India-China Dispute: चीनी विदेश मंत्रालय का बयान, किसी भी भारतीय सैनिक को बंधक नहीं बनाया

Hectic negotiations lead to return of 10 Indian soldiers from Chinese custody
India-China Dispute: चीनी विदेश मंत्रालय का बयान, किसी भी भारतीय सैनिक को बंधक नहीं बनाया
India-China Dispute: चीनी विदेश मंत्रालय का बयान, किसी भी भारतीय सैनिक को बंधक नहीं बनाया

डिजिटल डेस्क,बीजिंग। लद्दाख के गलवान घाटी में हिंसक झड़प के 3 दिन बाद चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन ने किसी भी भारतीय सैनिक को बंधक नहीं बनाया है। इससे पहले खबरें आ रही थी कि गुरुवार को चीन ने 2 भारतीय मेजर समेत 10 सैनिकों को अपनी कस्टडी से छोड़ा है। मंगलवार से गुरुवार तक मेजर जनरल स्तर पर तीन दौर की वार्ता के बाद इन सैनिकों को छोड़ा गया है।

सेना ने कहा था कोई भी सैनिक लापता नहीं
इससे पहले गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि कोई भी सैनिक लापता नहीं है। 15 जून की रात लद्दाख की गलवान वैली में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के एक कर्नल और 19 जवान शहीद हो गए। चीन के भी 43 सैनिकों के मारे जाने की खबर आई थी। 

एक महीने से ज्यादा समय से चल रहा विवाद
भारत और चीन के बीच पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से लद्दाख सीमा पर विवाद चल रहा है। पांगोंग लेक, गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग सहित अन्य क्षेत्रों में चीनी सैनिकों के दाखिल होने से ये विवाद पैदा हुआ है। 5 मई को इसे लेकर दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प भी हुई थी।

सैन्य स्तर की कई वार्ताओं के बाद 6 जून को दोनों देश के बीच लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की बातचीत हुई थी। इस दौरान दोनों देशों के सैन्य कमांडरों ने सीमा विवाद सहित कई मुद्दों पर चर्चा की। इसके बाद दोनों देश गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग एरिया में अपनी-अपनी सेनाओं को करीब 2 किलोमीटर तक पीछे हटाने को सहमत हुए। लेकिन चीन ने धोखेबाजी कर गलवान घाटी के पेट्रोलिंग पॉइंट 14 पर भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया था।

चीन ने गलवान घाटी पर जताया दावा
चीन अब गलवान घाटी पर अपना दावा जता रहा है। हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन के गलवान घाटी पर किए गए दावे को "अतिशयोक्तिपूर्ण और अपुष्‍ट" करार दिया है। न्यूज चैनल आजतक से भी बातचीत में तिब्बत की निर्वासित सरकार के पीएम लोबसंग सांगेय ने कहा था कि गलवान वैली पर चीन का अधिकार नहीं है। अगर चीनी सरकार ऐसा दावा कर रही है तो ये गलत है। गलवान नाम ही लद्दाख का दिया हुआ है, फिर ऐसे दावों का कोई मतलब नहीं रह जाता है।

चीन एशिया में नंबर-1 बनना चाहता है
पीएम लोबसंग सांगेय ने कहा था कि चीन एशिया में नंबर-1 बनना चाहता है। एशिया में उसका मुकाबला भारत, इंडोनेशिया और जापान से है, इसलिए वो हथेली की 5 फिंगर्स (लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, नेपाल, भूटान) को काबू करना चाहता है। पहले उसने डोकलाम में नापाक हरकत की, अब लद्दाख में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। उधर, नेपाल से भी भारत के रिश्ते थोड़े बिगड़ गए हैं।

Created On :   19 Jun 2020 12:37 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story