आतंकी हमले से जब कांप उठा था अमेरिका, फिर कैसा लिया बदला?
- इस भीषण आतंकी हमलें कुल 2
- 977 लोगों की जान गई थी।
- न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को आतंकियों ने अपना निशाना बनाया था।
डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। 11 सितंबर, 2001 को मंगलवार का दिन था। दुनिया का सबसे खतरनाक चरमपंथी हमला इसी दिन हुआ था। न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को आतंकियों ने अपना निशाना बनाया था। आतंकियों ने दो अमेरिकी यात्री विमानों को न्यूयॉर्क स्थिति वर्ल्ड ट्रेड टॉवर की दो गगनचुंबी इमारतों से टकराया था। इस हादसे में हजारों लोगों की मौत हुई थी। इस हादसे से न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया दहल गई थी। तब से इसे दुनिया के सबसे खौफनाक हादसों में गिना जाता है।
आतंकियों ने निशाना बनाया था।
बता दें कि पूर्वी अमेरिका में चार यात्री विमानों को आत्मघाती हमलावरों ने हाइजैक किया था। इसके बाद उन्होंने इसका इस्तेमाल न्यूयॉर्क और वॉशिंगटन की बेहद मशहूर इमारतों पर हमले के तौर पर किया। दो विमान न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दो इमारतों से टकराए थे।
पहला विमान स्थानीय समय के मुताबिक 8 बजकर 46 मिनट में उत्तरी टॉवर से टकराया जबकि दूसरा विमान नौ बजकर तीन मिनट पर दक्षिणी टॉवर से टकराया। इस हादसे से दोनों इमारतों में आग लग गई थी। ऊपर की मंजिलों में लोग फंस गए थे। और पूरा शहर धुएं से भर गया था, दो घंटों के अंदर 110 मंजिली इमारत पूरी तरह से ढह गई। और मलबे में तब्दील हो गई। थोड़ी देर बाद 9 बजकर 37 मिनट में तीसरा विमान वॉशिंगटन डीसी से थोड़ी दूर स्थित अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन से टकराया। जबकि चौथा विमान दस बज कर तीन मिनट में पेन्सेल्विनिया के मैदानों में क्रैश कर गया। माना जाता है कि इस विमान से चरमपंथी वॉशिंगटन डीसी की कैपिटल बिल्डिंग पर हमला करने वाले थे।
आतंकी हमलों में कितने लोग मारें गये थे?
इस भीषण आतंकी हमले में कुल 2,977 लोगों की जान गई थी। इनमें से ज्यादातर लोगों की मौत न्यूयॉर्क में हुई थी। इन चार विमानों में कुल 246 यात्री और चालक दल के सदस्य सवार थे, सबकी मौत हुई थी। वर्ल्ड ट्रेड टॉवर की दोनों इमारतों के गिरने से 2,606 लोगों की जानें गई थीं। पेंटागन में हुए हमले में 125 लोगों की मौत हुई थी। इन हादसों में मरने वाले सबसे कम उम्र क्रिस्टिन ली हैंसन की थी, दो साल के हैंसन की मौत विमान पर सवार अपने माता-पिता के साथ हुई थी। जबकि सबसे अधिक उम्र के सदस्य 82 साल के रॉबर्ट नोर्टन थे, जो अपनी पत्नी जैकलीन के साथ एक शादी में शामिल होने के लिए जा रहे थे। वर्ल्ड ट्रेड टॉवर से जब पहला विमान टकराया था, तब एक अनुमान के मुताबिक इमारत में करीब 17,400 लोग मौजूद थे। उत्तरी टॉवर में जहां विमान टकराया था, उससे ऊपर मौजूद कोई भी जीवित नहीं बचा। जबकि दक्षिणी टॉवर में जहां विमान टकराया, उससे ऊपर की मंज़िलों में केवल 18 लोग जीवित बचे। मारे गए लोगों में 77 देशों के नागरिक शामिल थे। इसके अलावा न्यूयॉर्क सिटी में मलबे की चपेट में आने से भी 441 लोगों की मौत हुई थी। इस हमले में हज़ारों लोग घायल हुए थे या बाद में बीमार हो गए। इनमें दमकलकर्मी भी शामिल थे।
जाने उन हमलावरों को जिनसे दहला अमेरिका
इस्लामी चरमपंथी समूह अल कायदा ने अफगानिस्तान से इन हमलों को अंजाम दिया था। अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन ने मुस्लिम देशों में छिड़े संघर्ष के लिए अमेरिका और मित्र देशों को जिम्मेदार ठहराया था। अलकायदा के 19 हमलावरों ने इस हादसे को अंजाम दिया था। तीन समूह में 5-5 हमलावर थे, जबकि चौथी टीम में चार हमलावर शामिल थे। कुल 19 में 15 चरमपंथी सऊदी अरब से थे, जबकि दो संयुक्त अरब अमीरात के सदस्य थे। एक-एक चरमपंथी मिस्र और लेबनान से आत्मघाती दस्ते में शामिल था। इस दर्दनाक हमले के पीछे अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन का हाथ था।
आतंकी हमले के बाद अमेरिका का एक्शन
11 सितंबर के हमले के एक महीने के भीतर तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने अलकायदा और ओसामा बिन लादेन को खत्म करने के लिए अफगानिस्तान पर हमला कर दिया। अमेरिका को इस मुहिम में दूसरे देशों से मदद भी मिली। करीब दस साल बाद 2011 में ओसामा बिन लादेन को अमेरिकी सैनिकों ने पाकिस्तान के एबटाबाद में मारा। 11 सितंबर के हमले के कथित रणनीतिकार खालिद शेख मोहम्मद को पाकिस्तान में 2002 में हिरासत में लिया गया था। तब से उन्हें अमेरिका की ग्वांतानामो बे जेल में रखा गया है। अभी तक उनकी सुनवाई शुरू नहीं हुई है। अलकायदा आज भी सक्रिय है। अब यह अफ्रीका के सब-सहारा क्षेत्र में कहीं ज्यादा मजबूत है। लेकिन इसके सदस्य अफगानिस्तान में भी मौजूद है। 20 साल बाद अमेरिकी सैनिक पिछले महीने अफगानिस्तान से लौटे हैं। इसके बाद दुनिया को आशंका है कि इस्लामी चरमपंथी फिर से सक्रिय हो सकते हैं। और विश्वभर के देशों के लिए सिरदर्द बन सकते हैं।
11 सितंबर 2001 के हमले के बाद क्या बदला?
11 सितंबर आतंकी हमले के बाद विमानों की सुरक्षा व्यवस्था काफी बढ़ गई। अमेरिका में एयरपोर्ट और विमानों में जांच करने के लिए स्पेशल दस्ते ट्रांसपोर्टेशन सिक्यॉरिटी एडमिनिस्ट्रेशन का गठन किया गया। न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड टॉवर के मलबों को हटाने में कुल आठ महीने से ज्यादा का वक्त लगा था। उस जगह मेमोरियल और म्यूजियम बनाया गया है।
Created On :   11 Sept 2021 11:48 AM IST