इमरान ने भारत की विदेश नीति की तारीफ की
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- मदद मांगने वाले लोगों के लिए स्थापित नहीं हुआ
डिजिटल डेस्क, लाहौर। गुलामी पर एक बार फिर बोलते हुए पीटीआई प्रमुख इमरान खान ने शनिवार को कहा कि देश को राष्ट्रीय फैसले खुद लेने चाहिए और देश को महाशक्तियों का गुलाम नहीं बनना चाहिए। जियो न्यूज के मुताबिक, इमरान खान ने वीडियो लिंक के जरिए लॉन्ग मार्च को संबोधित करते हुए कहा, पाकिस्तान दूसरों से मदद मांगने वाले लोगों के लिए स्थापित नहीं हुआ था।
पीटीआई प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी एक स्वतंत्र देश चाहती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने अफसोस जताया कि उन्हें भारत का उदाहरण बार-बार साझा करना पड़ता है। उन्होंने कहा- हालांकि देश का गठन पाकिस्तान के साथ हुआ था, इसकी (भारत) एक अनुकरणीय विदेश नीति है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, रूस से तेल आयात करने के लिए अमेरिका भारत से नाराज था, लेकिन अपने लोगों के हित में भारत के ²ढ़ रुख के कारण मामला सुलझ गया। उन्होंने अपने मालिक के डर से रूस से तेल नहीं खरीदकर जनता पर बोझ डालने के लिए पाकिस्तान की वर्तमान गठबंधन सरकार पर निशाना साधा।
द न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने उन्हें अलोकतांत्रिक खेल का खिलाड़ी बताते हुए शनिवार को कहा था कि पीटीआई के अध्यक्ष सेना प्रमुख की संवैधानिक नियुक्ति पर विवाद करने के लिए तैयार हैं। जरदारी ने इस्लामाबाद में पत्रकारों से कहा, खान अपने विरोध की राजनीति के जरिए इस महत्वपूर्ण नियुक्ति और संविधान के क्रियान्वयन को विवादित बनाना चाहते हैं। खान के लॉन्ग मार्च के पीछे कोई लोकतांत्रिक एजेंडा नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि केवल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ही सेना प्रमुख की नियुक्ति के लिए अधिकृत हैं और हमारे प्रमुख जो भी सेना प्रमुख के रूप में नामित करेंगे, हम उसके साथ खड़े होने जा रहे हैं। जरदारी ने खान को सलाह दी कि पहले प्रधानमंत्री को नियुक्ति पर निर्णय लेने दें और फिर एक रैली के लिए अपने साथियों के साथ संघीय राजधानी में उतरें। जरदारी ने कहा, नियुक्ति की प्रक्रिया अगले सप्ताह शुरू होने वाली है। उन्हें (खान) संवैधानिक प्रक्रिया को अपना काम करने देना चाहिए। वह सेना प्रमुख की नियुक्ति के एक सप्ताह बाद मार्च कर सकते हैं।
(आईएएनएस)
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Created On :   19 Nov 2022 11:00 PM IST