Monsoon Session: कोरोना संकट में पहली बार सोमवार से शुरू होगा संसद का मानसून सत्र, 23 नए विधेयक पेश करेगी सरकार

Central government will bring 23 new bills in monsoon session
Monsoon Session: कोरोना संकट में पहली बार सोमवार से शुरू होगा संसद का मानसून सत्र, 23 नए विधेयक पेश करेगी सरकार
Monsoon Session: कोरोना संकट में पहली बार सोमवार से शुरू होगा संसद का मानसून सत्र, 23 नए विधेयक पेश करेगी सरकार
हाईलाइट
  • एक अध्यादेश एक वर्ष के लिए सांसदों के वेतन में 30 प्रतिशत काटने का
  • स्वास्थ्यकर्मियों के साथ हिंसा के​ खिलाफ पेश किया ​जाएगा बिल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच पहली बार सोमवार से संसद सत्र शुरू होने जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। इसके तहत सरकार ने आज (शुक्रवार, 11 सितंबर) 23 नए विधेयकों की सूची जारी की है जो इस मानसून सत्र में सदन के दौरान पेश किए जाएंगे। सरकार ने 18 दिन के सत्र के दौरान जिन अध्यादेशों को विधेयक के रूप में पारित कराने की योजना बनाई है, उनमें से एक स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा की रोकथाम से जुड़े कदमों से संबंधित अध्यादेश है।

इस अध्यादेश में कोविड-19 से मुकाबला करने के लिये तैनात स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा और उन्हें परेशान करने के कार्यों को गैर जमानती अपराध करार दिया गया है। इस अध्यादेश में अधिकतम सजा सात साल कारावास और पांच लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है। इसमें डाक्टरों, नर्सों और आशाकर्मियों सहित स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा का प्रावधान किया गया है।

एक अन्य अध्यादेश एक अप्रैल 2020 से एक वर्ष के लिए सांसदों के वेतन में 30 प्रतिशत कटौती करने से जुड़ा है। इसके स्थान पर भी एक विधेयक लाया जाएगा। इससे प्राप्त राशि का उपयोग कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में किया जाएगा।

किसान उत्पाद कारोबार एवं वाणिज्य (प्रोत्साहन एवं सुविधा) विधेयक 2020 को हाल में जारी एक अध्यादेश के स्थान पर लाया जाएगा। इसमें एक ऐसी व्यवस्था तैयार करने का प्रावधान किया गया है जहां किसानों और कारोबारियों को अपने उत्पाद की बिक्री और खरीद में अपनी पसंद की स्वतंत्रता हो। ताकि, उन्हें वैकल्पिक प्रतिस्पर्धी कारोबारी माध्यमों से उचित मूल्य प्राप्त हो सके। इसमें किसानों को बाधा मुक्त और पारदर्शी वातावरण में उत्पादों के संबंध में अंतरराज्यीय कारोबार और वाणिज्य की सुविधा हो।

सदन में जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक 2020 भी पेश किया जाएगा। इसमें इस केंद्र शासित प्रदेश की आधिकारिक भाषा के रूप में वर्तमान उर्दू और अंग्रेजी के अलावा कश्मीरी, डोगरी और हिंदी का भी प्रस्ताव किया गया है। सत्र के दौरान मैला ढोने संबंधी काम को निषेध करने और उनके पुनर्वास संशोधन विधेयक 2020 को भी पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

लोकसभा के बुलेटिन के अनुसार, निचले सदन में वर्ष 2020-21 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों का पहला बैच चर्चा और पारित होने के लिए पेश किया जाएगा। इसमें वर्ष 2016-17 के अधिशेष अनुदान की मांगों पर भी चर्चा और मतदान कराया जाएगा। इसमें कहा गया है कि सत्र के दौरान बहु राज्य सहकारी सोसायटी संशोधन विधेयक 2020 भी पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध है। इसके अलावा आढ़त नियमन विधेयक 2020 भी पेश किया जा सकता है।

Created On :   11 Sept 2020 8:24 PM IST

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