सांसद ने प्रस्ताव पेश कर रावण पर अध्ययन कराने की माग की
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- श्रीलंका में रावण से संबंधित कई स्थान हैं
डिजिटल डेस्क, कोलंबो। श्रीलंका के विपक्ष के नेता ने संसद में एक प्रस्ताव पेश कर रावण पर गहराई से अध्ययन करने की मांग की है। पौराणिक राक्षस राजा का उल्लेख 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व में लिखे गए सबसे पुराने संस्कृत महाकाव्य में किया गया है। एक निजी सदस्य प्रस्ताव में, मुख्य विपक्ष - सामगी जन बालवेगया की सांसद बुद्धिका पथिराना ने रावण पर एक व्यवस्थित अध्ययन शुरू करने का आग्रह किया है, जिसके बारे में कोई विशिष्ट ऐतिहासिक जानकारी नहीं है।
एमपी पाथिराना ने कहा है कि अध्ययन से श्रीलंका के इतिहास के छिपे हुए काल को जानने में मदद मिलेगी और इस तरह के अध्ययन से रावण के राज्य के ज्ञान का पता चल सकेगा। प्रस्ताव में कहा गया है, विशेषज्ञों के एक पैनल के माध्यम से राजा रावण के बारे में अध्ययन किया जाना चाहिए, जिससे रावण व उसके राज्य के बारे में जानकारी सामने आ सके। प्रस्ताव को 9 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
श्रीलंका में रावण से संबंधित कई स्थान हैं, लेकिन कोई विशिष्ट अध्ययन या ऐतिहासिक डेटा उपलब्ध नहीं है। गौरतलब है कि हाल के दिनों में रावण के बारे में अध्ययन करने में रुचि बढ़ी और सिंहली राष्ट्रवाद से जुड़े समूहों और संगठनों ने अपनी पहचान बनाने के लिए रावण के नाम का इस्तेमाल किया है।
(आईएएनएस)
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Created On :   22 Nov 2022 11:30 AM IST