तीन तलाक बिल के पक्ष में 186 वोट, रविशंकर ने कहा- यह नारी न्याय का सवाल
- 17वीं लोकसभा के गठन के बाद मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला बिल है
- केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में तीन तलाक बिल पेश किया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुस्लिम समाज में तीन तलाक की प्रथा पर रोक लगाने के लिए सरकार ने आज (21 जून) नया विधेयक लोकसभा में पेश किया। मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019 को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में पेश किया। बिल के पेश होते ही सदन में हंगामा शुरू हो गया। बिल को पेश करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा- इस कानून से मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा होगी। वहीं AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने विरोध करते हुए कहा यह बिल महिलाओं के हित में नहीं है।
Ravi Shankar Prasad after Triple Talaq Bill 2019 introduced in Lok Sabha: Rights of Muslim women will be protected. It is about justice empowerment of women. pic.twitter.com/hXLyyGsQMW
— ANI (@ANI) June 21, 2019
सांसदों की सीटें एलॉट न होने की वजह से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग नहीं हो सकी, ऐसे में पर्ची बांट कर वोटिंग कराई गई। तीन तलाक बिल के पक्ष में 186 वोट और विरोध में 74 वोट पड़े।
असदुद्दीन ओवैसी ने तीन तलाक बिल का विरोध करते हुए कहा, यह आर्टिकल 14 और 15 का उल्लंघन है। यह महिलाओं के हित में नहीं है। बिल पर सवाल उठाते हुए ओवैसी ने कहा, आपको मुस्लिम महिलाओं से इतनी मोहब्बत है तो केरल की महिलाओं के प्रति मोहब्बत क्यों नहीं है? आखिर सबरीमाला पर आपका रूख क्या है?
तीन तलाक बिल का विरोध करते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, किसी एक समुदाय को टारगेट करने के बजाय ऐसा कॉमन लॉ बनाया जाए जिसमें ऐसा करने वाले सभी लोग इसके दायर में आ सके। केवल एक समुदाय को ध्यान में रखकर बिल क्यों। मुस्लिम महिलाओं की स्थिति में इस बिल से कोई बदलाव नहीं आएगा। यह बिल सिर्फ लोगों को परेशान करने के लिए लाया गया है।
Union Law Justice Minister BJP leader Ravi Shankar Prasad after Triple Talaq Bill 2019 introduced in Lok Sabha: People have chosen us to make laws. It is our work to make laws. Law is to give justice to the victims of Triple Talaq. https://t.co/M3mkPpLlH2
— ANI (@ANI) June 21, 2019
रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल का विरोध करने वालों से कहा, जनता ने हमें कानून बनाने के लिए चुना है। सदन को अदालत न बनाएं। उन्होंने कहा, यह सियासत या इबादत का नहीं बल्कि नारी न्याय का सवाल है। रविशंकर ने कहा, भारत के संविधान में कहा गया है, किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता, इसलिए यह संविधान के खिलाफ नहीं है बल्कि उनके अधिकारों से जुड़ा हैं।
बता दें कि, 17वीं लोकसभा के गठन के बाद मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला बिल है। मोदी कैबिनेट ने बुधवार को मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019 को मंजूरी दे दी है। यह फरवरी में लाए गए अध्यादेश की जगह लेगा। मोदी सरकार का कहना है, यह बिल लैंगिक समानता और लैंगिक न्याय सुनिश्चित करेगा। शादीशुदा मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करेगा और तीन तलाक की प्रथा को खत्म करेगा।
मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में भी तीन तलाक पर बिल लाया गया था, लेकिन यह राज्यसभा से पास नहीं हो पाया था। सरकार ने सितंबर 2018 और फरवरी 2019 में दो बार तीन तलाक अध्यादेश जारी किया था। विधेयक लोकसभा में पारित होने के बाद राज्यसभा में लंबित रह गया था। बता दें कि, किसी विधेयक के लोकसभा में पारित हो जाने और राज्यसभा में लंबित रहने की स्थिति में लोकसभा के भंग होने पर वह विधेयक निष्प्रभावी हो जाता है।
वहीं कांग्रेस और जेडीयू ने तीन तलाक बिल का समर्थन करने से इनकार कर दिया है। जेडीयू ने कहा, वह तीन तलाक के मुद्दे पर राज्यसभा में एनडीए का समर्थन नहीं करेगी। बिहार के मंत्री श्याम रजक ने कहा, जेडीयू इसके पक्ष में नहीं है और हम लगातार इसके खिलाफ खड़े रहेंगे। रजक का कहना है, यह एक सामाजिक मुद्दा है और समाज के जरिए ही इसका हल निकाला जाना चाहिए।
कांग्रेस ने भी तीन तलाक बिल के विरोध का ऐलान किया है। कांग्रेस का कहना है, इस बिल के कुछ प्रावधानों पर बहस की जरूरत है। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, तीन तलाक पर कांग्रेस ने कुछ बुनियादी मुद्दे उठाए हैं और सरकार कई बिंदुओं पर सहमत है। उन्होंने कहा, अगर पहले ही सरकार हमारी बात मान लेती तो काफी समय बच जाता। गौरतलब है कि, मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अध्यादेश, 2019 के तहत तीन तलाक के तहत तलाक अवैध, अमान्य है। पति को इसके लिए तीन साल तक की कैद की सजा हो सकती है।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बिहार के चमकी बुखार का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, यह पोषण की कमी की वजह से हो रहा है और वहां आपकी सरकार है। जवाब में बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, कुषोषण से कहीं भी कोई मौत दुखद है और एक मां होने के नाते मैं बच्चों की मौत का दर्द समझ सकती है। उन्होंने कहा, यह सिर्फ खाने से जुड़ा मुद्दा नहीं है बल्कि पीने के पानी से लेकर गंदगी जैसे चीजे भी इससे जुड़ी हैं।
Created On :   21 Jun 2019 9:38 AM IST