विकासशील देशों में किसानों के लिए जलवायु एक बड़ी चुनौती

Climate a big challenge for farmers in developing countries
विकासशील देशों में किसानों के लिए जलवायु एक बड़ी चुनौती
पीएम मोदी विकासशील देशों में किसानों के लिए जलवायु एक बड़ी चुनौती
हाईलाइट
  • कोप 26 समिट में मोदी ने कहा किसानों के लिए जलवायु परिवर्तन बड़ी चुनौती

डिजिटल डेस्क,ग्लासगो । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सीओपी26 में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि अनुकूलन (एडाप्टेशन) को उतना महत्व नहीं मिला है, जितना शमन (मिटिगेशन) को मिला है। उन्होंने अनुकूलन को प्राथमिकता दिए जाने पर जोर देते हुए कहा कि हमें अनुकूलन को अपनी विकास नीतियों और योजनाओं का मुख्य भाग बनाना है। पीएम मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा ग्लासगो में सीओपी26 शिखर सम्मेलन के दौरान एक्शन एंड सॉलिडेरिटी - द क्रिटिकल डिकेड पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, वैश्विक जलवायु बहस में अनुकूलन को उतना महत्व नहीं मिला है, जितना कि शमन को मिला है। यह उन विकासशील देशों के साथ अन्याय है, जो जलवायु परिवर्तन से अधिक प्रभावित हैं। अपने भाषण के दौरान, मोदी ने बताया कि कैसे भारत सहित अधिकांश विकासशील देशों में किसानों के लिए जलवायु एक बड़ी चुनौती है, जहां फसल पैटर्न बदल रहा है और बेमौसम बारिश और बाढ़ या लगातार तूफान से फसलें नष्ट हो रही हैं। यह कहते हुए कि पेयजल स्रोतों से लेकर किफायती आवास तक, इन सभी को जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लचीला बनाने की जरूरत है।

 प्रधानमंत्री ने कहा, हमें अनुकूलन को अपनी विकास नीतियों और परियोजनाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाना होगा। उन्होंने विस्तार से बताया कि कैसे भारत सरकार की परियोजनाओं जैसे नल से जल- सभी के लिए नल का पानी, स्वच्छ भारत-स्वच्छ भारत मिशन और उज्‍जवला- भारत में सभी के लिए स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन - से हमारे जरूरतमंद नागरिकों को एडाप्टेशन बेनेफिट्स तो मिले ही हैं, उनकी क्वालिटी ऑफ लाइफ भी सुधरी है। दूसरा, कई ट्रेडिशनल कम्युनिटीज में प्रकृति के साथ सामंजस्य में रहने का ज्ञान है।

पीएम मोदी ने आगे कहा, हमारी एडाप्टेशन नीतियों में इन पारंपरिक प्रैक्टिस को उचित महžव मिलना चाहिए। ज्ञान का ये प्रवाह, नई पीढ़ी तक भी जाए, इसके लिए स्कूल के पाठ्यक्रम में भी इसे जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, लोकल कंडीशन के अनुरूप जीवनशैली का संरक्षण भी एडाप्टेशन का एक महत्वपूर्ण स्तंभ हो सकता है। तीसरा, एडाप्टेशन के तरीके चाहे लोकल हों, मगर पिछड़े देशों को इनके लिए वैश्विक समर्थन मिलना चाहिए। प्रधानमंत्री ने सभी देशों को आपदा रोधी अवसंरचना (सीडीआरआई) के लिए गठबंधन की भारत की पहल में शामिल होने के लिए कहा, जो स्थानीय अनुकूलन के लिए वैश्विक समर्थन की अवधारणा का प्रतीक है।

(आईएएनएस)

Created On :   2 Nov 2021 9:00 PM IST

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