इमरान खान पर हुए हमले के बाद सिविल वॉर के मुहाने पर पहुंचा पाकिस्तान, एक बार फिर सेना के देश की बागडोर संभालने के बढ़े आसार
- इमरान का मकसद इस मार्च के जरिए सरकार के विरुद्ध माहौल तैयार करने का था
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व पीएम और तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के मुखिया इमरान खान पर 3 नवंबर को एक कार्यक्रम के दौरान हमला हुआ था। इस हमले में इमरान के पैर में लगी, जिसमें वो घायल हो गए। हमले में इमरान के अलावा उनके पार्टी के सांसद व दर्जनों कार्यकर्ता घायल हो गए।
इस आत्मघाती हमले के बाद से ही इमरान की पार्टी पीटीआई के नेता व कार्यकर्ता शहवाज शरीफ सरकार के खिलाफ जमकर हमलावर हो गए हैं। इस हमले के विरोध में इमरान के समर्थक देश भर में प्रदर्शन कर रहे हैं। इमरान खान के काफिले पर हमले के बाद से ही देशभर में हालात बिगड़ने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में बड़ा सवाल यही उठता है कि अब पाकिस्तान में आगे क्या होने वाला है? सरकार कैसे इन विरोध प्रदर्शनों पर लगाम लगा पाएगी, वह ऐसे कौन से कदम उठाएगी जिससे स्थिति नियंत्रण में रहे।
इस वजह से मार्च निकाल रहे हैं इमरान
पूर्व पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने मौजूदा शहबाज सरकार के खिलाफ बीते 28 अक्टूबर से हकीकी आजादी मार्च की शुरुआत की थी। इस मार्च को करने के पीछे का उद्देश्य सरकार को गिराना और पाकिस्तान में आम चुनाव फिर से करवाना है। बता दें कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां पहले ही इस मार्च पर नजर जमाए हुए थी, मार्च को लेकर पहले ही अलर्ट जारी कर दिया गया था। लाहौर से लेकर इस्लामाबाद तक चलने वाले इस मार्च के जरिए इमरान फिर से सत्ता अपने हाथ में करने की कोशिश में थे।
इमरान खान को पैरों में लगी तीन गोलियां
इमरान खान का मार्च पंजाब प्रांत के गुजरांवाला से गुजर रहा था। इस दौरान इमरान अपने समर्थकों के साथ एक खुली गाड़ी में सवार थे। तभी अचानक वहां उन पर निशाना लगाकर बंदूकों से हमला किया गया। इस हमले में इमरान के पैरों में तीन गोलियां लगीं साथ ही उनके पासे में खड़े उनके पार्टी कार्यकर्ता भी बुरी तरह घायल हो गए। इसके बाद इस आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाला हमलावर को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, साथ ही उसका एक वीडियो भी सामने आया जिसमें वो यह कहते हुए नजर आया कि वो इमरान की हत्या करना चाहता था कि क्योंकि वो देश को गुमराह कर रहे हैं।
अब आगे पाकिस्तान में कैसे हालात होंगे?
इमरान का मकसद इस मार्च के जरिए सरकार के विरुद्ध माहौल तैयार करने का था और इस मकसद में वो काफी हद तक सफल होते हुए भी नजर आ रहे थे। अब उन पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान का माहौल और भी तनाव पूर्ण होता हुआ नजर आ रहा है। देश में आने वाले कुछ दिनों में स्थिति और भी बिगड़ सकती है, क्योंकि इमरान के समर्थक जो कि देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं वो और भी उग्र हो सकते हैं। वहीं ऐसे देश में ऐसे माहौल की संभावना को देखते हुए सेना के हाथों में कमान सौंपी जा सकती है। वहां मार्शल लॉ लागू किया जा सकता है। इमरान खान की पार्टी काफी लंबे समय से सेना और उसके अफसरों के खिलाफ नारेबाजी और बयानबाजी कर रही है। ऐसे में पीएम शहबाज के पास कुछ समय के लिए सेना के हाथों में देश की पूरी कमान सौंपने का निर्णय लिया जा सकता है।
Created On :   4 Nov 2022 8:14 AM GMT