तालिबान ने अफगानिस्तान पर एचआरडब्ल्यू रिपोर्ट में किए गए दावों का खंडन किया

Taliban refutes claims made in HRW report on Afghanistan
तालिबान ने अफगानिस्तान पर एचआरडब्ल्यू रिपोर्ट में किए गए दावों का खंडन किया
मानवाधिकार संकट तालिबान ने अफगानिस्तान पर एचआरडब्ल्यू रिपोर्ट में किए गए दावों का खंडन किया
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  • तालिबान ने अफगानिस्तान पर एचआरडब्ल्यू रिपोर्ट में किए गए दावों का खंडन किया

डिजिटल डेस्क, काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार ने ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) की एक नई रिपोर्ट का खंडन किया है, जिसमें कहा गया है कि देश के नए शासन के बाद से मानवाधिकार संकट और मानवीय तबाही तेज हो गई है।

टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के उप प्रवक्ता बिलाल करीमी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि देश में पिछले वर्षों की तुलना में मानवाधिकार की स्थिति बेहतर हुई है।

करीमी ने कहा, हम इसका खंडन करते हैं क्योंकि जब से इस्लामिक अमीरात सत्ता में आया है, महिलाओं के अधिकारों को बनाए रखा गया है। ये रिपोर्ट झूठी सूचनाओं के आधार पर प्रकाशित की जाती हैं।

एचआरडब्ल्यू ने गुरुवार को जारी अपनी विश्व रिपोर्ट 2022 में कहा कि 15 अगस्त, 2021 को अफगानिस्तान में राजनीतिक परिवर्तन ने अफगानिस्तान में मानवाधिकार संकट और मानवीय तबाही को तेज कर दिया।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 2001 के बाद की दो सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियां - महिलाओं के अधिकारों में प्रगति और एक स्वतंत्र प्रेस - तालिबान के कब्जे के बाद वापस ले ली गई थी।

रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, एक महिला अधिकार कार्यकर्ता, नवीदा खुरासानी ने कहा, इस्लामिक अमीरात ने कई महिला श्रमिकों के काम पर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। तो, अब उन महिलाओं को क्या करना चाहिए जो परिवार में एकमात्र कमाने वाली हैं?

मीडिया और पत्रकारों के संचालन के लिए जगह का संकुचित होना राजनीतिक परिवर्तन के परिणामस्वरूप एचआरडब्ल्यू द्वारा उजागर किया गया एक और बिंदु है, जिसमें कहा गया है कि इससे स्व-सेंसरशिप और देश में कई मीडिया आउटलेट बंद हो गए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, कई मीडिया आउटलेट्स ने अपनी रिपोटिर्ंग को बंद कर दिया या बहुत कम कर दिया, क्योंकि कई पत्रकार देश छोड़कर भाग गए हैं।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पूर्व सरकार के पतन और उसके बाद के राजनीतिक विकास ने अफगानिस्तान में मानवीय संकट को और गहरा दिया, क्योंकि देश की केंद्रीय बैंक की संपत्ति विदेशों में फ्रीज है, विकास सहायता काट दी गई थी और बैंकिंग प्रणाली बाधित हो गई थी।

रिपोर्ट ने अफगानिस्तान में मानवाधिकार की स्थिति को संकट के रूप में वर्णित किया है।

 

आईएएनएस

Created On :   15 Jan 2022 9:30 AM IST

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