कहीं उल्टा न पड़ जाए ट्रंप को टैरिफ बढ़ाने का फैसला!: अमेरिका में हो सकती है मंदी की शुरुआत, Goldman Sachs की नई रिपोर्ट में दावे ने चौंकाया

- अमेरिका के टैरिफ को लेकर हलचल तेज
- अमेरिका में मंदी की शुरुआत
- Goldman Sachs की नई रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया में अमेरिका की अर्थव्यवस्था का मुद्दा चिंता का विषय बना हुआ है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरीफ बढ़ाने के फैसले से कई देशों को झटका तो लगा ही है। लेकिन, इससे अमेरिका अपने लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। दरअसल, हाल ही में ग्लोबल इनवेस्टमेंट बैंक (Goldman Sachs) ने अपनी रिपोर्ट में अमेरिका को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका में मंदी 35 प्रतिशित से बढ़कर 45 प्रतिशत हो सकती है। दरअसल, बैंक ने अपनी रिपोर्ट में अमेरिका और उसके अन्य देशों के साथ बढ़ते ट्रेड वॉर और ट्रंप सरकार की ओर से भारी टैरिफ लगाया गया है।
अमेरिका में मंदी की शुरुआत!
बता दें, 2 अप्रैल को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर ज्यादा टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। इसके बाद ग्लोबल मार्केट में हलचल तेज हो गई है। इसका नतीजा यह रहा कि शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली है। इसके बाद एक के बाद एक निवेश बैंकों ने मंदी की उम्मीद जताई थी। JP Morgan का तो कहना है कि अमेरिका और पूरी दुनिया में मंदी की संभावना 60 फीसदी तक पहुंच गई है।
दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ प्लान से अमेरिका में ही महंगाई नहीं बढ़ सकती है, बल्कि चीन समेत कई देश भी जवाबी कार्रवाई कर सकती है। इससे स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ सकती है। इस बीच गोल्डमैन सैक्स ने अमेरिका की आर्थिक विकास दर 2025 के लिए 1.5 फीसदी से घटाकर 1.3 फीसदी कर दी है। जबकि जेपी मॉर्गन का अनुमान है इससे भी चिंताजनक है। वे मानते हैं कि 2025 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था 0.3 फीसदी तक सिकुड़ सकती है।
रिपोर्ट में हुए चौंकाने वाले दावे
इसके बाद अब नजरें अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व (फेड) पर टिक गई। दरअसल, गोल्डमैन सैक्स ने उम्मीद जताई है कि जून से फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती की जाएगी। लगातार तीन बार 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती हो सकती है। JP Morgan और Wells Fargo भी अब मानते हैं कि 2025 में तीन से पांच बार तक ब्याज दरें घट सकती हैं, ताकि बाजार को सपोर्ट दिया जा सके।
एक तरह से कहा जाए तो ट्रेड वॉर की आग अब अमेरिकी इकॉनॉमी तक पहुंच चुकी है। अगर यही हाल रहा, तो पूरी दुनिया के लिए आर्थिक मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भारत जैसे देशों को इस स्थिति में स्मार्ट रणनीति बनानी होगी, ताकि ग्लोबल स्लोडाउन का असर कम हो और नए मौके तलाशे जा सकें।
Created On :   7 April 2025 9:45 PM IST