मंदिर मामला: अमेठी के औरंगाबाद गांव में मिला 120 साल पुराना शिव मंदिर, जांच करने पहुंची जिला प्रशासन की टीम

अमेठी के औरंगाबाद गांव में मिला 120 साल पुराना शिव मंदिर, जांच करने पहुंची जिला प्रशासन की टीम
  • एसडीएम को शिकायती पत्र देकर स्थानीय लोगों ने एक्शन लेने की मांग की
  • एसडीएम ने मंदिर की जांच की जिम्मेदारी तहसीलदार को सौंपी
  • दो दशक तक पूजा करने वाले पुजारी का परिवार कर चुका है पलायन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में संभल, वाराणसी और बुलंदशहर के बाद अमेठी के मुसाफिखाना के औरंगाबाद गांव में भी एक 120 साल पुराना शिव मंदिर मिला है, जिस पर अल्पसंख्यक समुदाय ने कब्जा कर रखा है। शिव का मंदिर पंच शिखर है। एसडीएम को शिकायती पत्र देकर स्थानीय लोगों ने एक्शन लेने की मांग की है। एसडीएम ने इस मामले की जांच तहसीलदार को सौंप दी है। पुराना मंदिर होने का हिंदू धर्म के लोगों की ओर से दावा किया जा रहा है। इस पूरे मामले को लेकर एसडीएम प्रीति तिवारी ने कहा है कि मंदिर की जांच की जिम्मेदारी तहसीलदार को सौंप दी है। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इलाके में शांति व्य्वस्था कायम है।

मंदिर को लेकर हिंदू धर्म और अल्पसंख्यक समुदाय के बीच विवाद शुरु हो गया है। हिंदू धर्म की अनुशंसा पर जांच करने पहुंची प्रशासन टीम ने जांच की, जांच टीम ने मौके पर मंदिर पाया हालांकि वह मंदिर जर्जर अवस्था में है। हिंदू समाज के लोगों का आरोप है कि मंदिर पर मुस्लिम समुदाय का कब्जा है। मंदिर को अन्य समुदाय से मुक्त किया जाए।

मामले के तूल पकड़ते देख जांच टीम के साथ भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा। जांच टीम ने गांव के लोगों से पूछताछ की। पुलिस दो दशक से अधिक समय से मंदिर की पूजा कर रहे पंडित परिवार से भी पूछताछ कर रहा है।

मंदिर को लेकर गांव के लोगों का मानना है कि मंदिर का निर्माण किसी दलित परिवार ने करवाया था। मंदिर की पूजा पंडित शंभूनाथ करते थे। कुछ दिन बाथ शंभूनाथ का देहांत हो गया था। पंडित के परलोक गमन जाने बाद उनके चारों बेटों ने मंदिर में पूजा का काम संभाला था। बाद में शंभूनाथ का परिवार सामूहिक रूप से यहां से पलायन कर गया। पुजारी शंभूनाथ के बेटों ने करीब 3 लाख रूपए में मंदिर को गांव के ही आजम और मो.जमा को बेच दिया था। पुजारी के परिवार के चले जाने के बाद मंदिर में पूजा पाठ होना बंद हो गई थी। उसके बाद मंदिर जर्जर हो गया। मंदिर को लेकर गांव के मुखिया का कहना है कि मंदिर पर किसी का कब्जा नहीं है, मंदिर में कोई आता जाता नहीं है। मंदिर जर्जर अवस्था में है।

Created On :   24 Dec 2024 5:35 PM IST

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