कर्नाटक: स्पीकर ने नहीं दिया इस्तीफा तो बीजेपी लाएगी अविश्वास प्रस्ताव!

BJP mulling no-confidence motion against Karnataka assembly speaker
कर्नाटक: स्पीकर ने नहीं दिया इस्तीफा तो बीजेपी लाएगी अविश्वास प्रस्ताव!
कर्नाटक: स्पीकर ने नहीं दिया इस्तीफा तो बीजेपी लाएगी अविश्वास प्रस्ताव!
हाईलाइट
  • कुमार को पद छोड़ने के लिए सरकार की तरफ से साफ संदेश दे दिया गया है
  • पार्टी सूत्रों के हवाले से शनिवार को ये जानकारी सामने आई है
  • भाजपा विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है

डिजेटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक में सत्ता में आने के बाद भाजपा अब विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है। कुमार को पद छोड़ने के लिए सरकार की तरफ से साफ संदेश दे दिया गया है, जिसपर परंपरागत रूप से सत्ताधारी पार्टी के सदस्य आसीन होते रहे हैं। पार्टी सूत्रों के हवाले से शनिवार को ये जानकारी सामने आई है।

नाम न बताने की शर्ता पर सत्तारूढ़ भाजपा के एक विधायक ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, "अगर विधानसभा अध्यक्ष खुद इस्तीफा नहीं देते हैं तो हम अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को आगे बढ़ाएंगे।" विधायक ने कहा, "हमारा पहला एजेंडा विश्वास प्रस्ताव को जीतना है और सोमवार को फाइनेंस बिल पारित कराना है। हम इंतजार करेंगे और देखेंगे कि स्पीकर खुद इस्तीफा देते हैं या नहीं।"

बता दें कि बीजेपी के सरकार बनाने का दावा ठोकने के बाद बीएस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को चौथी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल वजुभाई वाला ने येदियुरप्पा को राजभवन में शपथ दिलाई। विश्वासमत में कुमारस्वामी सरकार के फेल होने के तीन दिन बाद बीजेपी ने राज्य में अपनी सरकार बनाई है। येदियुरप्पा कैबिनेट के मंत्री विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के बाद शपथ ग्रहण करेंगे।

इससे पहले विधानसभा स्पीकर ने गुरुवार को तीन बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। 15 वीं विधानसभा के कार्यकाल के अंत तक इन विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया है। अयोग्य विधायकों में राणेबेन्नूर से निर्दलीय विधायक आर शंकर, गोकक से कांग्रेस विधायक रमेश जारकीहोली और अथानी से विधायक महेश कुमथल्ली है। स्पीकरने कहा था कि तीनों विधायकों ने सही तरीके से इस्तीफा नहीं दिया और इसलिए दल-बदल कानून के तहत उन्हें अयोग्य ठहराने की कार्रवाई की गई है।

पिछले साल हुए चुनावों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन उसे स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते, उन्हें मई 2018 में सरकार बनाने के लिए राज्यपाल ने आमंत्रित किया था। ये सरकार केवल दो दिनों तक चली थी क्योंकि येदियुरप्पा 224 सदस्यीय सदन में अपना बहुमत साबित नहीं कर सके थे। इसके बाद कांग्रेस-जेडडीएस ने गठबंधन कर राज्य में सरकार का गठन किया था। 

Created On :   27 July 2019 6:55 PM IST

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