डेल्टा वैरिएंट की तुलना में कितना खतरनाक है ओमिक्रॉन वैरिएंट? एक्सपर्ट ने दिया जवाब
- इस वैरिएंट में 50 से ज्यादा म्यूटेशन हैं
- ओमिक्रॉन वैरिएंट दुनियाभर के 38 देशों तक पहुंच चुका है
- ओमिक्रॉन से अभी तक एक भी मौत रिपोर्ट नहीं की गई है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन तेजी से पूरी दुनिया में अपने पैर पसार रहा है। दक्षिण अफ्रीका में पहली बार स्पॉट किया गया यह वैरिएंट दुनियाभर के 38 देशों तक पहुंच चुका है। भारत की बात करे तो पांच राज्यों में 23 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। हालंकि, ओमिक्रॉन से अभी तक एक भी मौत रिपोर्ट नहीं की गई है। इस वैरिएंट में 50 से ज्यादा म्यूटेशन हैं और ये लॉस ऑफ टेस्ट एंड स्मैल या सांस में तकलीफ जैसे लक्षणों को भी ट्रिगर नहीं करता है।
उधर, भारत में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 8,439 नए मामले सामने आए हैं और 195 लोगों की मौत हुई है।
इस बीच अमेरिका के इंफेक्शियस डिसीज एक्सपर्ट डॉ. एंथॉनी फाउची ने मंगलवार को कहा कि SARS-CoV-2 के नए वैरिएंट को देखते हुए कई देशों ने अपनी सीमाओं को फिर से बंद कर दिया है, लेकिन यह पिछले डेल्टा सहित अन्य वैरिएंट्स से ज्यादा खतरनाक नहीं है।
एएफपी को दिए गए एक इंटरव्यू में फाउची ने कहा कि वैरिएंट की पूरी तस्वीर सामने आने में अभी थोड़ा समय और लग सकता है। हालांकि नए वैरिएंट को लेकर कुछ बातें बिल्कुल स्पष्ट हो चुकी हैं।
नए वैरिएंट ओमिक्रॉन फैलने की रफ्तार को लेकर डॉ. फाउची ने कहा कि ओमिक्रॉन स्पष्ट रूप से अधिक संक्रामक है और डेल्टा वैरिएंट की तुलना से इसकी फैलने की रफ्तार बहुत अधिक है।
वैक्सीनेशन और इम्युनिटी के बारे में पूछे जाने के जवाब में फाउची ने कहा कि पुराना वैक्सीन इस पर प्रभावी रूप से काम कर रहा है और पूरी दुनिया से मिल रहा एपिडेमायोलॉजी डेटा खुद इस बात का सबूत है। आगे उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन के खिलाफ मौजूदा वैक्सीन से बनने वाली एंटीबॉडीज की लैब टेस्टिंग का रिजल्ट कुछ दिनों के भीतर आ जाना चाहिए।
वैरिएंट की गंभीरता के बारे में पूछे गए सवाल पर डॉक्टर फाउची ने कहा कि ओमिक्रॉन निश्चित रूप से डेल्टा से ज्यादा खतरनाक नहीं है। उन्होंने कहा, "ओमिक्रॉन पिछले वैरिएंट्स की तुलना में कम खतरनाक हो सकता है। अगर आप दक्षिण अफ्रीका की तरफ नजर घुमाएं तो देखेंगे कि वहां संक्रमितों की संख्या और अस्पताल में दाखिल होने वाले मरीजों की संख्या डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले कम है।"
फाउची ने आगे कहा, "ये अच्छी बात है कि एक तेजी से फैलने वाला वैरिएंट बहुत ज्यादा गंभीर हालात पैदा नहीं कर रहा है और ना ही हॉस्पिटलाइजेशन और मौत का खतरा बढ़ा रहा है। हालात उस वक्त बदतर होंगे जब तेजी से फैलने वाला वैरिएंट गंभीर बीमारी का कारण बनेगा। मुझे नहीं लगता है कि ऐसी कोई खराब स्थिति आने वाली है। लेकिन आप इस बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते हैं।"
Created On :   9 Dec 2021 1:13 AM IST