FarmLaws: राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने किसानों के समर्थन में मार्च निकाला- बोले- नरेंद्र मोदी किसान की इज्जत नहीं करते
डिजिटल डेस्क ( भोपाल)। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन करने वाले किसानों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए यहां एक विरोध मार्च में शामिल हुए और कार्यकर्ताओं के साथ राज निवास की ओर कूच किया, जहां दिल्ली के उप राज्यपाल का कार्यालय और आवास है। विवादास्पद कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए कांग्रेस का मार्च निकाला गया है। पार्टी किसानों के समर्थन में केंद्र द्वारा नए पारित कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रही है। उल्लेखनीय है कि किसान विरोधी कानून के खिलाफ पूरे देश में कांग्रेस पार्टी का विशाल मार्च चल रहा है। किसान 26 नवंबर से सिंधू बॉर्डर में आंदोलन कर रहे हैं और आज किसान आंदोलन का 51वां दिन है।
इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि, देश के किसान अपने अधिकार के लिए सत्याग्रह कर रहे हैं और देशवासियों को इसका हिस्सा बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून रद्द होंगे, नरेंद्र मोदी जी को समझ जाना चाहिए कि किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं। ये हिन्दुस्तान है पीछे नहीं हटता है, उनको(प्रधानमंत्री) आज नहीं तो कल पीछे हटना पड़ेगा। अगर इंटेलिजेंट होते तो आज ये कर देते। नरेंद्र मोदी हिन्दुस्तान को नहीं समझ रहे हैं, वो सोचते हैं कि किसानों में शक्ति नहीं है और ये 10-15 दिन में चले जाएंगे क्योंकि नरेंद्र मोदी किसान की इज्जत नहीं करते। नरेंद्र मोदी हिन्दुस्तान का किसान नहीं डरेगा, नहीं हटेगा और भागना आपको पड़ेगा।
राहुल ने कहा कि ये तीन कानून किसान को खत्म करने के कानून हैं। इस देश को आज़ादी अंबानी-अदानी ने नहीं, किसान ने दी है। आज़ादी को बरकरार हिन्दुस्तान के किसान ने रखा है, जिस दिन देश की खाद्य सुरक्षा चली जाएगी उस दिन देश की आज़ादी चली जाएगी।
सरकार अपनी बात पर अड़ी रही तो 15 मिनट में बाहर आ जाएंगे : राकेश टिकैत
इसके पहले दिल्ली के विज्ञान भवन में किसानों के प्रतिनिधियों और सरकार के मंत्रियों के बीच नौवें दौर की बातचीत शुरू होने से पहले भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार अपनी बात पर अड़ी रही तो 15 मिनट बाद बाहर आ जाएंगे। बैठक के लिए राकेश टिकैत विज्ञान भवन पहुंच गए हैं। उन्होंने आईएएनएस से कहा, सरकार अगर बात नहीं करेगी तो 15 मिनट बाद वापस आ जाएंगे। यदि सरकार अपनी मांगों पट डटी रही तो, बातचीत का फायदा नहीं। हालांकि तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन किए जाने के बाद किसान नेता पहली बार केंद्रीय मंत्रियों से मिल रहे हैं।
किसान यूनियनों के नेता केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून2020और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून2020को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं।
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— Nagma (@nagma_morarji) January 15, 2021
Created On :   15 Jan 2021 2:22 PM IST