चीन में सेंसरशिप के खिलाफ प्रदर्शन, लोगों ने कोरे कागज की चादरें लहराईं, नारे लगाए
![Demonstration against censorship in China, people waved sheets of blank paper, raised slogans Demonstration against censorship in China, people waved sheets of blank paper, raised slogans](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2022/12/890889_730X365.jpg)
- नारे लगाते हुए इंटरनेट पर बाढ़ आ गई
डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। चीन में एंटी-वायरस लॉकडाउन के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच लोगों ने सेंसरशिप और बोलने की आजादी पर प्रतिबंध के खिलाफ भी प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने विरोध प्रदर्शित करने के लिए कोरे कागज की चादरें लहराईं और सरकार विरोधी नारे लगाए। मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
आरएफए की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह के अंत में कागज की शीटों को पकड़े हुए भीड़ के वीडियो और नारे लगाते हुए इंटरनेट पर बाढ़ आ गई। एक दर्जन से अधिक शहरों में हुए प्रदर्शनों को सोशल मीडिया पर चीनी भाषा में किए गए पोस्टों में ने श्वेत पत्र क्रांति कहा गया। चीनी नेतृत्व को चुनौती देने के लिए दशकों बाद इस तरह के प्रदर्शन हुए। पुलिस ने सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया और विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने छात्रों को जबरन घर भेज दिया गया।
चीन में विरोध के प्रतीक के रूप में कोरे कागज की खाली शीट का उपयोग करना कोई नई बात नहीं है। ताइवान स्थित चीनी ब्लॉगर जुओला ने रेडियो फ्री एशिया को बताया कि 1990 के दशक के दौरान सोवियत संघ में और हाल के वर्षो में रूस और बेलारूस में भी विरोध के दौरान कोरे कागज का इस्तेमाल किया गया। जुओला ने कहा, चीन में मौजूदा माहौल में सरकार आपको कुछ भी कहने के लिए मना कर सकती है। यह विरोध प्रदर्शन की अंतिम प्रकार की एक कला है, जिसका मतलब है कि कागज की एक खाली शीट को पकड़कर आप कह रहे हैं कि आपके पास कहने के लिए कुछ है, जो आपने अभी तक नहीं कहा है। उन्होंने कहा, विरोध प्रदर्शन की यह कला बहुत तेजी से प्रचलित हुई है। हाल के दिनों में चीनी सरकार द्वारा लगाए गए सामाजिक प्रतिबंधों और राजनीतिक नियंत्रणों के प्रति असंतोष दिखाने के लिए प्रदर्शनकारियों ने सफेद कोरे कागज की चादरें लहराना शुरू कर दिया है।
झिंजियांग उईघुर स्वायत्त क्षेत्र की क्षेत्रीय राजधानी उरुमकी में 24 नवंबर को कोविड-19 प्रतिबंधों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान आगजनी की घटना भी हुई थी, जिसमें कम से कम 10 लोग मारे गए थे। इस घटना ने उन लाखों चीनी लोगों की मन में निराशा पैदा कर दी, जिन्होंने लगभग तीन साल तक बार-बार लॉकडाउन, यात्रा प्रतिबंध, आइसोलेशन और अपने जीवन में कई अन्य प्रतिबंधों को सहन किया है। बीजिंग, शंघाई और अन्य शहरों में लोगों को अपने सिर के ऊपर कागज के सफेद टुकड़ों को पकड़े हुए दिखाते हुए वीडियो इंटरनेट के जरिए प्रसारित होते रहे हैं। आरएफए के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, लोकतांत्रिक सुधारों और राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पद से हटाने की मांग भी शुरू कर दी है।
(आईएएनएस)
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   1 Dec 2022 7:30 PM IST