बिक्स देशों की एकता और सहयोग बढ़ाना अभूतपूर्व
- ऐतिहासिक मोड़
डिजिटल डेस्क, बीजिंग। अस्थिर और अनिश्चित वैश्विक परिस्थिति में ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों ने 19 मई को एक ऑनलाइन बैठक की, जहां उन सभी का समान विचार है कि इस समय पूरा विश्व कुंजीभूत ऐतिहासिक मोड़ पर आ खड़ा हुआ है। ब्रिक्स देशों के बीच एकता और सहयोग मजबूत करना पहले के किसी भी वक्त से अधिक अहम है। बैठक के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया जिसका शीर्षक है अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति की नयी विशेषताओं और नयी चुनौतियों के निपटारे के लिए ब्रिक्स देशों की एकता और सहयोग की मजबूती करना।
कोविड-19 महामारी के प्रकोप को अब तक लगभग ढाई साल हो गया है, लेकिन अब तक इसके अंत का आसार नहीं है। कहा जा सकता है कि इस महामारी ने मानव के जीवन को हमेशा के लिए बदला है। इस फरवरी में रूस और यूक्रेन मुठभेड़ पैदा हुई। सब जानते हैं कि यह युद्ध सिर्फ रूस और यूक्रेन दोनों देशों का मुकाबला नहीं है। यूक्रेन के पीछे अमेरिका के नेतृत्व वाला नाटो खड़ा है। विभिन्न पक्ष तीव्र प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, जिसका परिणाम समग्र विश्व पर दूरगामी और निर्णायक प्रभाव है। इसके साथ-साथ विश्व अर्थव्यवस्था भी डांवांडोल की स्थिति में है। अमेरिका ने गंभीर मुद्रास्फीति से निपटने के लिए सख्त मौद्रिक और वित्तीय नीति की प्रक्रिया शुरू की है। इसने विशाल अनिश्चितताएं पैदा की हैं, खासकर विकासशील देशों के लिए।
इन उपरोक्त चुनौतियों को लेकर ब्रिक्स देशों ने इस बैठक में अपनी आवाज बुलंद की है। पाँच देशों के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त बयान में कहा कि वे राजनीतिक सुरक्षा सहयोग, आर्थिक, व्यापारिक व वित्तीय सहयोग और सांस्कृतिक सहयोग को मजबूती से बरकरार रखेंगे, एकजुट होकर कोविड-19 महामारी के प्रचार व प्रभाव को नियंत्रित करेंगे, वर्ष 2030 निरंतर विकास एजेंडा के कार्यान्वयन को गति देंगे और ब्रिक्स देशों के सहयोग का विस्तार करेंगे।
संवेदनशील यूक्रेन सवाल पर ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों ने कहा कि वे रूस का यूक्रेन के साथ वार्ता करने का समर्थन करते हैं। वे यूएन महासचिव, संबंधित यूएन संस्थाओं और रेड क्रॉस अंतरराष्ट्रीयसमिति की मानवीय राहत का समर्थन करते हैं।
विश्व आर्थिक संकट के समाधान के लिए पाँच देशों के विदेश मंत्रियों ने समग्र नीतियों के समन्वय पर जोर दिया है और मुख्य विकसित देशों से जिम्मेदार अर्थनीति अपनाकर उसका बाहरी बुरा प्रभाव नियंत्रित करने की अपील की। उल्लेखनीय बात है कि संयुक्त बयान में कहा गया कि ब्राजील, रूस, भारत और दक्षिण अफ्रीका चीन में आयोजित होने वाली 14वीं ब्रिक्स शिखर बैठक की सफलता के लिए पूरी कोशिश करेंगे।
स्थानीय विश्लेषकों के विचार में ब्रिक्स देशों की आबादी विश्व की कुल आबादी का 41 प्रतिशत है। उनका जीडीपी विश्व का 24 प्रतिशत भाग है। इधर के कुछ सालों में ब्रिक्स देश वैश्विक आर्थिक विकास का अहम इंजन बना रहा है। मानवता के ऐतिहासिक चौराहे पर ब्रिक्स देशों को कठिनाइयों और चिंताओं को दूर कर अपनी भूमिका निभानी चाहिए। वे पूरे विश्व के लिए नयी आशा की किरण ला सकेंगे।
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Created On :   20 May 2022 6:30 PM IST