Coronavirus Treatment: कोरोनावायरस से लड़ने के लिए IMMUNITY POWER उपयोगी, घर में आयुर्वेद के इन नुस्खों से बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में जारी है। 205 देशों में करीब 13 लाख लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 70 हजार 559 लोग काल के गाल में समा चुके हैं, जबकि 2 लाख 28 हजार 742 लोग स्वस्थ हुए हैं। 9 लाख 45 हजार 178 लोग अब भी अस्पतालों में भर्ती हैं। इनमें से 46,055 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं भारत में सोमवार 7.30 बजे तक संक्रमितों का आंकड़ा 4595 पहुंच गया। इनमें से 129 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में कोरोना वायरस का इलाज ढूंढने के लिए पूरी दुनिया के वैज्ञानिक रात दिन एक कर खोज करने में लगे हुए हैं, लेकिन अब तक इस महामारी का इलाज वैज्ञानिकों को अब तक नहीं मिल पाया है। इन हालातों में बचाव ही सबसे बड़ा हथियार है। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर इस वायरस के खतरे को कम किया जा सकता है। आयुर्वेद विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कई उपाय हैं, जिन्हें अपनाकर लोग अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं।
आयुष मंत्रालय ने 150 एमएल गर्म दूध में आधी चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर दिन में एक से दो बार सेवन करने की सलाह भी दी है। साथ ही लोग तिल का या नारियल का तेल अथवा घी दोनों नाक में सुबह शाम लगा सकते हैं।
पीएम ने लोगों से की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पिछले दिनों कहा था कि उपचार से बेहतर बचाव है। उन्होंने ट्वीट कर लोगों से अपील की है कि आयुष मंत्रालय ने पिछले दिनों आयुर्वेदिक तरीके से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले जिन उपायों को साझा किया है, उन्हें अपनाएं।
गर्म पानी पीएं और 30 मिनट योग करें
इन उपायों में पूरे दिन गर्म पानी पीने और हर रोज कम से कम 30 मिनट तक योग, प्रणायाम व ध्यान करने के अलावा खाने में हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन आदि का उपयोग करना व रोजाना 10 ग्राम च्यवनप्राश लेना भी शामिल है।
क्यों होती है इम्यूनिटी कमजोर
- शरीर में चर्बी का अनावश्यक रूप से जमा होना।
- वजन बहुत कम होना।
- फास्टफूड, जंकफूड आदि का ज्यादा सेवन।
- शरीर को ठीक से पोषण न मिलना।
- धूम्रपान, शराब, ड्रग आदि का सेवन।
- पेनकिलर, एंटीबॉयोटिक आदि दवाओं का लंबे समय तक सेवन।
- लंबे समय तक तनाव में रहना।
- लंबे समय तक कम नींद लेना अथवा अनावश्यक रूप से देर तक सोना।
- शारीरिक श्रम का अभाव।
- प्रदूषित वातावरण में लंबे समय तक रहना।
- बचपन और बुढ़ापे में रोगप्रतिरोधक शक्ति सामान्य तौर पर कुछ कमजोर होती है, पर खराब जीवनशैली के चलते युवावस्था में भी यह कमजोर हो सकती है।
- गर्भवती स्त्री का खान-पान ठीक न हो या वह कुपोषण का शिकार हो तो होने वाले बच्चे की भी रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने की संभावना बनी रहती है।
- अगर आप चीनी ज्यादा खाते हैं तो यह इम्यूनिटी के लिए नुकसानदेह है। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन में छपे एक शोध के अनुसार सौ ग्राम या इससे अधिक शुगर खा लेने की स्थिति में श्वेत रुधिर कणिकाओं की रोगाणुओं को मारने की क्षमता पांच घंटे तक के लिए कमजोर पड़ जाती है।
- कम पानी पीने से इम्यूनिटी कमजोर पड़ती है, क्योंकि पर्याप्त पानी के अभाव में शरीर से विजातीय द्रव्यों को बाहर निकाल पाना कठिन हो जाता है।
- आहार में एंटीऑक्सिडेंट की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए। एंटीऑक्सिडेंट बीमार कोशिकाओं को दुरुस्त करते हैं और सेहत बरकरार रखते हुए उम्र के असर को कम करते हैं। बीटा केरोटिन, सेलेनियम, विटामिन-ए, विटामिन-बी2 व बी6, विटामिन-सी, विटामिन-ई, विटामिन-डी तर्था ंजक रोगप्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी हैं। इन तत्त्वों की भरपाई के लिए गाजर, पालक, चुकंदर, टमाटर, फूलगोभी, खुबानी, जौ, भूरे चावल, शकरकंद, संतरा, पपीता, बादाम, दूध, दही, मशरूम, लौकी के बीज, तिल आदि उपयोगी हैं। हरी सब्जियों-फलों को विशेष रूप से भोजन में शामिल करें।
- सर्दी के मौसम में प्यास कम लगती है, पर याद करके दिन में 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं।
- भरपूर नींद लें।
- तनावमुक्त रहने का अभ्यास करें।
- अगर आप प्राय: बीमारियों की चपेट में रहते हैं तो इसका अर्थ यह भी है कि आपके शरीर में एंटीबॉडीज कम बन रहे हैं। इसके लिए प्रोटीन को समुचित मात्रा में सेवन किया जाना चाहिए।
- सर्दियों में सूर्य की रोशनी में सवेरे तेल मालिश करने से भी
- रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। विटामिन-डी रोगप्रतिरोधकता के लिए महत्त्वपूर्ण कारक है।
- लहसुन एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल है। जाड़े के दिनों में दिन में एक-दो लहसुन सेवन करना चाहिए।
- दिन में तीन-चार बार ग्रीन-टी पीने से रोगप्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है।
- सर्दी के मौसम के सभी खट्टे फल इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करते हैं।
- सर्दियों में सब्जियों का सूप पीना इम्यूनिटी तो बढ़ाता ही है, सर्दी-जुकाम में भी फायदा करता है।
- सर्दी-जुकाम-खांसी वगैरह ज्यादा दिनों तक बने रहें तो इसे सामान्य न समझें और इलाज कराएं।
शरीर की दक्षता बढ़ाती हैं जड़ी-बूटियां
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के पूर्व वैज्ञानिक एकेएस रावत ने बताया कि इन जड़ी-बूटियों से इंटरफेरोन और एंटीबॉडी की उत्पत्ति में मदद मिलती है, जिससे व्यक्ति के शरीर में विषाणुओं के खिलाफ संभावित प्रतिरोधक क्षमता बढ़ पाती है। साथ ही कोशिकाशन (फैगसाइटोसिस) की दर भी बढ़ती है जो माइक्रोओर्गेनिज्म को नष्ट करने की शरीर की क्षमता तय करता है। इस तरह ये तत्व वायरल संक्रमण से लड़ने की शरीर की कुल दक्षता को बढ़ाते हैं।
रोग प्रतिरोधकता बढ़ाने के लिए हर्बल दवा फीफाट्रोल काफी उपयोगी
हर्बल उत्पाद बनाने वाली एमिल फार्मा के कार्यकारी निदेशक संचित शर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी के इस सुझाव का स्वागत करते हुए कहा कि इस वायरस से बचाव का तरीका यही है कि हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं। अगर कोई व्यक्ति इससे संक्रमित हो जाए तो इससे लड़ कर जीतने में भी उसके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने बताया कि वायरस संक्रमण के खिलाफ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए प्राचीन आयुर्वेदिक फामूर्ले पर आधारित हर्बल दवा फीफाट्रोल काफी उपयोगी है। इसमें मृत्युंजय रस, संजीवनी वटी, तुलसी, गिलोय आदि का उपयोग किया गया है।
Created On :   6 April 2020 8:46 PM IST
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