विदेश दौरा: 17 सालों में पहली बार भारत के लोकसभा अध्यक्ष की ब्रिटेन यात्रा, यूके के पूर्व पीएम ऋषि सुनक से हुई मुलाकात

17 सालों में पहली बार भारत के लोकसभा अध्यक्ष  की ब्रिटेन यात्रा, यूके के पूर्व पीएम ऋषि सुनक से हुई मुलाकात
  • दोनों के बीच कई अहम मुद्दों पर हुई बातचीत
  • भारत-यू.के. सहयोग को और मजबूत बनाने में सहायक
  • लंदन में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की

डिजिटल डेस्क, लंदन। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के बीच गर्मजोशी से मुलाकात हुई। दोनों के बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई। ओम बिरला ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तस्वीरें साझा की।

आपको बता दें कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ब्रिटेन दौरे पर हैं। ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष की यात्रा हमारे लिए साल 2025 की विशेष शुरुआत है। 17 सालों में पहली बार भारत के लोकसभा अध्यक्ष ब्रिटेन की यात्रा पर आए हैं। हाउस ऑफ कॉमन्स के अध्यक्ष सर लिंडसे हॉयल और लोकसभा के अध्यक्ष दोनों ही अपने दूसरे कार्यकाल में हैं।

ओम बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि जैसे-जैसे भारत ‘सुधार के माध्यम से परिवर्तन’ के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, उन्हें खुद को भारत के साथ सिर्फ भावनात्मक लगाव तक सीमित नहीं रखना चाहिए। चाहे वह नवाचार हो, निवेश हो या व्यापार हो, उभरता हुआ नया भारत अपार संभावनाओं और अवसरों का खजाना प्रदान करता है। उन्हें इन अवसरों का अधिकतम लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि नया भारत उत्सुकता से खुली बाहों के साथ उनका इंतजार कर रहा है।

लंदन में भारतीय समुदाय के सदस्यों से बातचीत करके बहुत खुशी हुई। यह देखकर खुशी हुई कि उन्होंने अपने भीतर भारतीयता की भावना को बरकरार रखा है। वे भारत और ब्रिटेन के बीच बहुआयामी संबंधों में सेतु का काम करते हैं। वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए दुनिया भारत की ओर देख रही है, ऐसे में प्रवासी भारतीय इस प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

लंदन में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की, उनकी चिरस्थायी विरासत को दर्शाते हुए। गांधीवादी आदर्शों- अहिंसा, सत्य और आत्मनिर्भरता की कालातीत प्रासंगिकता अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के ढांचे को प्रेरित करती रहती है। संघर्षों और जलवायु परिवर्तन से जूझ रहे विश्व में, गांधी जी की शांति और सहयोग की दृष्टि आशा की किरण के रूप में कार्य करती है। इन सिद्धांतों को अपनाकर, वैश्विक समुदाय करुणा और नैतिक अखंडता के साथ जटिलताओं को संबोधित कर सकता है, सामूहिक प्रगति को बढ़ावा दे सकता है और हम में से प्रत्येक की गरिमा को बनाए रख सकता है।

Created On :   9 Jan 2025 11:42 AM IST

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