अमेरिका-चाइना ट्रेड वॉर: ट्रंप के टैरिफ से चीन में मचा हाहाकार, समंदर के बीच माल छोड़कर भाग रहे हैं चाइनीज एक्सपोर्टर्स

- अमेरिका और चाइना में जारी ट्रेड वॉर
- अमेरिका के टैरिफ से चीन में मचा हाहाकार
- समंदर के बीच माल छोड़कर भाग रहे एक्सपोर्ट्स
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ का ऐलान करके कई देशों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव वैश्विक से लेकर भारतीय शेयर मार्केट पर देखने को मिला है। एक तरह जहां अमेरिका ने भारत के लिए 26 प्रतिशत तक टैरिफ थोपा है। तो वहीं चीन पर सबसे अधिक 104 प्रतिशत तक टैरिफ लगाया गया है। इसके बाद से अमेरिका-चीन के बीच इकोनॉमिक वार शुरू हो गया है। इससे चाइनीज एक्सपोर्ट्स में दहशत फैल गई है। नौबत यह आ गई है कि टैरिफ के खौफ की वजह से चाइनीज एक्सपोर्ट्स को अपना माल बीच समंदर में छोड़कर भागना पड़ रहा है।
अमेरिका ने चीन पर लगाया 104 फीसदी टैरिफ
इस बात की पुष्टि साउथ चाइना पोस्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में की। जिसके मुताबिक, चीन में लिस्टेड एक एक्सपोर्ट कंपनी के कर्मचारी का कहना है कि ट्रंप सरकार के नए टैरिफ के बाद उनकी अमेरिका को होने वाली डेली शिपमेंट 40-50 कंटेनर से गिरकर सिर्फ 3-6 कंटेनर रह गई है। अमेरिका ने चीन के सामान पर 104 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाया है, जिससे कुल टैरिफ 115 फीसदी तक पहुंच गया है। इन नए टैरिफ ने बीजिंग को गुस्सा दिलाया है और ग्लोबल मार्केट्स में हड़कंप मचा दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि इससे इससे ट्रेड वॉर छिड़ सकता है।
कंपनी के कर्मचारी ने बताया, "हमने फिलीपींस, वियतनाम, इंडोनेशिया और मलेशिया से सभी शिपिंग प्लान रोक दिए हैं। हर फैक्ट्री ऑर्डर रद्द हो गया है। जो माल अभी तक लोड नहीं हुआ, उसे स्क्रैप किया जा रहा है और जो समंदर में है, उसकी नई कीमत लगाई जा रही है।" वहीं, एक क्लाइंट ने कंपनी को बताया कि वह समंदर में पहले से भेजे गए माल को छोड़ रहा है और शिपिंग कंपनी को दे रहा है, क्योंकि "टैरिफ लगने के बाद इसे कोई नहीं खरीदेगा।"
चीन ने जापान-यूरोप की ओर बदला रुख
कर्मचारी ने कहा, "अब हर कंटेनर पर इतना नुकसान हो रहा है, जितना पहले 2 कंटेनर से मुनाफा होता था। ऐसे में यह काम कौन करेगा?" दरअसल, ट्रेड वॉर के तूफाने से बचने के लिए चीन के एक्सपोर्टर्स अमेरिका की जगह यूरोप और जापान की ओर रुख कर रहे हैं।
बता दें, चीन दुनिया का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है और उसने पिछले साल अमेरिका को 439 अरब डॉलर का सामान भेजा, जबकि अमेरिका ने चीन को सिर्फ 144 अरब डॉलर का सामान एक्सपोर्ट किया। लेकिन अब अमेरिकी खरीदार भी महंगाई के डर से पीछे हट रहे हैं। कुछ मैन्युफैक्चरर्स का कहना है कि रोजाना 300 कंटेनर के ऑर्डर कैंसल हो रहे हैं।
चीन में नौकरियां का खतरा
दरअसल, अमेरिका के नए टैरिफ और अनिश्चित बाजार के चलते एक्सपोर्टर्स अपने ऑपरेशन्स कम कर रहे हैं। कई फैक्ट्रियों में काम के घंटे घटाए जा रहे हैं और कर्मचारियों को कम शिफ्ट में काम करने को कहा जा रहा है। जिस कंपनी का कर्मचारी बात कर रहा था, उसके अमेरिकी ब्रांच ने फ्रंटलाइन वर्कर्स की छंटनी शुरू कर दी है, क्योंकि डिमांड बुरी तरह प्रभावित हुई है.
Created On :   9 April 2025 8:33 PM IST