रिसर्च: कोविड-19 को रोकने दो साल तक करना होगा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन- हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोविड-19 (COVID-19) ने दुनिया भर में तांडव मचा रखा है। हर देश इसे निपटने के लिए लॉकडाउन (Lock Down) और सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का पालन कर रहे हैं। वहीं वैज्ञानिक दिन रात नोवल वायरस को खत्म करने के लिए दवाई बनाने में लगे हुए हैं। इस बीच अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) के वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च की है। जो हाल ही में साइंस जर्नल में प्रकाशित हुई है। जिसके मुताबिक कोरोना से लड़ने के लिए कम से कम दो साल तक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर लापरवाही बरती और नियमों को नहीं माना तो कोविड 19 फिर से सक्रिया हो सकता है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि सामाजिक दूरी का सख्ती से पालन करने से ही वायरस को दोबारा फैलने से रोका जा सकता है। इस तरह के परिणाम 2003 में फैले सार्स सीओवी-1 में भी देखने को मिला था। मौजूदा हालात को देखते हुए हर हाल में 20 सप्ताह तक सावधानी बरतनी होगी। वहीं लॉकडाउन से कोविड-19 के खिलाफ क्या सफलता मिली है, इसका आकलन विश्व स्वास्थ्य संगठन कर रहा है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक आकलन के बाद ही प्रतिबंधों पर ढील देनी चाहिए।
देश के पांच राज्यों में चमगादड़ों में मिला कोरोना वायरस
वैज्ञानिकों का कहना है कि नोवल कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित अमेरिका को 2022 तक सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करना होगा। या जब तक इसकी कोई वैक्सीन नहीं बन जाती। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस बेहद खतरनाक है। कोई बिना लक्षण के भी इसकी चपेट में आ जाता है। ऐसे में दोबारा इसे फैलने से रोकने के लिए सावधानी ही इलाज है।
Created On :   16 April 2020 4:02 AM GMT