पाकिस्तान ने धमकाया तो तालिबान ने याद दिलाई 1971 की लड़ाई, जानें पाक के लिए क्यों नासूर बनता जा रहा है तालिबान?
- हमला किया तो 1971 जैसा होगा हाल
डिजिटल डेस्क, काबुल। अक्सर कहा जाता है कि सांप से दोस्ती करोगे तो एक ना एक दिन डसेगा जरूर। कुछ ऐसा ही वाक्या पाकिस्तान के साथ होने जा रहा है। इसके पीछे की कहानी ये है कि जब अफगानिस्तान पर तालिबानी लड़ाके जबरदस्ती कब्जा कर रहे थे और दुनियाभर के देश तालिबान के इस कारनामे की निंदा कर रहे थे। तब पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान इसे सही ठहरा रहे थे। अब वही तालिबान धीरे-धीरे पाकिस्तान के लिए गले की फांस बनता जा रहा है।
बीते गुरूवार को पाक गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह ने तालिबान को धमकी क्या दे डाली। उसके जवाब में अफगान के उप प्रधानमंत्री अहमद यासिर ने पलटवार करते हुए 1971 के भारत-पाक युद्ध की याद दिला डाली। अफगान डिप्टी पीएम अहमद यासिर ने बाकायदा ट्वीट कर भारत-पाक युद्ध की एक फोटो भी शेयर किया है। जिससे स्पष्ट है कि पाकिस्तान को हर तरह से जवाब देने के लिए तालिबान तैयार है। पाकिस्तान के लिए आने वाले दिनों में तालिबान बड़ा संकट खड़ा कर सकता है।
— Ahmad Yasir (@AhmadYasir711) January 2, 2023
पाक की धमकी पर पलटवार
टीटीपी के आंतकियों के सफाए के लिए पाकिस्तान के नेताओं की तरफ से तालिबान को धमकी दी गई थी और कहा गया था कि अफगानिस्तान में घुसकर इन आतंकियों पर हमला किया जाएगा। पाकिस्तान के गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह खान ने भी हाल ही में एक इंटरव्यू में खुलेआम तालिबान को धमकी दे डाली थी। सनाउल्लाह खान ने कहा था कि अगर टीटीपी आतंकियों से लड़ने में तालिबान मजबूती के साथ पाकिस्तान की मदद नहीं करता है तो अफगानिस्तान में घुसकर इन आतंकियों को निशाना बनाया जा सकता है। जिसके जवाब में तालिबान ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला है। अफगान तालिबान डिप्टी पीएम अहमद यासिर ने ट्वीट कर एक फोटो शेयर किया है।
इस फोटो में 1971 युद्ध के दौरान तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के कमांडर जनरल नियाजी और भारतीय सेना के जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा दिख रहे हैं। जनरल नियाजी भारतीय सेना के जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के आगे आत्मसमर्पण पेपर पर साइन कर रहे हैं। उनके पीछे भारतीय वायु सेना और नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी भी खड़े हुए हैं। गौरतलब है कि भारत-पाक युद्ध द्वितीय युद्ध के बाद पहली लड़ाई थी। जिसमें 93 हजार सैनिकों ने एक साथ हथियार डाल दिए थे। इस युद्ध को आज भी याद किया जाता है।
पाक-तालिबान के विवाद की असल वजह?
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा का विभाजन डूरंड रेखा करती है। इसी को लेकर पाक व अफगान के बीच पिछले काफी समय से विवाद चल रहा है। अफगान तालिबान कहता है कि पाकिस्तान का खैबर पख्तूनख्वा राज्य उसका ही हिस्सा है, जबकि पाकिस्तान डूंरड लाइन को ही मानता है। इस हिस्से को पाकिस्तान कांटेदार तार से फेंसिंग कर रखी है। 15 अगस्त 2021 को अफगानिस्तान पर तालिबानी लड़ाकों ने कब्जा कर लिया और उसके पांच दिन ही बाद तालिबान ने पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया था कि उसे हर हालत में अफगानिस्तान का हिस्सा खाली करना पड़ेगा। गौरतलब है कि अफगानिस्तान डूरंड लाइन नहीं मानता है। इसी को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद होता रहता है।
Created On :   3 Jan 2023 1:54 PM IST