सीपीएन-माओवादी सेंटर के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प प्रचंड ने कहा नेपाल में शांति प्रक्रिया शुरू करने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका
डिजिटल डेस्क, काठमांडू। सीपीएन-माओवादी सेंटर के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने सोमवार को कहा कि अगर भारत सकारात्मक नहीं होता तो नेपाल में शांति बहाल करना संभव नहीं होगा। नेपाल में शांति प्रक्रिया शुरू करने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है।
नेपाल में पूर्व भारतीय राजदूत रंजीत राय के एक पुस्तक विमोचन समारोह में टिप्पणी करते हुए प्रचंड ने कहा कि उनके प्रयासों या नेपाल की राजनीतिक ताकतों द्वारा किए गए प्रयासों से शांति प्रक्रिया शुरू करना संभव नहीं था। उन्होंने कहा भारत के समर्थन के बिना नेपाल में शांति प्रक्रिया संभव नहीं है। भारत की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। भारत के समर्थन से शांति प्रक्रिया शुरू हुई और नेपाल में शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए।
एक दशक लंबे जनयुद्ध को समाप्त करते हुए नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी और फिर सात पार्टी गठबंधन ने 2005 में नई दिल्ली में 12-सूत्रीय समझौते पर हस्ताक्षर किए। जिससे माओवादियों का मुख्यधारा की राजनीति में शामिल होने का मार्ग प्रशस्त हुआ। बाद में, उन्होंने 2006 की शुरुआत में काठमांडू में एक व्यापक शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए। जिससे अंतत: संविधान सभा के चुनावों का मार्ग प्रशस्त हुया। माओवादियों ने भी अपने हथियार और सेनाएं रखीं, शांतिपूर्ण राजनीति में शामिल हुए और चुनावों में भाग लिया।
प्रचंड ने कहा कि नेपाल में राजनीतिक स्थिरता और विकास नेपाल-भारत संबंधों को मजबूत करने से ही संभव है। उनके मुताबिक नेपाल-भारत संबंधों के आयाम बहुत व्यापक हैं और संबंधों को मजबूत करके ही नेपाल का विकास संभव होगा।
(आईएएनएस)
Created On :   26 Oct 2021 12:30 AM IST