सुमी में फंसे भारतीय छात्रों की मुश्किलें बढ़ी, तीन दिन से पानी आपूर्ति ठप, जल्द निकालने के लिए सरकार से की अपील

Troubles of Indian students trapped in Sumi increased, due to water supply stagnation for three days
सुमी में फंसे भारतीय छात्रों की मुश्किलें बढ़ी, तीन दिन से पानी आपूर्ति ठप, जल्द निकालने के लिए सरकार से की अपील
रूस-यूक्रेन महायुद्ध सुमी में फंसे भारतीय छात्रों की मुश्किलें बढ़ी, तीन दिन से पानी आपूर्ति ठप, जल्द निकालने के लिए सरकार से की अपील
हाईलाइट
  • यूक्रेन और रूस के बीच ग्यारहवें दिन भी जबरदस्त युद्ध जारी

डिजिटल डेस्क, कीव। यूक्रेन और रूस के बीच ग्यारहवें दिन भी जबरदस्त युद्ध जारी है। यूक्रेन के कई शहरों में भारी गोलाबारी हो रही है। इन्हीं युद्धों के बीच भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। हालांकि भारत सरकार उन्हें निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा अभियाना चलाई है और उनकी मदद के लिए अपने चार मंत्रियों को भी यूक्रेन से सटे देशों में भेजा है। जहां से भारतीय छात्रों के प्लेन से लाया जा रहा है।

युद्ध की स्थितियों का आकलन हम केवल टीवी और सोशल मीडिया के माध्यम से ही कर सकते हैं लेकिन उसे तो असल में महसूस वहां फंसे भारतीय छात्र ही कर सकते हैं। खासतौर से पूर्वी यूक्रेन के सुमी में फंसे भारतीय छात्र मानसिक तनाव में हैं। खबरों के मुताबिक, चार दिन पहले ही उनका इवैकुएशन होने वाला था। लेकिन छात्र इंतजार में हैं कि उनको वहां से कब निकाला जाएगा? छात्रों का बड़ी मुश्किल से एक-एक दिन कट रहा है। 

तीन दिन से पानी आपूर्ति ठप

DNA हिंदी न्यूज़ पोर्टल के मुताबिक, सुमी में फंसी जिया बलूनी ने बताया कि वहां तीन दिन से पानी नहीं आया है। अब उनके पास खाने-पीने, पकाने और टॉयलेट जैसी बेसिक सुविधाओं के लिए पानी नहीं है। सभी छात्र बाहर जाकर बाल्टियों में बर्फ भरकर ला रहे हैं। ताकि कम से कम वॉशरूम के लिए पानी का इंतजाम कर सकें।

पानी व बिजली की आपूर्ति ठप होने के कारण रात में छात्रों को भूखे पेट सोने को मजबूर होना पड़ा है। क्योंकि पानी न होने की वजह से कोई इंतजाम नहीं हो पाया। जिया ने बताया कि वहां पर खाना बनाने के लिए इंडस्शन प्लेट का इस्तेमाल की जाती हैं, ऐसे में विद्युत आपूर्ति ठप होने की वजह से छात्र अपने लिए कोई इंतजाम नहीं कर पाते हैं। जिया ने बताया कि 6 मार्च यानी रविवार को सुबह लाइट आई लेकिन पानी का कोई नाम नहीं है। राशन खत्म होने के कगार पर है, ऐसे में बने हालातों में अब छात्र रोने को मजबूर हैं। 

पूर्वी यूक्रेन से कब निकाले जाएंगे छात्र?

सुमी में फंसे छात्रों को इस बात की नाराजगी है कि अगर उनके नजदीकी शहर जैसे खारकिव में बसें पहुंच रही हैं और वहां से छात्रों को निकाला जा रहा है तो आखिर इनके बारे में जल्दी कोई प्लान क्यों नहीं बनाया जा रहा? उनकी सरकार से यही अपील है कि जल्द से जल्द से उन्हें भी वहां से निकाला जाए।

Created On :   6 March 2022 3:18 PM GMT

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