यूएन की रिपोर्ट पर तिलमिलाया तालिबान, कहा दो टूक- अफगान के आंतरिक मामलों में दखल देने की जरुरत नहीं
डिजिटल डेस्क, काबुल। जब से अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान काबिज हुआ है, तब से ही उस पर अफगानिस्तान की धरती का गलत कामों में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया जा रहा है। हाल ही में आई यूएन की एक रिपोर्ट में भी ये दावा किया गया था कि, अफगानिस्तान की धरती पर हजारों विदेशी लड़ाके रहते हैं जिसमें अल-कायदा, पाकिस्तान बेस्ड लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी भी हैं। यह सभी दूसरे देशों पर हमला कर सकते हैं।
यूएन की इस रिपोर्ट पर तालिबान के सबसे बड़े नेता हेबतुल्ला अखुंदजादा का बयान आया है। अखुंदजादा ने बुधवार को अपने संदेश में कहा कि अफगानिस्तान की धरती को किसी भी देश पर हमले के लिए इस्तेमाल नहीं होने देंगे। यूएन की रिपोर्ट पर निशाना साधते हुए तालिबान चीफ ने कहा, "किसी को भी अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में दखल देने की जरुरत नहीं।"
यूएन पर बोला हमला
तालिबान के सुप्रीम लीडर हेबतुल्ला अखुंदजादा ने यूएन की रिपोर्ट को लेकर कहा, " वह अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी देश के खिलाफ नहीं होने देंगे। अपने संदेश में तालिबान चीफ ने कहा, "मैं अपने पड़ोसियों, क्षेत्र और दुनिया को भरोसा दिलाता हूं कि यहां से किसी देश की सुरक्षा को खतरा नहीं होगा। हमने दूसरे देशों से भी कहा है कि, वे हमारे आंतरिक मामलों में दखल न दें।" उन्होंनें आगे कहा कि "हम पूरी दुनिया के साथ अच्छे राजनीतिक और आर्थिक संबंध चाहते हैं। इन देशों में अमेरिका भी शामिल है।"
अफगानिस्तान में डिप्लोमैटिक उपस्थिति दर्ज करवा चुका है भारत
पिछले साल अगस्त में तालिबान शासन के आने के बाद बहुत सारे देशों ने अपने राजदूतों को वापस बुला लिया था। हालांकि धीरे- धीरे अफगानिस्तान की हालत सामान्य होनें पर कुछ देशों ने अपने दूतावास वापस खोले। इसी कड़ी में भारत ने भी अफगानिस्तान में डिप्लोमैटिक उपस्थिति दर्ज करवा ली है। कुछ दिन पहले ही अपना दूतावास खोलने से पहले भारत ने एक प्रतिनिधिमंडल को अफगानिस्तान की यात्रा पर भेजा था ताकि हालातों का जायजा लिया जा सके।
Created On :   7 July 2022 12:29 AM IST