किसी को FBI तलाश रही है तो कोई पाकिस्तान की जेल से छूटा है; जानिए सरकार में शामिल इन लोगों के बारे में
- तालिबान ने मंगलवार शाम को नई सरकार की घोषणा की
- मुल्ला बरादर उनके पहले डिप्टी होंगे
- मुल्ला हसन अखुंद नई सरकार में कार्यवाहक प्रधानमंत्री होंगे
डिजिटल डेस्क, काबुल। तालिबान ने मंगलवार शाम को नई सरकार की घोषणा की। मुल्ला हसन अखुंद नई सरकार में कार्यवाहक प्रधानमंत्री होंगे, जबकि मुल्ला बरादर उनके पहले डिप्टी होंगे। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं काबुल में कार्यभार संभालने वाली नई सरकार के कुछ प्रमुख लोगों के बारे में:
तालिबान की नई सरकार में मंत्री:
- मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद- प्रधानमंत्री
- मुल्ला बरादर - डिप्टी पीएम 1
- अब्दुल सलाम हनाफी- डिप्टी पीएम 2
- अमीर खान मुत्ताकी - तालिबान विदेश मंत्री
- शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई - उप विदेश मंत्री
- सिराज हक्कानी - तालिबान के आंतरिक मंत्री
- मुल्ला याकूब - तालिबान रक्षा मंत्री
- अब्दुल हकीम शैरी - तालिबान न्याय मंत्री
- खैरुल्लाह खैरख्वा - तालिबान के सूचना मंत्री
- जबीउल्लाह मुजाहिद - उप सूचना मंत्री
- हिदयातुल्लाह बद्री - तालिबान के वित्त मंत्री
- मुल्ला मोहम्मद फाजिल अखुंद- तालिबान के उप वित्त मंत्री
- कारी दीन हनीफ - तालिबान अर्थव्यवस्था मंत्री
- शेख मावलवी नूरुल्लाह - तालिबान शिक्षा मंत्री
- नूर मोहम्मद साकिब - हज और धार्मिक मामलों के मंत्री
- नूरुल्लाह नूरी - तालिबान सीमा और जनजातीय मामलों के मंत्री
- मोहम्मद यूनुस अखुंदज़ादा - तालिबान ग्रामीण पुनर्वास और विकास मंत्री
- अब्दुल मनन ओमारी - तालिबान लोक निर्माण मंत्री
- मोहम्मद एसा अखुंद - तालिबान खान और पेट्रोलियम मंत्री
- मुल्ला अब्दुल लतीफ मंसौर- तालिबान के इलेक्ट्रिसिटी मिनिस्टर
- हमीदुल्लाह अखुंदजादा- मिनिस्टर ऑफ एविएशन
मुल्ला हसन अखुंद (प्रधानमंत्री)
पीएम मुल्ला हसन तालिबान के बर्थप्लेस कंधार से ताल्लुक रखता है और आर्म्ड मूवमेंट के संस्थापकों में से था। मुल्ला हसन ने रहबारी शूरा के प्रमुख के रूप में 20 साल तक काम किया और मुल्ला हेबतुल्लाह के करीब रहा। हसन ने 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान की पिछली सरकार के दौरान विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया था। अखुंद की मार्च 2001 में बामियान बुद्धा के डिस्ट्रक्शन में संदिग्ध भूमिका है। इसलिए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने अखुंद को एक आतंकवादी के रूप में लिस्ट किया था।
मुल्ला बरादर (डिप्टी पीएम)
मंगलवार शाम की घोषणा से पहले मुल्ला बरादर के सरकार का नेतृत्व करने की व्यापक उम्मीद थी। बरादर तालिबान के को-फाउंडर्स में से एक है। बताया जाता है कि बरादर तालिबान के फाउंडर मुल्ला उमर के सबसे भरोसेमंद कमांडरों में से एक था, जिसे 2010 में कराची में सुरक्षा बलों ने पकड़ लिया था और 2018 में रिहा कर दिया गया था।
सिराजुद्दीन हक्कानी (आंतरिक मंत्री)
सिराजुद्दीन हक्कानी कुख्यात हक्कानी नेटवर्क का फाउंडर और प्रसिद्ध सोवियत विरोधी सिपहसालार जलालुद्दीन हक्कानी का बेटा है। देश के दो दशक लंबे युद्ध में कुछ सबसे घातक हमलों के पीछे हक्कानी नेटवर्क का ही हाथ हैं जो तालिबान के साथ जुड़ा है। हक्कानी नेटवर्क को अमेरिका ने विदेशी आतंकवादी संगठन नामित किया है।
एफबीआई वेबसाइट के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग सिराजुद्दीन हक्कानी की सूचना देने पर 5 मिलियन अमरीकी डालर तक का इनाम रखा है। माना जाता है कि सिराजुद्दीन हक्कानी पाकिस्तान में रहता है। तालिबान और अल कायदा के साथ इसके घनिष्ठ संबंध है।
मुल्ला याकूब (रक्षा मंत्री)
मुल्ला याकूब तालिबान के संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर का बेटा है। याकूब मुल्ला हेबतुल्ला का स्टूडेंट था, जिसने पहले उसे तालिबान के शक्तिशाली सैन्य आयोग के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया था।
अमीर खान मुत्ताकी (विदेश मंत्री)
मूल रूप से पक्तिया का रहने वाला अमीर खान मुत्ताकी खुद को हेलमंद का रहने वाला बताता है। मुत्ताकी ने पिछली तालिबान सरकार में शिक्षा मंत्री के साथ-साथ संस्कृति और सूचना मंत्री के रूप में कार्य किया था। मुत्ताकी को बाद में कतर भेजा गया और पीस कमीशन और नेगोसिएशन टीम का सदस्य नियुक्त किया गया जिसने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ बातचीत की।
शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई (कार्यवाहक उप विदेश मंत्री)
शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई पिछली तालिबान सरकार में डिप्टी मिनिस्टर था। स्टेनकजई लगभग एक दशक तक दोहा में रहा, और 2015 में ग्रुप के पॉलिटिकल ऑफिस का प्रमुख बना। स्टेनकजई ने अफगान सरकार के साथ बातचीत में हिस्सा लिया है, और कई देशों की राजनयिक यात्राओं पर तालिबान का प्रतिनिधित्व किया है। स्टानिकजई ने पिछले दिनों दोहा में भारत के राजदूत दीपक मित्तल से मुलाकात की थी।
जबीहुल्लाह मुजाहिद (कार्यवाहक उप सूचना मंत्री)
जबीहुल्लाह मुजाहिद लंबे समय से तालिबान का प्रवक्ता है। मुजाहिद एक दशक से अधिक समय से ग्रुप की गतिविधियों की जानकारी के लिए प्रमुख माध्यम रहा है। वह नियमित रूप से अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से आत्मघाती हमलों का विवरण पोस्ट करता था। काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले मुजाहिद की कोई भी तस्वीर सामने नहीं आई थी।
Created On :   7 Sept 2021 10:25 PM IST