सीबीआई ने किरू जलविद्युत परियोजना अनुबंध में अधिकारियों और एजेंटों के बीच सांठगांठ का खुलासा किया

CBI unearths nexus between officials and agents in Kiru Hydroelectric Project contract
सीबीआई ने किरू जलविद्युत परियोजना अनुबंध में अधिकारियों और एजेंटों के बीच सांठगांठ का खुलासा किया
नई दिल्ली सीबीआई ने किरू जलविद्युत परियोजना अनुबंध में अधिकारियों और एजेंटों के बीच सांठगांठ का खुलासा किया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जम्मू में 2200 करोड़ रुपये की किरू जलविद्युत परियोजना कार्य में अनियमितता के मामले में अब बिहार के दरभंगा में छापेमारी कर रही है। अब सीबीआई द्वारा तलाशी जा रही कुल जगहों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है।

संघीय जांच एजेंसी दरभंगा में एक, श्रीनगर में दो, दिल्ली में पांच, मुंबई में तीन, पटना में एक और जम्मू में पांच स्थानों पर मामले में शामिल आरोपियों के सहयोगियों, बिचौलियों और अन्य के परिसरों सहित 17 स्थानों पर तलाशी ले रही है। एजेंसी के अधिकारियों ने कहा, दरभंगा में हम एक ऐसे व्यक्ति के घर की तलाशी कर रहे हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह सीवीपीपीपीएल के चेयरमैन का सहयोगी है।

सीबीआई के एक सूत्र ने कहा, हमने आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं जो लोक सेवकों और बिचौलियों के बीच सांठगांठ को साबित करते हैं। सूत्र ने कहा कि 20 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल सत्यपाल मलिक के अनुरोध पर सीवीपीपीपीएल के तत्कालीन अध्यक्ष आईएएस अधिकारी नवीन कुमार चौधरी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

सूत्र ने कहा कि 20 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल सत्यपाल मलिक के अनुरोध पर कई अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इन अधिकारियों में नवीन कुमार चौधरी के अलावा एम. एस. बाबू, तत्कालीन एमडी, सीवीपीपीपीएल; एम. के. मित्तल, तत्कालीन निदेशक, सीवीपीपीपीएल; अरुण कुमार मिश्रा, तत्कालीन निदेशक, सीवीपीपीपीएल और पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने पूर्व एलजी को भी रिश्वत देने की कोशिश की थी।

सीबीआई सूत्र ने कहा, 2019 में किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के सिविल कार्यों के 2200 करोड़ रुपये के अनुबंध को एक निजी कंपनी को देने में कदाचार के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। किरू जलविद्युत परियोजना को लेकर ई-निविदा के संबंध में दिशा-निर्देशों का पालन भी नहीं किया गया था।

इससे पहले 21 अप्रैल को सीवीपीपीपीएल के तत्कालीन चेयरमैन, तत्कालीन एमडी और तत्कालीन निदेशकों सहित कई आरोपियों के परिसरों पर भी छापेमारी की गई थी। जांच के दौरान, इन बिचौलियों और लोक सेवकों के बीच तत्कालीन अध्यक्ष वित्तीय लेनदेन सहित बिचौलियों की कथित भूमिका का खुलासा करने वाले सबूत मिले और तदनुसार, बुधवार को विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली गई है।

 

सॉर्स-आईएएनएस

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Created On :   6 July 2022 10:30 PM IST

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