Farmers Protest Day 70: किसानों की राहों में लोहे की कीलें, कंटीले तार, सीमेंट के अवरोधकों के बीच लोहे की छड़ें लगाईं, दीप सिद्धू पर 1 लाख का इनाम घोषित
- उप्र के किसानों के खिलाफ शांति उल्लंघन का नोटिस वापस लिया गया
- कटीले तारों से दहशत फैलाने के बजाए आतंकियों को रोकने में हो ऐसी कार्रवाई
- लोकसभा : विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों पर सरकार को घेरा
डिजिटल डेस्क ( भोपाल)। गाज़ीपुर बॉर्डर (दिल्ली-यूपी बॉर्डर) टिकरी बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा कर दी गई है। किसानों को यहां प्रदर्शन करते हुए आज 70 दिन हो गए हैं। किसान अपनी मांगों को लेकर अभी भी अडिग हैं। किसानों का कहना है कि सरकार तीनों कृषि कानून वापस लें। किसानों के प्रदर्शन स्थलों और उसके आसपास कई स्तर की अवरोधक, सड़कों पर लोहे की कीलें, कंटीले तार, सीमेंट के अवरोधकों के बीच लोहे की छड़ें लगाने, डीटीसी बसों एवं अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती जैसी भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू पर 1 लाख का इनाम घोषित
दिल्ली पुलिस लगातार एक्शन में है। 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने बुधवार को बड़ा ऐलान किया। उसने कहा कि दीप सिद्धू (पंजाबी एक्टर) और दूसरे आरोपियों जुगराज सिंह, गुरजंट सिंह के बारे में जानकारी देने वालों को 1-1 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा।
मायावती बोली, कटीले तारों से दहशत फैलाने के बजाए आतंकियों को रोकने में हो ऐसी कार्रवाई
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि कटीले तार से किसान परिवारों में दहशत फैलाने के बजाए आतंकियों को रोकने में ऐसी कार्रवाई हो तो बेहतर होगा। मायावती ने बुधवार को ट्वीटर के माध्यम से लिखा कि, लाखों आंदोलित किसान परिवारों में दहशत फैलाने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर जो कंटीले तार व कीलें आदि वाली जबर्दस्त बैरिकेडिंग की गई है वह उचित नहीं है। इनकी बजाए यदि आतंकियों को रोकने हेतु ऐसी कार्रवाई देश की सीमाओं पर हो तो यह बेहतर होगा।
उन्होंने आगे लिखा कि, तीन कृषि कानूनों की वापसी की वाजिब मांग को लेकर खासकर दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलित किसानों के प्रति सरकारी रवैये के कारण संसद के बजट सत्र में भी जरूरी कामकाज व जनहित के खास मुद्द पहले दिन से ही काफी प्रभावित हो रहे हैं। केन्द्र किसानों की मांग पूरी करके स्थिति सामान्य करे।
उप्र के किसानों के खिलाफ शांति उल्लंघन का नोटिस वापस लिया गया
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को सूचित किया है कि वह उन 162 किसानों के खिलाफ मामले वापस ले रही है जिन्हें शांति का उल्लंघन करने का नोटिस जारी किया गया था, जिसमें पूछा गया था कि उन्हें 10-10 लाख रुपये के व्यक्तिगत बांड क्यों नहीं भरने चाहिए। 19 जनवरी को सीतापुर में किसानों (अधिकांश ट्रैक्टर मालिक किसान) को कानून-व्यवस्था का उल्लंघन करने की आशंका पर नोटिस जारी किए गए थे। पिछले हफ्ते, हाईकोर्ट ने राज्य और जिले के अधिकारियों को यह बताने के लिए कहा था कि गरीब किसानों को ये नोटिस कैसे और क्यों जारी किए गए थे।
लोकसभा : विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों पर सरकार को घेरा
कृषि कानूनों को लेकर लोकसभा में तमाम विपक्षी पार्टियों ने जोरदार हंगामा किया। बजट सत्र के दौरान लोकसभा में सत्ताधारी भाजपा के दो पूर्व सहयोगियों- शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और शिवसेना सहित प्रमुख विपक्षी दलों की ओर से हंगामा किए जाने के कारण सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। सरकार और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के कई अनुरोधों के बावजूद, विपक्ष ने संसद के मॉनसून सत्र के दौरान पिछले साल सितंबर में लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए नारेबाजी की। विपक्ष ने केंद्र द्वारा पारित किए गए कानूनों को काले कानून करार दिया और इसे किसान विरोध बताते हुए इन्हें वापस लिए जाने की अपनी मांग दोहराई।
शिअद से हरसिमरत कौर बादल और शिवसेना से अरविंद सावंत ने मोर्चा संभाला और सरकार पर जमकर निशाना साधा। संसद में कृषि अधिनियमों के लागू होने के बाद कौर ने पिछले साल कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके कारण शिअद-भाजपा गठबंधन में दरार आ गई थी।
सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा की गई है। किसानों को यहां प्रदर्शन करते हुए आज 70दिन हो गए हैं। #FarmersProtests pic.twitter.com/XtA2o8ZdTM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 3, 2021
Created On :   3 Feb 2021 11:18 AM IST