बागेश्वर धाम के दिव्य दरबार में ऐसा क्या होता है, जिस पर छिड़ा है बड़ा विवाद, इसी दरबार ने बागेश्वरधाम के धीरेंद्र शास्त्री को बनाया है 'गॉड मैन'!
- बागेश्वर धाम छतरपुर जिले के गड़ा गांव मे स्थित है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों चर्चा है। उन पर नागपुर की अंधश्रद्धा उन्मूलन नाम की एक संस्था ने अंधविश्वास और जादू-टोना फैलाने का आरोप लगाया है। समिति का कहना है कि दिव्य दरबार और प्रेत दरबार लगाकर धीरेंद्र शास्त्री ‘जादू टोना’ करते हैं। इसके अलावा समिति का ये भी आरोप है कि उनके दरबार में देव धर्म के नाम पर आम लोगों को लूटने के साथसाथ उनके साथ धोखाधड़ी भी होती है और शोषण भी किया जाता है।
समिति ने इस सिलसिले में पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। यह शिकायत महाराष्ट्र मानव बलिदान और अन्य अमानवीय, बुराई और अघोरी प्रथा अथवा काला जादू रोकथाम और उन्मूलन अधिनियम 2013 के तहत करवाई गई है। दरअसल, इस विवाद की शुरूआत उस दौरान हुई जब कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की नागपुर में आयोजित हुई श्रीराम चरित्र- चर्चा 13 जनवरी की जगह 11 जनवरी को ही खत्म हो गई थी। इस पर अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति का कहना था कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को उनकी समिति की तरफ से चैलेंज दिया गया था कि वह उन लोगों के बीच आएं और अपना दिव्य दरबार लगाएं और वो जो ये दावा करते हैं कि बिना मिले ही लोगों के बारे में सब जान लेते हैं तो उनके बारे में भी बताएं। अगर वह सब सच बता देते हैं तो समिति उन्हें भेंट के रूप में 30 लाख रूपये देगी। समिति के मुताबिक हमारे इस चैलेंज के बाद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपना दिव्य चमत्कारी दरबार लगाए बिना ही अपने तय समय से दो दिन पहले ही नागपुर से चले गए। समिति की तरफ से इसी मुद्दे पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का विरोध किया जा रहा है।
समिति के आरोपों पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने ये कहते हुए पलटवार किया कि उन्होंने उनके गुरु जी के जन्मदिवस के कारण सभी जगहों की कथा से 2-2 दिन कम कर दिए गए हैं। इसी के चलते नागपुर की कथा से भी दो दिन कम किए गए थे। उन्होंने ये भी कहा कि वो नागपुर में पिछले सात दिनों तक लगातार कथा करते रहे और इस बीच दो दिन दिव्य दरबार भी लगाया, लेकिन तब किसी ने कोई चुनौती नहीं दी।
कौन हैं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री?
कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म 15 जुलाई 1996 को छतरपुर के छोटे से गांव गढ़ा में हुआ था। वह कम उम्र में ही काफी प्रसिद्ध हो गए थे। उनके दादा पंडित सेतुलाल गर्ग भी प्रसिद्ध कथावाचक थे, जिनसे उन्होंने दीक्षा ली थी। यह अपने गांव में ही चमत्कारी दिव्य दरबार के नाम से अपना दरबार लगाते हैं जोकि पहले हफ्ते में मंगलवार और शनिवार के दिन ही लगता था, लेकिन अब हर रोज लगता है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक शुरूआत में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के चमत्कारी दिव्य दरबार में कम संख्या में लोग आते थे। लेकिन फिर जब उनके दरबार के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे तो लोगों की भीड़ बढ़ने लगी और वह दिन-ब-दिन लोकप्रिय होते गए। उनका बीएस मीडिया के नाम से खुद का एक यूट्यूब चैनल भी है।
जब अपने गांव में लगने वाले दरबार में सैंकड़ों की जगह लाखों लोग आने लगे तो धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दूसरे शहरों में जाकर दिव्य दरबार लगाना शुरू कर दिया। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के मुताबिक उनके दरबार में आने वाले लोगों से किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जब लोगों के बीच लोकप्रिय होने लगे तो उन्होंने रामकथा करना भी शुरू कर दिया है। वह देश के साथ ही विदेश में भी रामकथा का वाचन करने जाते हैं।
क्या है चमत्कारी दिव्य दरबार?
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दिव्य दरबार में सैंकड़ों-हजारों की संख्या में लोग अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं। इन लोगों में से किसी का भी नाम लेकर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने पास बुलाते हैं और उनके बिना बताए ही एक पर्चे पर उस व्यक्ति का नाम, उसका पता और उसकी समस्या समाधान के साथ लिख देते हैं। उनके भक्तों का मानना है कि उन्हें बागेश्वर धाम वाले बालाजी हनुमान की सिद्धी प्राप्त है। जिसके जरिए वो लोगों को उनके बारे में बिना मिले ही सब बता देते हैं। साथ ही उनकी समस्याओं का समाधान भी करते हैं।
क्या है बागेश्वर धाम?
बागेश्वर धाम छतरपुर जिले के गढ़ा गांव मे स्थित है। यहां बालाजी हनुमान जी का मंदिर है। यहां लोग अपनी समस्याओं के निवारण के लिए हनुमान जी के सामने हर मंगलवार को अर्जी लगाकर जाते हैं। अर्जी लगाने के लिए लोग एक लाल रंग के कपड़े में नारियल बांधकर उस स्थान पर बांध देते हैं और अपनी मनोकामना बोलकर मंदिर की 21 बार परिक्रमा लगाते हैं। इस मंदिर के पास ही धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दिव्य दरबार लगता है।
Created On :   19 Jan 2023 3:53 PM IST