भारतीय सैन्य अकादमी में प्रशिक्षित अफगानी सैनिक तालिबान के शीर्ष नेताओं में शामिल

Afghan soldiers trained at Indian Military Academy among top Taliban leaders
भारतीय सैन्य अकादमी में प्रशिक्षित अफगानी सैनिक तालिबान के शीर्ष नेताओं में शामिल
अफगानिस्तान भारतीय सैन्य अकादमी में प्रशिक्षित अफगानी सैनिक तालिबान के शीर्ष नेताओं में शामिल
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  तालिबान की तेज जीत के बाद, मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के अफगानिस्तान के नए राष्ट्रपति बनने की संभावना है, जबकि दोहा कार्यालय में उनके डिप्टी शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई के नई सरकार में एक प्रमुख पद पर होने की उम्मीद है।

स्टानिकजई, जो पिछले तालिबान शासन में उप विदेश मंत्री थे, अपने साथियों के विपरीत हैं, जिसे उच्च शिक्षित माना जाता है, क्योंकि वह देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट है। उसे 1970 के दशक में भारत-अफगान रक्षा सहयोग कार्यक्रम के तहत अधिकारी अकादमी में प्रशिक्षित किया गया था। इसके विपरीत अधिकांश अन्य तालिबान नेताओं ने अफगानिस्तान या पाकिस्तान के मदरसों से अध्ययन किया है।

1963 में अफगानिस्तान के लोगार प्रांत के बाराकी बराक जिले में जन्मे स्टानिकजई जातीय रूप से एक पश्तून हैं।

1980 के दशक में, उसने अफगान सेना को छोड़ दिया और सोवियत सेना के खिलाफ जिहाद में शामिल हो गया। उसने नबी मोहम्मदी के हरकत-ए इंकलाब-ए इस्लामी और अब्द उल रसूल सयाफ के इत्तेहाद-ए-इस्लामी के साथ अपने दक्षिण-पश्चिमी मोर्चे के कमांडर के रूप में लड़ाई लड़ी।

हरकत मुजाहिदीन गुट है, जिसे विश्व²ष्टि और कर्मियों दोनों के मामले में तालिबान के सबसे करीब माना जाता है और इसके रैंकों में मुल्ला उमर भी शामिल रहा है। जब 1996 में तालिबान सत्ता में आया, तो स्टानिकजई ने विदेश मामलों के उप मंत्री और बाद में विद्रोही शासन के सार्वजनिक स्वास्थ्य के उप मंत्री के रूप में कार्य किया।

विश्लेषक केट क्लार्क के अनुसार, अंग्रेजी बोलने वाला सैनिक पश्चिम के लिए तालिबान का चेहरा रहा, लेकिन उनके सीनियर, तत्कालीन विदेश मंत्री वकील अहमद मुत्तवकिल अब्दुल गफ्फार ने उस पर कभी भरोसा नहीं किया, जो बाद में तालिबान से अलग हो गया, जब अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन की खोज में अफगानिस्तान पर हमले शुरू किए थे।

स्टानिकजई के बारे में एक और दिलचस्प बात यह है कि उसकी बेटी उसी अमेरिका में पढ़ रही है, जिसकी सभ्यता, तौर-तरीके और पूंजीवाद का तालिबान हमेशा विरोधी रहा है।

2001 में तालिबान शासन को उखाड़ फेंकने के बाद, वह पहले सभी तालिबान नेताओं की तरह पाकिस्तान गया और फिर कतर चला गया। कतर की सरकार पूर्व तालिबान नेता और उनके परिवार को आर्थिक रूप से समर्थन देने के लिए सहमत हो गई है। दो साल पहले, टोलो के पूर्व समाचार रिपोर्टर ने अब्बास स्टानिकजई की बेटी की एक तस्वीर साझा की, जो अमेरिका में पढ़ रही थी। 2015 में, उसने दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय में कार्यभार संभाला।

इसे तालिबान की दोहरी मानसिकता और पाखंड ही कहेंगे कि अब्बास स्टानिकजई की बेटी तो विदेश में पढ़ रही है, जबकि वे अफगानिस्तान में लड़कियों को स्कूल तक नहीं जाने देते हैं।

स्टानिकजई को कंधार द्वारा पर्याप्त रूप से प्रस्तुत करने योग्य समझा जाने वाले एक अधिकारी के रूप में भी याद किया जाता है, जिसे अक्सर विदेशी आगंतुकों से बातचीत करने और कभी-कभी अंग्रेजी में मीडिया साक्षात्कार देने का काम सौंपा जाता रहा है। जब तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर ने अफगानिस्तान पर शासन किया था, तब उसे इस प्रकार की जिम्मेदारी सौंपी जाती थी।

तालिबान के राजदूत के रूप में स्टानिकजई 1996 में अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से मिलने गया था, ताकि क्लिंटन प्रशासन को तालिबान शासित अफगानिस्तान को राजनयिक मान्यता देने के लिए मनाया जा सके। यह वह समय था, जब पाकिस्तान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने आतंकी संगठन के शासन को मान्यता दी थी।

हालांकि स्टानिकजई और अन्य पर संयुक्त राष्ट्र के दिशानिर्देशों के तहत अंतर्राष्ट्रीय यात्रा का प्रतिबंध था, मगर कथित तौर पर उसे कतर की यात्रा करने की अनुमति देने के लिए व्यवस्था की गई थी।

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद के अनुसार, स्टानिकजई ने अमेरिका और अफगान सरकार के साथ कई दौर की शांति वार्ता में तालिबान का प्रतिनिधित्व किया है।

2016 में, वह बीजिंग गया था और चीनी नेतृत्व से मिला था, ताकि तालिबान और चीन के बीच सीधा संपर्क स्थापित हो सके। अमेरिका-तालिबान समझौते के बाद वह मास्को, उज्बेकिस्तान, चीन और अन्य स्थानों की यात्रा कर रहा था। चर्चा यह है कि शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई फिर से तालिबान के विदेश मंत्रालय में जिम्मेदारी मिल सकती है और उसे विदेश मंत्री बनाया जा सकता है।

(यह आलेख इंडिया नैरेटिव डॉट कॉम के साथ एक व्यवस्था के तहत लिया गया है)

 

Created On :   20 Aug 2021 4:00 PM IST

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