Floods: देश में हमेशा के लिए कैसे खत्म हो बाढ़ की समस्या, मास्टर प्लान बनाने में जुटे अमित शाह

- देश में बाढ़ की समस्या का समाधान ढूंढने की कोशिश
- मास्टर प्लान बनाने में जुटे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में हर साल आने वाली बाढ़ से कई हिस्सों में होने वाली तबाही को देखते हुए अब गृह मंत्रालय इसका स्थाई समाधान ढूंढने की कोशिशों में जुटा है। गृहमंत्री अमित शाह ने इसके लिए गृह मंत्रालय के निर्देशन में दूसरे मंत्रालयों के अफसरों को मिलकर काम करने का निर्देश दिया है। अमित शाह का मास्टर प्लान सफल रहा तो फिर देश में बाढ़ से हर साल होने वाले जान-माल के भारी नुकसान को रोकने में मदद मिलेगी।
इस सिलसिले में गृहमंत्रालय में शुक्रवार को एक हाई लेवल मीटिंग के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने बाढ़ की स्थिति से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने मानसून और देश भर की बाढ़ संभावित नदियों की स्थिति के बारे में जानकारी ली। गृहमंत्रालय के अफसरों के मुताबिक, बैठक में गृहमंत्री ने जो फैसले लिए हैं, उससे बाढ़ के प्रकोप से फसलों, संपत्ति, आजीविका के साथ जिंदगियां बचाने में मदद मिलेंगी। इससे लाखों परिवारों को राहत मिलेगी।
गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार, पूर्वोत्तर राज्यों और उत्तर प्रदेश में बाढ़ की समस्या का स्थाई समाधान ढूंढने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि संबंधित अफसर इस दिशा में प्राथमिकता के आधार पर काम करें। उन्होंने जल शक्ति मंत्रालय और केंद्रीय जल आयोग को देश भर के प्रमुख बांधों की वास्तविक भंडारण क्षमता की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया। जिससे अधिक पानी होने पर उसकी समय से निकासी हो और बाढ़ आने से रोका जा सके। उन्होंने जानमाल के कम से कम नुकसान के लिए एक सुनियोजित योजना बनाने का निर्देश दिया। बाढ़ और जलस्तर की भविष्यवाणी के लिए संबंधित एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल पर उन्होंने जोर दिया।
दरअसल, देश में कुल 40 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र बाढ़ प्रभावित इलाके में शामिल है। जिसमें गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों का बेसिन प्रमुख है। इस एरिया में आने वाले असम, बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित राज्य हैं। मीटिंग में यह बात सामने आई कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, प्रभावित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सटीक मौसम पूर्वानुमान प्रदान कर रहा है, लेकिन देश के विभिन्न हिस्सों में नदियों के तेज प्रवाह और नदी के तटबंधों के टूटने के कारण बाढ़ का सामना करना पड़ा है, जिससे खड़ी फसलों और जान माल का भारी नुकसान होता है।
बैठक के दौरान जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के सचिव ने प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने नेपाल में चल रही परियोजनाओं, बांध, बाढ़ सुरक्षा उपायों, बाढ़ के पूवार्नुमान, गंगा और ब्रह्मपुत्र बेसिन में बाढ़ के प्रभाव को कम करने की तैयारियों के बारे में जानकारी दी। भारतीय मौसम विभाग, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के अफसरों ने भी इस दौरान अपनी तैयारियों का प्रजेंटेशन दिया।
Created On :   3 July 2020 10:30 PM IST