Babri Masjid Demolition case: 27 साल बाद 30 सितंबर को आएगा फैसला; आडवाणी, सभी 32 आरोपियों को अदालत में मौजूद रहना होगा

Babri Masjid demolition case verdict on Advani, Joshi, Bharti on September 30
Babri Masjid Demolition case: 27 साल बाद 30 सितंबर को आएगा फैसला; आडवाणी, सभी 32 आरोपियों को अदालत में मौजूद रहना होगा
Babri Masjid Demolition case: 27 साल बाद 30 सितंबर को आएगा फैसला; आडवाणी, सभी 32 आरोपियों को अदालत में मौजूद रहना होगा
हाईलाइट
  • CBI की स्पेशल कोर्ट 30 सितंबर को विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में फैसला सुनाएगी
  • ढांचा ढहाने के मामले में 6 दिसंबर 1992 को थाना राम जन्मभूमि में FIR दर्ज की गई थी
  • सभी आरोपियों को फैसले के वक्त कोर्ट में मौजूद रहना होगा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट 30 सितंबर को अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में फैसला सुनाएगी। सभी आरोपियों को फैसले के वक्त कोर्ट में मौजूद रहना होगा। ढांचा ढहाने के मामले में 6 दिसंबर 1992 को थाना राम जन्मभूमि में एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 49 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें बाला साहेब ठाकरे, अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णुहरि डालमिया समेत 17 आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है। बता दें कि 27 साल पहले अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों ने बाबरी ढांचे को ढहा दिया था।

अयोध्या मामले में फैसला सुनाने की तारीख बुधवार को लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत के जज सुरेंद्र कुमार यादव ने तय की। इस महीने की शुरुआत में, 2 सितंबर को विशेष जज एसके यादव ने अदालत ने सभी 32 आरोपियों के बयान दर्ज करके मामले में सभी कार्यवाही पूरी कर ली थी। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती सहित मामले के 32 आरोपियों में से 25 का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील केके मिश्रा ने फैसला सुनाने के लिए अदालत की निर्धारित तारीख की पुष्टि की। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई कोर्ट को 30 सितंबर तक मामले में फैसला सुनाने के लिए निर्देशित किया था। 

डेड लाइन के बावजूद काफी लंबा खींचा गया केस
भाजपा के वरिष्ठ राजनेताओं से जुड़े संवेदनशील मामले को सुप्रीम कोर्ट की निर्धारित समय सीमा तक पूरा करने के बावजूद इस केस को काफी लंबा खींचा गया। 19 अप्रैल, 2017 को, सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल जज को डे-टू-डे ट्रायल कर दो साल में इस मामले को खत्म करने का आदेश दिया था। पिछले साल जुलाई में, SC ने अयोध्या मामले में आपराधिक मुकदमा पूरा करने की समय सीमा छह महीने बढ़ा दी थी और अंतिम आदेश देने के लिए कुल नौ महीने का समय दिया था। इस साल 19 अप्रैल को समय सीमा समाप्त हो गई और 31 अगस्त की डेडलाइन तय की गई थी जो एक्सपायर हो चुकी है। 

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आरोपी
लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुधीर कक्कड़, सतीश प्रधान, राम चंद्र खत्री, संतोष दुबे और ओम प्रकाश पांडे, कल्याण सिंह, उमा भारती, राम विलास वेदांती, विनय कटियार, प्रकाश शर्मा, गांधी यादव, जय भान सिंह, लल्लू सिंह, कमलेश त्रिपाठी, बृजभूषण सिंह, रामजी गुप्ता, महंत नृत्य गोपाल दास, चंपत राय, साक्षी महाराज, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, धर्मदास, जय भगवान गोयल, अमरनाथ गोयल, साध्वी ऋतंभरा, पवन पांडे, विजय बहादुर सिंह, आरएम श्रीवास्तव और धर्मेंद्र सिंह गुर्जर।

Created On :   16 Sept 2020 6:47 PM IST

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