स्वास्थ्य मंत्रालय ने डेल्टा प्लस को वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किया, क्या यह बनेगा तीसरी लहर का कारण?

Delta Plus variant of coronavirus is a Variant of Concern in India, says Union health ministry
स्वास्थ्य मंत्रालय ने डेल्टा प्लस को वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किया, क्या यह बनेगा तीसरी लहर का कारण?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने डेल्टा प्लस को वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किया, क्या यह बनेगा तीसरी लहर का कारण?
हाईलाइट
  • देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट ला सकता है तीसरी लहर
  • भारत में अब तक डेल्टा प्लस वैरिएंट के 22 मामले सामने आए
  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने डेल्टा प्लस को वैरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में रखा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोनावायरस के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस को स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में रखा है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या कोरोना वायरस का नया वैरिएंट महामारी की तीसरी लहर के जल्द आने की आशंका को बढ़ा सकता है? भारत में अब तक डेल्टा प्लस वैरिएंट के 22 मामले सामने आए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 16 महाराष्ट्र के रत्नागिरी और जलगांव से हैं। बाकी के केस मध्य प्रदेश और केरल से हैं। अभी यह वैरिएंट दुनिया के 9 देशों (ब्रिटेन, अमेरिका, जापान, रूस, भारत, पुर्तगाल, स्विटजरलैंड, नेपाल और चीन ) में है।

भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के लिए "डेल्टा" वैरिएंट (B.1.617.2) को जिम्मेदार माना जा रहा है। "डेल्टा प्लस" उसी वैरिएंट का नया रूप है। इस वैरिएंट में म्‍यूटेशन के कारण नया डेल्‍टा प्‍लस वैरियंट बना है। डेल्टा प्लस वैरिएंट में वायरस के स्पाइक प्रोटीन में K417N बदलाव हुआ है। अब तक जो डेटा सामने आया है उसके अनुसार इस वैरिएंट पर मोनोक्‍लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल का असर नहीं होता है। मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज कॉकटेल एक दवा है, जो कोरोना के इलाज में प्रयोग की जाती है।

डेल्टा प्लस को वैरिएंट को "बेहद संक्रामक" बताया जा रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये इतना संक्रामक है कि अगर आप इस वैरिएंट से संक्रमित किसी कोरोना मरीज के बगल से बगैर मास्क के गुजरते हैं तो आप भी संक्रमित हो सकते हैं। डेल्टा प्लस वैरिएंट के मद्देनजर अगले 6 से 8 हफ्ते बेहद महत्वपूर्ण बताए जा रहे हैं। इस वैरिएंट पर वैक्सीन कितनी असरदार है इसकी स्टडी की जा रही है।

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल ने तीसरी लहर को लेकर कहा- ये कोई नहीं जानता कि वायरस कब अपना रूप बदल ले, ये पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता, लेकिन दुनिया के कई ऐसे देश हैं जहां न तो दूसरी लहर आई और न चौथी। यानी हम सावधान रहें तो हो सकता है कि यह कंट्रोल में रहे। हालांकि राहत की बात ये है कि 7 मई के मुकाबले देश में कोरोना के मामलों में 90% की कमी आई है।

Created On :   22 Jun 2021 10:08 PM IST

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