एशिया की राजनीति पर रहा है इन परिवारों का दबदबा, सिर्फ राजपक्षे ही नहीं ये परिवार भी वंशवाद के शिकार

The politics of Asia has been dominated by these families, not only Rajapaksa, this family is also the victim of dynasty
एशिया की राजनीति पर रहा है इन परिवारों का दबदबा, सिर्फ राजपक्षे ही नहीं ये परिवार भी वंशवाद के शिकार
वंशवाद पर बवाल एशिया की राजनीति पर रहा है इन परिवारों का दबदबा, सिर्फ राजपक्षे ही नहीं ये परिवार भी वंशवाद के शिकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनियाभर के सभी देशों की निगाहें इन दिनों श्रीलंका की बदहाली पर है। आर्थिक समस्याओं से जूझ रही श्रीलंका की जनता अब अपने ही देश के नेताओं को इसके लिए जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया है। श्रीलंका में दशकों तक राज करने वाली राजपक्षे परिवार अब भागकर दूसरे देशों में जाकर शरण लेने को मजबूर है। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे सिंगापुर जाकर अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं तो वहीं उनके भाई बासिल राजपक्षे के अमेरिका में होने की खबर है।

श्रीलंका में ही नहीं बल्कि एशिया के कई ऐसे देश हैं जहां पर वंशवाद की राजनीति फलता-फूलता रहा है। कई ऐसे भी देश हैं जहां पर ताकतवर परिवार ही हुकूमत दशकों से चलती आ रही है। भारत और पाकिस्तान भी इनमें शामिल है। जब भी वंशवाद की बात आती है तो भारत में इस पर काफी चर्चा होती है।

जिसमें देश का एक ही परिवार सियासत पर अपना कब्जा जमाए बैठा है। कुछ ऐसे ही श्रीलंका में हुआ है। राजपक्षे परिवार श्रीलंका की सत्ता पर कई वर्षों से राज करता रहा और जब देश की हालत खराब हुई तो जान बचाकर ये परिवार भाग खड़ा हुआ। आइए एशिया के उन परिवारों से परिचय कराते हैं, जहां पर केवल वंशवाद की सियासत आज तक चलती आ रही है।

बांग्लादेश पीएम शेख हसीना

Bangladesh PM Sheikh Hasina

श्रीलंका में इन दिनों चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। एक ऐसा परिवार सियासत में कब्जा जमाए हुए था। जिसने श्रीलंकाई नागरिकों को भुखमरी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया और अपना देश छोड़कर निकल लिया। यहां वर्षों से वंशवाद की राजनीति चलती आ रही है। इसी कड़ी में  भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में की प्रधानमंत्री शेख हसीना भी वंशवाद की राजनीति का बेहतरीन उदारहरण हैं। गौरतलब है कि बांग्लादेश के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की बेटी शेख हसीना ने अपने पिता की हत्या के बाद सियासत को बखूबी संभाला है। शेख मुजीबुर रहमान व उनके परिवार की बेहरमी से हत्या कर दी गई थी। लेकिन बहन रेहाना के साथ जर्मनी में छुट्टियां मना रहीं शेख हसीना ने पिता के सियासत को संभाला और सत्ता में वापसी की। 

जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे

Shinzo Abe In Japan

जापान की सियासत में शिंजो आबे का जलवा दशकों तक कायम रहा। पूर्व पीएम शिंजो आबे दुनिया के उन नेताओं में आते हैं जो वंशवाद की राजनीति के सफल उदाहरण थे। आबे के दादा कैना आबे और पिता सिंतारो आबे भी जापान की प्रसिद्ध राजनीतिक शख्तियत थीं। यहां तक कि आबे के नाना नोबोशुके किशी जापान के प्रधानमंत्री रह चुके थे।

वैसे माना जा रहा है कि जापान की तरक्की में आबे परिवार का बड़ा योगदान है। जापान के विपक्षी दल भी आबे की वंशवाद की सियासत को लेकर आक्रामक रहते है। हालांकि हाल ही में एक स्पीच के दौरान हुई गोलीबारी में गोली लगने से शिंजो आबे की मौत हो गई है। 

पाकिस्तान में भुट्टो परिवार

Bhutto Family In Pakistan

पाकिस्तान भी वंशवाद की राजनीति में पीछे नहीं है। पाक के मौजूदा विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की तुलना अक्सर राहुल गांधी से की जाती है। दोनों पर यही आरोप लगते हैं कि रसूखदार परिवार की वजह से इन लोगों की राजनीति फल-फूल रही है। बिलावल पर तो वंशवाद का आरोप हमेशा लगता रहा है।

 बिलावल की मां बेनजीर भुट्टो व नाना जुल्फिकार अली भुट्टो पाक के प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं। जुल्फिकार अली भुट्टो को फांसी दिए जाने के बाद उनकी बेटी बेनजीर भुट्टो ने पिता की सियासत को आगे बढ़ाने काम किया। अब पाकिस्तान की राजनीति में पति आसिफ अली व बेटे बिलावल भी राजनीति में हैं।

नवाज शरीफ परिवार

Nawaz Sharif Family

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के ऊपर परिवारवाद व वंशवाद को लेकर गंभीर आरोप लगते रहे हैं। नवाज शरीफ की गिनती देश के कद्दावर नेताओं में होती है। इस परिवार के पास बेशुमार दौलत है। राजनीति के अलावा इस परिवार के पास कई उद्योग-धंधे भी है। यानि कहा जा सकता है कि ये परिवार पाकिस्तान में बड़ा बिजनेस मैन है।

हाल ही में भाई शहबाज शरीफ देश के पीएम बने हैं, जिन्होंने इमरान खान को बेदखल कर सत्ता हासिल की थी। इमरान खान के कार्यकाल में शरीफ को एक बार जेल की हवा भी खानी पड़ी थी। अब भी वो देश छोड़कर विदेश में अपना जीवन काट रहे हैं। नवाज शरीफ की बेटी भी पाक की सियासत में अपनी पार्टी को मजबूती देने का काम कर रही है।

गांधी परिवार

Gandhi Family Ruling Congress

भारत में गांधी परिवार तो विरोधी पार्टियों के निशाने पर रहा। सोनिया गांधी व राहुल गांधी पर हमेशा वंशवाद का आरोप लगता रहा है। गांधी परिवार के ही अभी तक देश में तीन प्रधानमंत्री बन चुके हैं। जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी व राजीव गांधी ये तीन लोग देश के प्रधानमंत्री पद पर सेवा दे चुके हैं। अब इनकी विरासत को सोनिया गांधी, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी संभाल रहीं हैं। राहुल गांधी पर देश में हमेशा परिवारवाद के लिए आलोचना झेलना पड़ती है। 

राजपक्षे परिवार

Rajapaksa Family

श्रीलंका में इन दिनों आए आर्थिक संकट की वजह राजपक्षे परिवार को माना जाता है। दशकों तक श्रीलंका की सियासत में अपना दबदबा बनाए रखने वाला ये परिवार अब श्रीलंका को सबसे बुरे हालात में छोड़कर भाग निकला। राष्ट्रपति तो देश छोड़कर सिंगापुर में जाकर शरण ली है। दक्षिण एशिया में इस परिवार पर वंशवाद का सबसे बड़ा आरोप लगा है।

महिंदा राजपक्षे ने पीएम रहते हुए भाई गोटाबाया को रक्षा सचिव बनाया था। इसी तरह से साल 2015 में सत्ता से बेदखल होने के बाद जब राजपक्षे परिवार ने सत्ता में वापसी की थी तो एक वक्त ऐसा था कि पीएम, राष्ट्रपति और वित्त मंत्री तीनों महत्वपूर्ण पद पर महिंदा राजपक्षे, गोटाबाया राजपक्षे और बासिल राजपक्षे काबिज थे। इतना ही नहीं महिंदा राजपक्षे ने अपने बेटे को भी खास पद दिया था।


 

Created On :   16 July 2022 4:53 PM IST

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