डॉक्टर हड़ताल : दिल्ली AIIMS के डॉक्टरों ने ममता को दिया 48 घंटे का अल्टीमेटम
- दिल्ली एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने मांगों को पूरा करने के लिए ममता को दिया अल्टीमेटम
- दिल्ली में शनिवार को 18 अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर
- पश्चिम बंगाल में आज 5वें दिन भी डॉक्टर्स की हड़ताल जारी
- मांग पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल करने की चेतावनी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में दो जूनियर डॉक्टर्स की पिटाई के बाद से शुरु हुआ आंदोलन लगातार तेज ही होता रहा है। मारपीट की घटना के विरोध में देशभर के डॉक्टर्स हड़ताल पर उतर आए हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील के बाद भी बंगाल में लगातार पांचवें दिन डॉक्टर्स की हड़ताल जारी है। इसी बीच समर्थन में उतरे दिल्ली एम्स के डॉक्टर्स ने बंगाल के हड़ताली डॉक्टर्स की मांगें पूरी करने के लिए ममता सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है।
Kolkata: Junior doctors of NRS Medical and Hospital continue their strike for the fifth day over violence against doctors. #WestBengal pic.twitter.com/FIAlKIFwDR
— ANI (@ANI) June 15, 2019
शनिवार को दिल्ली एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने पश्चिम बंगाल सरकार को हड़ताली डॉक्टरों की मांगें पूरी करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने यह चेतावनी भी दी है, अगर सरकार ने मांगें पूरी नहीं की तो हमें एम्स में अनिश्चितकालीन हड़ताल करने पर मजबूर होना पड़ेगा।
Resident Doctors Association, AIIMS: We issue an ultimatum of 48 hours to West Bengal Govt to meet demands of the striking doctors there, failing which we would be forced to resort to indefinite strike at AIIMS. #Delhi
— ANI (@ANI) June 15, 2019
हड़ताल के बीच एक ही दिन में करीब 700 डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं। एनआरएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और वाइस-प्रिंसिपल ने इस्तीफा दे दिया। कॉलेज ऑफ मेडिसिन ऐंड सागर दत्त हॉस्पिटल के भी 21 सीनियर डॉक्टर्स ने अपनी नौकरी छोड़ दी। शुक्रवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के 107 डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया। बता दें कि, सोमवार को इलाज के दौरान नील रतन सिरकार मेडिकल कॉलेज (एनआरएसएमसी) में एक मरीज ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। जिसके बाद उसके परिवारवालों ने दो जूनियर डॉक्टर्स की कथित तौर पर पिटाई कर दी। डॉक्टर्स की पिटाई को लेकर बंगाल में बवाल मचा हुआ है।
गौरतलब है कि, गुरुवार को ममता बनर्जी ने एसएसकेएम अस्पताल का दौरा करते वक्त कहा था, बाहरी लोग मेडिकल कॉलेजों में गतिरोध पैदा करने के लिये यहां घुस आए हैं। इस आंदोलन को ममता ने बीजेपी का षडयंत्र बताया था। इतना ही नहीं ममता ने डॉक्टर्स को भी चेतावनी दी थी कि, डॉक्टर 4 घंटे में काम पर लौटें या फिर ऐक्शन के लिए तैयार रहें। जिसके बाद से डॉक्टर्स का आंदोलन और तेज हो गया है।
हालांकि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी डॉक्टर्स को चिट्ठी लिखकर हड़ताल खत्म करने की अपील भी कर चुकी हैं। शुक्रवार को ममता बनर्जी ने आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टर्स को राज्य सचिवालय में बैठक के लिये बुलाया था, जिसे डॉक्टरों ने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि यह उनकी एकता को तोड़ने की चाल है। जूनियर डॉक्टर्स के एक प्रवक्ता ने कहा, हम राज्य सचिवालय में किसी बैठक में शामिल नहीं होंगे। मुख्यमंत्री को एनआरएस मेडिकल कॉलेज आना होगा और एसएसकेएम अस्पताल के दौरे के दौरान उन्होंने जिस तरह से हमें संबोधित किया, उसके लिये बिना शर्त माफी मांगनी होगी।
बंगाल के डॉक्टर्स की हड़ताल को देशभर का समर्थन मिल रहा है। जम्मू कश्मीर डॉक्टर्स को-ऑर्डिनेशन कमेटी ने भी हड़ताल का ऐलान किया है। इसके चलते शनिवार को दोपहर 12 बजे तक लेह क्षेत्र के सभी अस्पतालों में सांकेतिक हड़ताल की जाएगी। शुक्रवार को भी दिल्ली, मुंबई समेत कई शहरों के बड़े अस्पताल बंद रहे। वहीं हड़ताल की वजह से स्वास्थ्य सेवाएं ठप पड़ी हैं। मरीजों को संकट का सामना करना पड़ रहा है।
बंगाल में डॉक्टर्स के साथ हुए हिंसा के खिलाफ दिल्ली के 14 बड़े अस्पताल समेत 18 अस्पतालों के डॉक्टर्स आज (15 जून) हड़ताल पर रहेंगे। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (DMA) और इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) ने भी समर्थन दिया और इस घटना की निंदा करते हुए 17 जून को देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है।
Created On :   15 Jun 2019 9:23 AM IST