वायुमंडलीय क्षेत्र बढ़ती ताकत: चीन ने अंटार्कटिका में बनाई नई दूरबीन का किया अनावरण, महाद्वीप में वैज्ञानिक अनुसंधान को लगातार बढ़ा रहा है ड्रैगन

चीन ने अंटार्कटिका में बनाई नई दूरबीन का किया अनावरण, महाद्वीप में वैज्ञानिक अनुसंधान को लगातार बढ़ा रहा है ड्रैगन
  • अंटार्कटिका के क्षेत्र में और मजबूत होगी ताकत
  • चीन का लगातार बढ़ता वैज्ञानिक अनुसंधान
  • अंटार्कटिका में 70 स्थायी अनुसंधान स्टेशन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन ने अंटार्कटिका में बनाई एक नई दूरबीन का अनावरण किया है। इस दूरबीन की वजह से बर्फीले और संसाधन से भरे पूरे अंटार्कटिका महाद्वीप पर ड्रैगन की मौजूदगी और अधिक मजबूत हो गई है। वायुमंडलीय क्षेत्र बढ़ती ताकत को लेकर चीन इसे अहम कदम बता रहा है। इस दूरबीन से वायुमंडल में इन्फ्रारेड और मिलीमीटर-कंपन की समीक्षा करने में मदद मिलेगी। यहीं नहीं इससे ब्रह्मांडीय घटनाओं का अध्ययन करने में मदद मिलेगी।

चीन ने इस दूरबीन का नाम थ्री गॉर्जेस अंटार्कटिक आई रखा है, और यह 3.2 मीटर एपर्चर वाली रेडियो/मिलीमीटर-वेव दूरबीन है। इसे चीन के थ्री गॉर्जेस यूनिवर्सिटी (सीटीजीयू) और शंघाई नॉर्मल यूनिवर्सिटी (एसएचएनयू) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें चीन ने 1983 में अंटार्कटिक संधि पर साइन किए थे, जो अंटार्कटिका को एक नेचुरल रिजर्व मानती है। जो इस इलाके में वाणिज्यिक संसाधन निष्कर्षण पर पूर्ण तरीके से रोक लगाती है।

मौजूदा वक्त में अंटार्कटिका में 70 स्थायी रिसर्च स्टेशन हैं, जो पृथ्वी के विभिन्न महाद्वीपों के 29 देशों द्वारा संचालित हैं। भारत के पास अंटार्कटिका में दो सक्रिय अनुसंधान स्टेशन हैं, मैत्री और भारती। अमेरिका के पास 6 और ऑस्ट्रेलिया के पास 3 अनुसंधान स्टेशन हैं।

आपको बता दें अंटार्कटिका में चीन अपने वैज्ञानिक अनुसंधान को लगातार बढ़ा रहा है। तीन साल पहले 2022 में उसने अपना पांचवां विशाल अनुसंधान स्टेशन शुरू किया था। इस स्टेशन में 5,244 वर्ग मीटर का फर्श क्षेत्र है और यह गर्मियों के दौरान 80 अभियान दल के सदस्यों और सर्दियों में 30 सदस्यों को सहायक सेवाएं प्रदान करने के लिए कई सुविधाओं से लैस है।

Created On :   8 April 2025 6:24 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story