चीन की मंशा सीमा मुद्दे को जिंदा रखने की रही है

Chinas intention has been to keep the border issue alive
चीन की मंशा सीमा मुद्दे को जिंदा रखने की रही है
सेना प्रमुख चीन की मंशा सीमा मुद्दे को जिंदा रखने की रही है
हाईलाइट
  • सीमा विवाद के बाद से सुरक्षा बल पुनर्मूल्यांकन कर रहा है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने सोमवार को कहा कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सीमा विवाद का समाधान खोजने की कोशिश नहीं कर रहा है। उसकी मंशा इस विवाद को जिंदा रखने की रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय सैनिक एलएसी पर महत्वपूर्ण स्थानों पर बने हुए हैं। मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत के दौरान, जनरल पांडे ने कहा, उनके (एलएसी पर तैनात सैनिकों) लिए हमारा मार्गदर्शन दृढ़ है और यथास्थिति को बदलने के किसी भी प्रयास को रोकना है।

सीमा पर मौजूदा स्थिति और चीन की मंशा के बारे में बात करते हुए जनरल पांडे ने कहा, मूल मुद्दा सीमा का समाधान है। हम जो देखते हैं वह यह है कि चीन की मंशा सीमा मुद्दे को जीवित रखने की रही है। एक देश के रूप में हमें संपूर्ण राष्ट्र ²ष्टिकोण की आवश्यकता है और सैन्य क्षेत्र में यह एलएसी पर यथास्थिति को बदलने के किसी भी प्रयास को रोकने और उसका मुकाबला करने के लिए है।

सेना प्रमुख ने कहा कि उनका उद्देश्य और इरादा 2020 से पहले यथास्थिति स्थापित करना है। लेकिन उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह एकतरफा मामला नहीं हो सकता और इसके लिए दोनों पक्षों की ओर से प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख की स्थिति से निपटने के लिए पुनसंर्तुलन और पुनर्रचना का निर्णय लिया है। उन्होंने आगे कहा कि सीमा विवाद के बाद से, सुरक्षा बल पुनर्मूल्यांकन कर रहा है और एलएसी के साथ एक मजबूत स्थिति बनाने के लिए कुछ कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने कहा, किसी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त बल उपलब्ध हैं।

सेना प्रमुख ने जोर देते हुए कहा कि एलएसी पर सेना का फोकस इंटेलिजेंस सर्विलांस एंड रिकोनिसेंस (आईएसआर) को अपग्रेड करना और ऑपरेशन और लॉजिस्टिक्स को सपोर्ट करने के लिए हमारे इंफ्रास्ट्रक्च र का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि नई प्रौद्योगिकियों को शामिल करना संपूर्ण उत्तरी सीमा पर क्षमता विकास की चल रही प्रक्रिया का हिस्सा है।

चीन के साथ सीमा विवाद को हल करने के लिए, सेना प्रमुख ने कहा, भारत राजनयिक और सैन्य वार्ता में संलग्न है, जिसके परिणामस्वरूप अब तक पैंगोंग सो, गोगरा और पीपी 14 (गलवान घाटी) के उत्तर और दक्षिण में सैनिकों के पीछे हटने का काम हुआ है। सेना प्रमुख ने कहा, हम आगे बढ़ेंगे और बातचीत (सैन्य और राजनयिक) के माध्यम से एक समाधान निकालेंगे।

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Created On :   9 May 2022 7:30 PM IST

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