NDTV के प्रमोटरों के खिलाफ CBI ने दर्ज की नई FIR, मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

CBI files fresh case against NDTV, Prannoy Roy for alleged violation of FDI norms
NDTV के प्रमोटरों के खिलाफ CBI ने दर्ज की नई FIR, मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
NDTV के प्रमोटरों के खिलाफ CBI ने दर्ज की नई FIR, मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
हाईलाइट
  • 19 अगस्त को CBI नई FIR दर्ज की थी
  • CBI ने एनडीटीवी लिमिटेड के प्रमोटरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है
  • मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में ये मामला दर्ज किया गया है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एनडीटीवी लिमिटेड के प्रमोटरों प्रणय रॉय, राधिका रॉय, पूर्व सीईओ विक्रमादित्य चंद्रा और कुछ आयकर अधिकारियों के खिलाफ नया मामला दर्ज किया है। ये मामला भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में दर्ज किया गया है। रॉय पर आरोप है कि उन्होंने शेल कंपनियों की मदद से अज्ञात पब्लिक सर्वेंट्स के पैसों को मनी लॉन्ड्रिंग कर वापस भारत लाए। 

सीबीआई ने 19 अगस्त को इस मामले में FIR दर्ज की थी। अपनी एफआईआर में CBI ने आरोप लगाया है कि 2004 से 2010 के बीच, एनडीटीवी ने हॉलैंड, यूके, दुबई, मलेशिया, मॉरीशस जैसे टैक्स हैवेन देशों में लगभग 32 सहायक फर्मों को "फ्लोट" किया। सीबीआई के अनुसार, इन फर्मों के जरिए कोई व्यापार लेनदेन नहीं बल्कि इनका इस्तेमाल सिर्फ विदेश से वित्तीय लेनदेन के लिए किया गया। सीबीआई ने कहा कि ये सभी "शाम ट्रांजिक्शन" थे। अज्ञात पब्लिक सर्वेंट्स ने एनडीटीवी लिमिटेड के माध्यम से निवेश किया और बाद में जटिल लेनदेन और शेल कंपनियों की मदद से इन पैसों को वापस भारत लाया गया।

सीबीआई के अनुसार, नेटवर्क पीएलसी (एनएनपीएलसी) लंदन को फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIBP) से 130-160 मिलियन डॉलर के फॉरेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट (FDI) की मंजूरी मिली थी। इसके बाद सितंबर 2009 तक, एनएनपीएलसी लंदन को 163.43 मिलियन डॉलर की कुल FDI प्राप्त हुई। CBI की FIR में कहा गया है कि इन पैसों को जटिल लेनदेन के एक वेब के माध्यम से NDTV की विभिन्न सहायक कंपनियों में निवेश किया गया था।

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि एनएनपीएलसी, लंदन को मार्च 2007 में फ्यूज मीडिया होल्डिंग एलपी से 20 मिलियन डॉलर और मई 2007 में जेफरीज इंटरनेशनल से 100 मिलियन डॉलर प्राप्त हुए। सीबीआई ने कहा की इस लेन-देन में जेफरीज इंटरनेशनल को कमीशन के रूप में 5.5 मिलियन डॉलर मिले थे। एनएनपीएलसी को प्राप्त कुल निवेश में से, NDTV समूह की विभिन्न सहायक कंपनियों को 1,939 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए।

सीबीआई ने यह भी कहा कि NDTV इंटरनेशनल होल्डिंग बीवी को केवल जनरल इलेक्ट्रिक यूएसए की सहायक कंपनी से 150 मिलियन जुटाने के लिए बनाया गया था। यह निवेश भारत में मॉरीशस और यूके में फर्मों के माध्यम से NDTV की सहायक कंपनियों में भेजा गया। CBI की FIR में इसी तरह के और भी कई ट्रांजिक्शन का जिक्र किया गया है।

इस बीच, एनडीटीवी ने FIR के जवाब में एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि यह "दुर्भावनापूर्ण और मनगढ़ंत आरोपों के माध्यम से चुप कराने का प्रयास है"। बयान में कहा गया है कि इससे पहले दर्ज किए गए मामलों में एजेंसियों को NDTV के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई सबूत नहीं मिला इसके बावजूद जानबूझकर इस तरह की कार्रवाई की जा रही है। एनडीटीवी के संस्थापक प्रणॉय और राधिका रॉय ने भी कंपनी के खिलाफ और उनके खिलाफ दायर सभी मामलों में सहयोग किया है।

Created On :   21 Aug 2019 6:33 PM IST

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