गरीब बच्चों को दाखिला दिए जाने संबंधी याचिका पर हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया
- आरोप लगाया गया है कि शिक्षा निदेशालय ने अपनी तरफ से प्रक्रिया में विलंब किया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गरीब और वंचित तबकों के 44000 हजार से अधिक बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिए जाने को सुनिश्चित करने संबंधी एक याचिका पर सोमवार को दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया।
न्यायाधीश राजीव शकधार और न्यायाधीश तलवंत सिंह ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया और मामले की सुनवाई 26 अप्रैल निर्धारित की है।
याचिकाकर्ता संगठन जस्टिस फॉर आल ने वकीलों खांगेश बी झा और शिक्षा शर्मा बग्गा की ओर से इस याचिका में दिल्ली शिक्षा निदेशालय को उन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाने की मांग की है जो स्कूलों में उन वर्गों के लिए आवंटित सीटों पर बच्चों को दाखिला देने में असफल रहे है।
याचिका में कहा गया है कि जिन बच्चों ने अप्रैल 2021 में सत्र 2021-22 के लिए प्रवेश के लिए आवेदन किया था, उनमें से लगभग 50,000 बच्चे स्कूलों में वास्तविक नामांकन के अनुसार प्रवेश के हकदार हैं।
इसमें आरोप लगाया गया है कि शिक्षा निदेशालय ने अपनी तरफ से प्रक्रिया में विलंब किया और अब प्रवेश में देरी के आधार पर दाखिले से इनकार कर रहा है जो सरकार का कर्तव्य है।
याचिका में अप्रैल 2021 से प्रवेश की प्रतीक्षा कर रहे 50,000 से अधिक बच्चों के मौलिक अधिकारों के घोर उल्लंघन का भी आरोप लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि यह संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए), 21, और 21 ए के प्रावधानों के तहत उनके प्रति कर्तव्य को निभाने के लिए सरकार की निष्क्रियता के शिकार हुए हैं।
याचिकाकर्ता ने न्यायालय से दिल्ली सरकार को शिक्षा का अधिकार (आरटीई)अधिनियम, 2009 की धारा 12(1)(सी) के प्रावधानों के तहत 44,000 से अधिक योग्य बच्चों का प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए जाने की मांग भी की है।
(आईएएनएस)
Created On :   14 Feb 2022 7:00 PM IST