प्रोटेस्ट: आंदोलन के दौरान जान देने वाले अन्नदाताओं को आज श्रद्धांजलि देंगे किसान, देश भर में होंगी सभाएं
- दिल्ली के धरना स्थलों पर होगा मुख्य कार्यक्रम
- देश के सभी जिलों
- तहसील व गांवों में श्रद्धांजलि सभाएं होंगी
- संयुक्त किसान मोर्चा ने आयोजन के लिए एक पोस्टर भी जारी किया है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूरा उत्तर भारत इस समय शीत लहर की चपेट में है। बावजूद इसके किसान अब भी दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। कड़ाके की ठंड में भी किसानों ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज बुलंद की हुई है। इस बीच आंदोलन के दौरान जान गवांने वाले किसानों को याद किया गया।
किसान संगठनों ने पूर्व घोषित रविवार की देशव्यापी श्रद्धांजलि सभा के बारे में भी आपस चर्चा की। किसान नेताओं का मानना है कि खेती-किसानी बचाने के लिए करीब 30 किसानों ने अपने जान दी है। इनकी याद में होने वाली श्रद्धांजलि सभाओं से देश के हर गांव का किसान आंदोलन से जुड़ जाएगा। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि रविवार को देश के सभी जिलों, तहसील व गांवों में श्रद्धांजलि सभाएं होंगी। इसमे आंदोलन के दौरान जान गवांने वालों को याद किया जाएगा। जबकि भारतीय किसान युनयिन राजेवाल के ओंकार सिंह ने बताया कि किसानों की याद में 11 बजे से एक बजे के बीच श्रद्धांजलि सभाएं होंगी।
दूसरी तरफ सिंधु, टीकरी व गाजीपुर बॉर्डर के धरना स्थलों पर सभाएं होंगी। मुख्य आयोजन सिंघु बॉर्डर पर होगा। यहां किसान संगठनों के नेता मौजूद रहेंगे। किसान जान देने वाले अपने भाइयों को श्रद्धांजलि देंगे और सरकार के रवैए पर चर्चा करेंगे। श्रद्धांजलि सभा खत्म होने के बाद आखिर में सिंघु बॉर्डर पर दोपहर बाद दो बजे संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं की बैठक होगी।
हरियाणा के CM खट्टर बोले- किसानों से 2-3 दिन में बातचीत की उम्मीद
वहीं किसानों को मनाने की सरकार की कोशिशें कामयाब होती नजर नहीं आ रही हैं। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की चिट्ठी और प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बावजूद किसानों का प्रदर्शन 24वें दिन भी जारी है। इस बीच शनिवार शाम हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कृषि मंत्री से मुलाकात की। खट्टर ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि किसानों के साथ अगले 2-3 दिनों में बातचीत होगी। खट्टर ने कहा- आंदोलन का हल जल्द से जल्द और बातचीत के जरिए ही निकाला जाना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, खट्टर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मिल सकते हैं।
सांसद बेनीवाल का संसद की तीन समितियों से इस्तीफा
राजस्थान में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के एक मात्र सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) चीफ ने गठबंधन से अलग होने के संकेत दे दिए हैं। RLP चीफ और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने शनिवार को संसद की तीन अलग-अलग समितियों की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। हालांकि NDA से गठबंधन रहेगा या नहीं, इसका फैसला 26 दिसंबर को किया जाएगा। उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार आंदोलन को खत्म करना चाहती है। इसलिए हमारी पार्टी ने 26 दिसंबर को 2 लाख किसानों और युवाओं के साथ दिल्ली कूच करने का फैसला किया है।"
मोदी ने एक बार फिर की अपील
केंद्र सरकार और किसानों के बीच चल रही तनातनी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को लोगों से सरकार की ओर से जारी ई-बुकलेट को पढ़ने की अपील की। बुकलेट में किसानों की मदद के लिए कृषि क्षेत्र में किए गए रिफॉर्म के बारे में बताया गया है। हिंदी और इंग्लिश में जारी इस बुकलेट में सितंबर में किए गए रिफॉर्म्स का लाभ उठाने वाले किसानों की सक्सेस स्टोरी के बारे बताया गया है।
Created On :   19 Dec 2020 8:55 PM GMT