कोविड-19: WHO ने दी कड़ी चेतावनी, कहा- लापरवाही हुई तो कोरोना लौटेगा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने कहा है कि नोवल कोरोना वायरस महामारी से बाहर निकल रहे देशों ने अगर पाबंदियों को चरणबद्ध तरीके से नहीं हटाया तो हालात बेहद खराब हो सकते हैं। ऐसे में दोबारा लॉकडाउन लागू करना पड़ेगा। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस ने कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन को हटाने के लिए आवश्यक कई उपायों की सूची जारी की है।
भारत में लॉकडाउन का तीसरा चरण
बता दें कि चीन के वुहान शहर से फैला कोरोनावायस पूरी दुनिया में कोहराम मचा रहा है। यह वायरस पूरी दुनिया में अब तक ढाई लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है और करीब 38 लाख लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। इस वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कई देशों ने लॉकडाउन कर रखा है। भारत में भी लॉकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है जो 17 मई को समाप्त होगा। लॉकडाउन की वजह से इकोनॉमी में बेहद बुरा असर पड़ा है। ऐसे में सभी देश अब जल्द से जल्द लॉकडाउन को हटाकर अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाना चाहते हैं।
डेविड नाबारो के बयान ने बढ़ा दी थी चिंता
इससे पहले वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) से जुड़े एक डॉक्टर, डेविड नाबारो के बयान ने दुनिया की चिंता बढ़ा दी थी। नाबारो ने कहा था कि हो सकता है कोविड-19 की वैक्सीन कभी इस दुनिया में न आ पाए। उन्होंने कहा था, हम दावे के साथ नहीं कह सकते हैं कि एक वैक्सीन आ ही जाएगा। जब तक वैक्सीन नहीं बन जाता है हमें खुद को बचाकर रखना होगा। हम एक बायोलॉजिकल सिस्टिम से जूझ रहे हैं। हम किसी मैकेनिकल सिस्टम से नहीं डील कर रहे हैं। यह वास्तव में इस बात पर निर्भर करता है कि शरीर किस तरह प्रतक्रिया देता है।
दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए वैक्सीन बनाने की जुगत में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक सफलता नहीं मिल पाई है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कुल 102 वैक्सीन रेस में हैं। इनमें से 8 मानवीय परीक्षण स्टेज में पहुंच गए हैं। कोविड-19 के मरीजों के लिए कई तरह के इलाज पर प्रयोग चल रहा है। वैज्ञानिक एंटी इबोला ड्रग रेमडेसिवीर और प्लाज्मा थेरेपी भी आजमा रहे हैं। एंटी मलेरिया दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन का भी प्रयोग किया जा रहा है।
Created On :   7 May 2020 3:24 AM GMT