अंबेडकर जयंती: मेयर एरिक एडम्स ने न्यूयॉर्क में हर साल 14 अप्रैल को डॉ अंबेडकर दिवस मनाने का किया ऐलान

मेयर एरिक एडम्स ने न्यूयॉर्क में हर साल 14 अप्रैल को डॉ अंबेडकर दिवस मनाने का किया ऐलान
  • संयुक्त राष्ट्र में हुआ ऐलान, न्यूयॉर्क में 14 अप्रैल को मनाया जाएगा अंबेडकर दिवस
  • डॉ. अंबेडकर के आदर्श सीमाओं और समय से परे-दिलीप चौहान
  • दुनिया के सबसे परिवर्तनकारी चैंपियन अंबेडकर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। न्यूयॉर्क शहर के मेयर एरिक एडम्स ने न्यूयॉर्क में हर साल 14 अप्रैल को भारतीय संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर दिवस मनाने का ऐलान किया है। इसके तहत 8.5 मिलियन शहरवासी डॉ अंबेडकर दिवस को मनाएंगे। न्यूयॉर्क शहर के मेयर ऑफिस के अंतरराष्ट्रीय मामलों के उपायुक्त दिलीप चौहान ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में डॉ. अंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में यह जानकारी दी। कार्यक्रम में शामिल केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने इसकी सराहना की।

दिलीप चौहान ने कहा कि डॉ. अंबेडकर के आदर्श सीमाओं और समय से परे हैं। यूएन और न्यूयॉर्क के हॉलों में उनकी मजबूत जड़ें हैं। यह एक ऐसी सिटी है जो अप्रवासियों द्वारा निर्मित है, जो अपनी विविधता से ऊर्जावान है। यह अवसर और समावेश में अपने साझा विश्वास से एकजुट है। म्हास्के ने एडम्स का आभार जताते हुए कहा कि यह घोषणा प्रतीकात्मक से कहीं अधिक है। यह एक नैतिक घोषणा है जो न्यूयॉर्क को मानवाधिकारों और न्याय के लिए वैश्विक राजधानी के रूप में स्थापित करती है।

फाउंडेशन फॉर ह्यूमन होराइजन के चैयरमेन दिलीप म्हस्के ने कहा कि यह समानता और नागरिक अधिकारों के लिए दुनिया के सबसे परिवर्तनकारी चैंपियनों में से एक की गहरी मान्यता है कि 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर दिवस के रूप में घोषित किया गया है। इस घोषणा में लोकतंत्र, सम्मान, महिला सशक्तीकरण और ऐतिहासिक रूप से हाशिये पर पड़े समुदायों के लिए जस्टिस को आगे बढ़ाने में डॉ. आंबेडकर की महान विरासत को असेप्ट किया है।

मंत्री अठावले ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ऐतिहासिक क्षण जब डॉ. बाबा साहब आंबेडकर की जयंती को न्यूयॉर्क मेयर के कार्यालय द्वारा आधिकारिक रूप से घोषित किया गया। बाबासाहब की न्याय और समानता की वैश्विक विरासत का सम्मान करने के लिए मेयर और डिप्टी कमिश्नर दिलीप चौहान को मेरा हार्दिक धन्यवाद। इससे पहले सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री डॉ. रामदास अठावले ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि डॉ. बीआर अंबेडकर ने समानता, प्रतिनिधित्व और मानवाधिकार जैसे सिद्धांतों के लिए लड़ाई लड़ी थी, वे 2030 के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामूहिक प्रयासों में अधिक प्रासंगिक हैं।

कार्यक्रम से पहले अठावले ने कहा कोलंबिया विश्वविद्यालय के लेहमैन लाइब्रेरी में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। अंबेडकर ज्ञान के प्रतीक है। अंबेडकर का जीवन भारतीय इतिहास का एक अध्याय मात्र नहीं है। यह पूरी मानवता के लिए एक प्रकाश स्तंभ है। वे जाति, गरीबी और उत्पीड़न के हर अवरोध को पार कर समानता, सम्मान और लोकतंत्र के लिए एक वैश्विक वकील बने। उनकी वकालत पूरे विश्व में गूंजती है। वे आधुनिक मानवाधिकार आंदोलन का प्रतीक है।

Created On :   15 April 2025 7:06 PM IST

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