अमेरिकी टैरिफ बनाम चीनी टैरिफ: डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आने वाले सभी सामानों पर 104 फीसदी का लगाया टैरिफ, टैरिफ को लेकर दोनों देशों में तनातनी

- ट्रंप के टैरिफ का दुनिया के कई देशों पर असर
- यूएस के टैरिफ पर कई देशों ने किया जवाबी हमला
- यूरोपीय यूनियन और चीन ने अमेरिकी सामानों पर टैक्स लगाने की बात कही
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका और चीन में टैरिफ को लेकर तनातनी बढ़ती जा रही है। एक बार फिर दुनिया की दो महाशक्तियों के बीच व्यापार युद्ध छिड़ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आने वाले सभी सामानों पर 104% का टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है, जिसके बाद चीन ने भी तीखा जवाब दिया है। चीन ने इसे धमकी बताया और कहा कि वह 'आखिरी दम तक लड़ने को तैयार है।
राष्ट्रपति ट्रंप का मानना है कि इन टैरिफ से अमेरिकी कंपनियां चीन छोड़कर अमेरिका में उत्पादन करेंगी, जिससे नौकरियां वापस आएंगी और अमेरिका की मैन्युफैक्चरिंग मजबूत होगी। उन्होंने कहा- इन टैक्स से अमेरिका रोजाना लगभग 2 अरब डॉलर कमा रहा है। हालांकि, कई अर्थशास्त्री और व्यापार विशेषज्ञ ट्रंप की इस सोच से सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि इससे सामान महंगा होगा, महंगाई बढ़ेगी और कंपनियों को नुकसान होगा।
आपको बता दें ट्रंप ने पहले चीन पर 34% अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा की थी। जब चीन ने भी अमेरिकी सामान पर 34% टैक्स लगा दिया, तब ट्रंप ने और 50% टैरिफ औऱ बढ़ा दिया। पहले से लगे टैक्स मिलाकर अब कुल टैरिफ 104% हो गया है। इसका मतलब है कि चीन से अमेरिका में आने वाला हर सामान पहले से दोगुने से ज्यादा महंगा हो जाएगा।
नए टैरिफ के बाद वैश्विक बाजारों में भारी गिरावट आई है। अमेरिकी शेयर बाजारों में भी तेजी से गिरावट देखी गई। निवेशकों में मंदी की चिंता बढ़ गई है। कई देशों की सरकारें अब अमेरिका को जवाब देने की तैयारी में हैं। कनाडा ने कहा है कि वह बुधवार से अमेरिकी ऑटोमोबाइल्स पर टैक्स लगाएगा। यूरोपीय यूनियन ने भी टैक्स लगाने की बात कही है। वह अमेरिकी सामान पर 25% टैक्स लगाएगा, जिनमें सोयाबीन, मोटरसाइकिल, जीन्स जैसी चीजें शामिल हैं। वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने ट्रंप से अपील की कि वे अपने फैसले पर दोबारा विचार करें। अगर अमेरिका पीछे नहीं हटता, तो यूरोप को भी जवाब देना ही होगा।
चीन के प्रधानमंत्री ली क्यांग ने यूरोपीय यूनियन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयन से बातचीत में कहा कि चीन की आर्थिक नीतियां पहले से ही ऐसी अनिश्चितताओं को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं। उन्होंने कहा- चीन किसी भी बाहरी झटके से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और हमारी अर्थव्यवस्था 2025 में भी मजबूत बनी रहेगी। ली क्यांग ने अमेरिका पर एकतरफा नीतियां अपनाने, आर्थिक दबाव डालने और वैश्विक व्यापार नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि संरक्षणवाद किसी को फायदा नहीं पहुंचाता – खुलापन और सहयोग ही सही रास्ता है।
Created On :   9 April 2025 9:20 AM IST