वित्तीय संकट से जूझ रहा पाकिस्तान, अब डिफेंस बजट कम करने का लिया फैसला
- पाक का आम बजट 11 जून को पेश किया जाएगा
- पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना के इस फैसले का स्वागत किया है
- पाकिस्तानी सेना ने अगले वित्त वर्ष के लिए अपना बजट कम करने करने का फैसला लिया है
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर करने के लिए पाकिस्तानी सेना ने अगले वित्त वर्ष के लिए अपना बजट कम करने करने का फैसला लिया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना के इस फैसले का स्वागत किया है। पाक का आम बजट 11 जून को पेश किया जाएगा। पाकिस्तान के अखबार डॉन के मुताबिक, साल 2018 में पाकिस्तान का कुल सैन्य खर्च 11.4 अरब डॉलर रहा था।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट कर कहा "कई सुरक्षा चुनौतियों के बावजूद आर्थिक संकट की घड़ी में सेना की ओर से अपने खर्चे में की कटौती के फैसले का स्वागत करता हूं। हम इन बचाए गए रुपयों को बलूचिस्तान और कबायली इलाकों में खर्च करेंगे।"
इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा, ‘एक वर्ष के लिए रक्षा बजट में स्वैच्छिक कटौती सुरक्षा की कीमत पर नहीं होगी। हम सभी प्रकार के खतरों के जवाब में प्रभावशाली प्रतिक्रिया देते रहेंगे। तीनों सेवाएं उचित आंतरिक कदमों से कटौती के प्रभाव का प्रबंधन करेंगी। कबायली इलाकों और बलूचिस्तान के विकास में भागीदारी करना महत्वपूर्ण है।’
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान पर कर्ज और उसकी जीडीपी का अनुपात 70 फीसदी तक पहुंच गया है। हाल ही में उसने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से छह अरब डॉलर का एक और बेल आउट पैकेज भी हासिल किया है। यह बेलआउट पैकेज 6 बिलियन डॉलर का है जो तीन सालों के दौरान उसे मिलेगा। 1980 के बाद से अब तक पाकिस्तान को 13 बेलआउट पैकेज मिल चुके हैं।
पाकिस्तान के पास दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक है, लेकिन आलोचकों का कहना है कि सेना का खर्च अनावश्यक है और देश को स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पैसा खर्च करने की आवश्यकता है। बता दें कि पाकिस्तान में 40 प्रतिशत से अधिक आबादी पढ़ी-लिखी नहीं है।
Created On :   5 Jun 2019 5:28 PM IST