Bangladesh Hindu leader murder case: मल्लिकार्जुन खड़गे ने की बांग्लादेश में हिंदू नेता की हत्या की कड़ी निंदा, मोदी सरकार की कूटनीति पर भी साधा निशाना

- बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों में लगातार हो रहे हमले
- हिंदू नेता की बेरहमी से हुई हत्या
- खड़गे ने की घटना की निंदा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में पिछले साल हुए शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से ही हालात खराब चल रहे हैं। सबसे बुरी हालत वहां रहने वाले अल्पसंख्यकों की है जिन्हें कट्टरपंथियों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। पड़ोसी मुल्क में अभी भी ऐसे ही हालात बने हुए हैं। ताजा मामला राजधानी ढाका से 330 किमी दूर दिनाजपुर के बसुदेवपुर गांव का है, जहां एक बड़े हिंदू नेता की हत्या कर दी गई।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों खासकर हिंदू समुदाय पर लगातार हमले किए जाने की कड़ी निंदा की। खड़गे ने इस मामले में मोदी सरकार की कूटनीति पर भी निशाना साधा।
शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर खड़गे ने कहा, "बांग्लादेश में लगातार धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासकर हमारे हिंदू भाई-बहनों पर अत्याचार हो रहा है। हिंदू समुदाय के एक बड़े नेता भाबेश चंद्र रॉय की क्रूरतापूर्ण हत्या इस बात का सबूत है कि नरेंद्र मोदी की बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के साथ 'मुस्कुराने वाली बैठक' नाकाम रही।"
बांग्लादेश में लगातार धार्मिक अल्पसंख्यकों, ख़ासकर हमारे हिंदू भाई-बहनों पर अत्याचार हो रहा है। हिन्दू समुदाय के एक बड़े नेता श्री भाबेश चंद्र रॉय की क्रूरतापूर्ण हत्या इस बात का सबूत है कि @narendramodi जी की बांग्लादेश के चीफ़ एडवाइज़र के साथ मुस्कुराने वाली बैठक विफ़ल रही।…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) April 19, 2025
कांग्रेस अध्यक्ष ने पोस्ट में लिखा, "संसद में दिए गए भारत सरकार के उत्तर के अनुसार, इससे पहले दो महीनों में ही हिंदुओं पर 76 हमले हुए, जिसमें 23 हिंदू मारे गए। अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर भी हमले जारी हैं।" उन्होंने कहा, "हाल ही में बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के बारे में एक बेहद निंदनीय और निराशाजनक टिप्पणी की थी।"
खड़गे ने कहा, "बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, मानवाधिकार हनन और 1971 के मुक्ति संग्राम की स्मृतियों करने का प्रयास किया जा रहा है जो भारत व बांग्लादेश के रिश्तों को कमजोर करने की कोशिश है। 1971 से लेकर आज तक, भारत ने हमेशा बांग्लादेश के सभी लोगों की शांति और समृद्धि चाही है, इसी में उपमहाद्वीप की भलाई है।"
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मृतक का नाम भाबेश चंद्र रॉय (58) था। उन्होंने गुरुवार की दोपहर अज्ञात लोगों ने उनके घर से किडनैप कर लिया था, इसके बाद उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। रिपोर्ट्स में मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से बाताया कि गुरुवार को करीब 4:30 बजे उनके पति को एक फोन आया था। फोन करने वाला सिर्फ यह जानना चाहता था कि भाबेश घर पर हैं या नहीं। इसके करीब आधे घंटे बाद दो बाइक पर सवार चार लोग उनके घर आए और भाबेश को जबरदस्ती उठाकर ले गए।
वहीं चश्मदीदों ने बताया कि भाबेश को पास के नराबाड़ी गांव ले जाया गया और वहां बेरहमी से पीटा गया। गुरुवार शाम को ही हमलावरों ने भाबेश को बेहोश हालत में वैन से उनके घर भिजवा दिया। पहले उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, फिर दिनाजपुर मेडिकल कॉलेज भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
Created On :   19 April 2025 10:06 PM IST