों के साथ वर्दी में होगी। पैराशूट रेजिमेंट की टुकड़ी भारतीय सेना की नई लड़ाकू वर्दी पहनेगी, जिसका 15 जनवरी को अनावरण किया गया था और इसमें 5.56 मिमी इंसास राइफलें होंगी।

भारतीय नौसेना दल 

नौसेना दल में 96 युवा नाविक और लेफ्टिनेंट कमांडर आंचल शर्मा के नेतृत्व में चार अधिकारी आकस्मिक कमांडर के रूप में शामिल होंगे। इसके बाद नौसेना की झांकी होगी जिसे भारतीय नौसेना की बहुआयामी क्षमताओं को प्रदर्शित करने और आत्मनिर्भर भारत के तहत प्रमुख प्रेरणों को उजागर करने के उद्देश्य से बनाया गया है। चल रहे आजादी का अमृत महोत्सव की झांकी भी विशेष रूप से दिखाई जाएगी।

भारतीय वायुसेना की टुकड़ी 

भारतीय वायुसेना की टुकड़ी में 96 एयरमैन और चार अधिकारी शामिल हैं और इसका नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर प्रशांत स्वामीनाथन करेंगे। वायुसेना की झांकी का शीर्षक भारतीय वायुसेना, भविष्य के लिए परिवर्तन है। झांकी में मिग-21, जीनैट, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर और राफेल विमान के स्केल डाउन मॉडल के साथ-साथ अश्लेषा रडार भी प्रदर्शित किए गए हैं। झांकियों के शीर्षक भारतीय नौसेना की पनडुब्बियों के लिए विकसित स्वदेशी रूप से विकसित सेंसर, हथियार और एलसीए तेजस के लिए इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन सिस्टम हैं।

अन्य झांकी 

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) देश की रक्षा तकनीक में प्रगति को दर्शाने वाली दो झांकियां प्रदर्शित करेगा। इसके बाद 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और नौ मंत्रालयों और विभागों की झांकियां होंगी, जिन्हें आजादी का अमृत महोत्सव के तहत विभिन्न विषयों पर तैयार किया गया है। इस झांकी के बाद एक अखिल भारतीय नृत्य प्रतियोगिता वंदे भारतम् के माध्यम से चुनी गईं 480 नर्तकियां सांस्कृतिक नृत्य प्रदर्शित करेंगी। यह पहली बार है कि परेड के दौरान प्रदर्शन करने वाले नृत्य समूहों को अखिल भारतीय स्तर की प्रतियोगिता के आधार पर चुना गया है। इसके बाद बीएसएफ की सीमा भवानी मोटरसाइकिल टीम और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के हिमवीर द्वारा मोटरसाइकिल का प्रदर्शन किया जाएगा।

ग्रैंड फ्लाई पास्ट 

भव्य समापन और परेड का सबसे उत्सुकता से प्रतीक्षित खंड, फ्लाई पास्ट, पहली बार, भारतीय वायुसेना के 75 विमानों/हेलीकॉप्टरों में कई प्रकार की संरचनाओं का प्रदर्शन करेगा। राफेल, सुखोई, जगुआर, एमआई-17, सारंग, अपाचे और डकोटा जैसे पुराने और साथ ही वर्तमान आधुनिक विमान/हेलीकॉप्टर राहत, मेघना, एकलव्य, त्रिशूल, तिरंगा, विजय और अमृत सहित विभिन्न संरचनाओं को प्रदर्शित करेंगे। समारोह का समापन राष्ट्रगान और तिरंगे गुब्बारों के साथ होगा। भारतीय वायुसेना ने पहली बार फ्लाई पास्ट के दौरान कॉकपिट वीडियो दिखाने के लिए दूरदर्शन के साथ समन्वय किया है।

(आईएएनएस)

Created On :   25 Jan 2022 7:00 PM IST

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