श्रीलंका : बम ब्लास्ट के बाद राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने घोषित की इमरजेंसी, आज रात से होगी लागू
- धमाकों से जुड़े 24 संदिग्धों को पुलिस ने किया गिरफ्तार।
- ब्लास्ट में 500 से ज्यादा लोग घायल।
- श्रीलंका: सीरियल बम धमाकों में अब तक 290 लोगों की मौत।
डिजिटल डेस्क, कोलंबो। श्रीलंका में ईस्टर-डे पर हुए आतंकी हमले के बाद राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया। आपातकाल आज आधी रात से लागू हो जाएगा। श्रीलंका में हुए सीरियल बम धमाकों में मरने वालों की संख्या 290 पहुंच गई है। इस हमले 500 से ज्यादा लोग गंभीर रुप से घायल हुए हैं। जिनका इलाज अस्पतालों में चल रहा है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है। बता दें कि रविवार को ईस्टर के मौके पर चर्च और होटलों समेत कुल 8 सीरियल ब्लास्ट हुए थे। ब्लास्ट की जांच कर रही श्रीलंका की पुलिस अब तक 24 संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। पूरे देश में सोशल मीडिया को पूरी तरह से बैन कर दिया गया है। सेना की तैनाती बढ़ा दी गई है। वहीं सोमवार सुबह कोलंबो एयरपोर्ट के पास एक और बम बरामद हुआ है। जिसे सुरक्षाबलों ने समय रहते ही डिफ्यूज कर दिया। बता दें कि इस हमले में 5 भारतीयों की भी मौत हुई है।
Reuters: Sri Lankan President Maithripala Sirisena to declare nationwide emergency from midnight on Monday following Easter Day blasts pic.twitter.com/41qoYo1HqU
— ANI (@ANI) April 22, 2019
इन धमाकों के कुछ ही घंटे बाद दोपहर में कोलंबो में दहिवाला चिड़ियाघर से लगे एक होटल के पास एक विस्फोट हुआ, जिसमें दो लोग मारे गए। इसके बाद कोलंबो के पड़ोसी देमाटोगोडा में एक विस्फोट में तीन लोग मारे गए। कुल 8 धमाकों में अब तक 290 लोगों की मौत की खबर है।
गौरतलब है कि रविवार को श्रीलंका में कुल आठ सीरियल ब्लास्ट हुए थे। सुबह करीब 8.30 बजे कोलंबो स्थित कोच्चिकाडे के सेंट एंथनी चर्च में पहला धमाका हुआ था। चर्च में सैकड़ों लोग ईस्टर की प्रार्थना सभा के लिए जमा हुए थे। इसके बाद पांच और विस्फोट हुए, जिनके जरिए तीन आलीशान होटलों और नेगोम्बो के सेंट सेबेस्तियन चर्च और कोलंबो से 250 किलोमीटर दूर बट्टीकलोवा में स्थित जियॉन चर्च को निशाना बनाया गया।
श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने लोगों से शांति बनाए रखने और विस्फोट की तेजी से जांच के लिए अधिकारियों का सहयोग करने का अनुरोध किया है। सिरिसेना ने कहा, मैं इस घटना से दुखी हूं। इन जघन्य कृत्यों के पीछे षड्यंत्रों का पता लगाने के लिए इसकी जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने देशवासियों से शांत रहने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
जानकारी के मुताबिक, श्रीलंका पुलिस के मुख्य अधिकारी ने 10 दिन पहले अलर्ट किया था कि देशभर के मुख्य चर्चों में हमले हो सकते हैं। 11 अप्रैल को NTJ (नेशनल तौहीत जमात) की ओर से प्रमुख चर्चों और पब्लिक प्लेस को निशाना बनाने की बात कही गई थी। इस संबंध में श्रीलंका के पुलिस प्रमुख पुजुथ जयसुंदर ने देश के प्रमुख चर्चों पर हमले को लेकर एक अलर्ट जारी किया था। अलर्ट में कहा गया था, आत्मघाती हमलावरों ने प्रमुख चर्चों पर हमला करने की साजिश रची है। पुलिस प्रमुख ने ये अलर्ट शीर्ष अधिकारियों को भेजा था।
बता दें कि NTJ का नाम पुलिस प्रमुख ने अपने अलर्ट में लिया है वो एक वह कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन है। पिछले साल भी यह संगठन सुर्खियों में आया था जब वहां कुछ बौद्ध धर्मस्थलों पर हमला किया गया था।
हमले के बाद से पूरे देश में सोशल मीडिया पर रोक लगी हुई है। वहीं रविवार शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक पूरे देश में कर्फ्यू लगाया गया था। सोमवार सुबह 6 बजे कर्फ्यू हटा लिया गया है। पुलिस ने 24 संदिग्धों को गिरफ्तार कर आपराधिक जांच विभाग (CID) को आगे की जांच के लिए सौंप दिया है।
हालांकि अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने इन आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन विदेशी मीडिया में नैशनल तौहीद जमात का नाम लिया जा रहा है, जो कि एक इस्लामिक चरमपंथी संगठन है। इसका एक धड़ा तमिलनाडु में भी सक्रिय बताया जाता है।
Created On :   22 April 2019 9:37 AM IST