अमेरिका: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सर्वोच्च अदालत से बड़ी राहत

- युद्धकालीन कानून के तहत निर्वासन पर रोक
- रोक लगाने वाले आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने हटाया
- दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति बनने पर पहली बार राहत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है, युद्धकालीन कानून के तहत निर्वासन पर रोक वाले नीचली कोर्ट के आदेश को शीर्ष कोर्ट ने हटा दिया है। 5-4 के जजमेंट से फैसला आया है। ट्रंप ने फैसले कोले कर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से अमेरिका में कानून के शासन को बनाए रखने में सहायता मिलेगी। रियलिटी शो में सत्य ने एक पोस्ट में कहा, 'शीर्ष अदालत ने देश में कानून के शासन को कायम रखा है। इस सीमा को सुरक्षित रखना और देश की रक्षा करने में सहायक। यह अमेरिका में न्याय के लिए एक महान दिन है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में अमेरिका से निर्वासित वेनेजुएला के निवासियों ने कहा कि उनके रथ वेनेजुएला के गैंग स्ट्रेन डी अरागुआ के निवासी नहीं थे, उन्होंने कोई अपराध नहीं किया। लेकिन उन्हें टैटू के आधार पर निर्वासन किया गया। राष्ट्रपति के निर्वासन वाले फैसले पर एक संघीय अदालत के जज ने रोक लगा दी थी। लेकिन अब शीर्ष अदालत के फैसले के बाद फिर से निर्वासन शुरू हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर यह भी कहा कि एईए के तहत जिन यात्रियों को निर्वासन का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें प्रक्रिया का अधिकार है। क्योंकि, इस कानून का उपयोग केवल 1812 के युद्ध, प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान किया गया था। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि 1978 के विदेशी शत्रु अधिनियम के तहत निर्वासन के शाही निवास को अपने निष्कासन को कानूनी रूप से चुनौती देने का मौका मिलना चाहिए।
आपको बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने संघीय अदालत के उस आदेश को हटा दिया था, जिसमें युद्धकालीन कानून का इस्तेमाल किया गया था, जिसके जरिए वेनेजुएला रियाल के निवास पर रोक लगा दी गई थी। अमेरिका की अदालत में जिला न्यायाधीश जेम्स बोसबर्ग ने निर्वासन पर रोक लगाई थी, रोक को अब सर्वोच्च न्यायालय ने हटा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस केस की सुनवाई टेक्सास में होनी चाहिए, न कि वाशिंगटन में। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा इसलिए कहा, क्योंकि जिन वेनेजुएला के निवासियों को निर्वासित किया गया था, वह टेक्सास में हैं और उन्होंने अपने निष्कासन का केस वाशिंगटन में दायर किया था।
Created On :   8 April 2025 9:26 AM IST