पंचकूला हिंसा केस में हनीप्रीत को राहत, देशद्रोह के आरोप हटने के बाद मिली जमानत
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। हरियाणा की पंचकूला में 2017 में हुई हिंसा के मामले में हनीप्रीत इंसां को बुधवार को एक अदालत ने जमानत दे दी। हनीप्रीत डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की गोद ली हुई बेटी है। हनीप्रीत और 39 अन्य पर से चार दिन पहले कोर्ट ने देशद्रोह की धारा हटाई थी। इसके बाद बुधवार को हनीप्रीत ने कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। जमानत मिलने के बाद हनीप्रीत शाम को अंबाला जेल से बाहर आई।
पंचकूला सीजेएम रोहित वत्स की कोर्ट ने हनीप्रीत की याचिका मंजूर करते हुए जमानत देने का फैसला किया। पिछले हफ्ते 2 नवंबर को हनीप्रीत और अन्य आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 216, 145, 150, 151, 152, 153 और 120 बी के तहत आरोप तय किए गए थे, जबकि IPC की धारा 121 और 121 ए को हटा दिया गया था। इस मामले की सुनवाई एडिशनल सेशन जज संजय संधीर की कोर्ट में हुई थी। इसके बाद केस को सीजेएम कोर्ट में ट्रांसफर किया गया।
जब अदालत ने राजद्रोह के आरोप हटा दिए थे, तो हनीप्रीत के वकील ध्रुव गुप्ता ने कहा कि जमानत के लिए आवेदन करना एक "अच्छा आधार" था। हनीप्रीत अक्टूबर 2017 से अंबाला केंद्रीय जेल में न्यायिक हिरासत में है।
बता दें कि पुलिस ने इस मामले में 1200 पन्नों की चार्जशीट पेश की थी। पुलिस की ओर से दायर चार्जशीट के मुताबिक हनीप्रीत और 45 सदस्यीय डेरा प्रबंधन समिति ने हिंसा भड़काने की योजना बनाई थी। बैठक में तय किया गया था कि अगर गुरमीत राम रहीम को रेप के मामले में दोषी ठहराया जाता है तो फिर हिंसा भड़काई जाएगी। पुलिस ने कहा कि 17 अगस्त, 2017 को सिरसा के डेरा मुख्यालय में साजिश रची गई थी। अभियोजन पक्ष ने कहा कि गुरमीत राम रहीम, आदित्य इंसां, हनीप्रीत इस बैठक में शामिल हुए थे।
साध्वी यौन शोषण मामले में राम रहीम को सजा होने के बाद 25 अगस्त 2017 को पंचकूला में हिंसा भड़की थी। इस हिंसा में 41 लोग मारे गए और 260 से अधिक घायल हो गए थे।इसके बाद से पुलिस हनीप्रीत को ढूंढ रही थी, लेकिन वह 38 दिनों तक पुलिस के हाथ नहीं आई। पुलिस ने दावा किया था कि उन्होंने हनीप्रीत को पंजाब से पकड़ा है। इसके बाद से वह अंबाला जेल में बंद है। गुरमीत राम रहीम को दो महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले में 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई है।
Created On :   6 Nov 2019 11:27 AM GMT